समूह ‘घ’ व ‘ग’ के अलावा समूह ख के अराजपत्रित पदों से इंटरव्यू खत्म करने के फैसले से नौकरी की राह देख रहे युवाओं को फायदा होगा। वर्तमान में समूह ‘घ’ की भर्तियों पर रोक लगी है।
समूह ‘ग’ व समूह ‘ख’ के अराजपत्रित पदों पर भर्ती होगी। इस समय इन संवर्गों के करीब 67 हजार पद खाली हैं। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन होने के बाद सरकार इन पदों पर नई भर्तियां शुरू करवा सकेगी।
अखिलेश सरकार ने नहीं किया था लागू
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नौकरियों से इंटरव्यू खत्म करने के बाद राज्यों को भी यही व्यवस्था लागू करने को कहा था। प्रदेश की तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार ने केंद्र के आग्रह को नहीं माना और ज्यादा से ज्यादा पदों का विज्ञापन निकालकर इंटरव्यू के आधार पर भर्तियां करने का प्रयास किया। इससे तत्कालीन सरकार की खासा किरकिरी हुई और यह चुनाव में मुद्दा भी बन गया।
पीएम मोदी का फैसला प्रदेश में भी लागू
कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने मंगलवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 दिसंबर 2015 को भर्तियों में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए विभिन्न पदों पर इंटरव्यू खत्म करने का फैसला किया था।
प्रधानमंत्री ने विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश की सत्ता में आने पर यह निर्णय यहां भी लागू करने की बात कही थी। प्रदेश के लोक कल्याण संकल्प-पत्र में भी इसे शामिल किया गया था। केंद्र की तरह अब प्रदेश सरकार ने भी यह व्यवस्था लागू कर दी गई है।
ये होंगे बदलाव
- जहां अवर स्तरीय पद पर सीधी भर्ती सिर्फ साक्षात्कार के आधार पर होती है, वहां अब ऐसा चयन केवल लिखित परीक्षा के आधार पर होगा।
- जहां चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के अलग-अलग अंक तय हैं, वहां इंटरव्यू के अंकों को लिखित परीक्षा के तय अंकों में जोड़ दिया जाएगा।
- लिखित परीक्षा की व्यवस्था न होने की दशा में साक्षात्कार के तय अंकों को लिखित परीक्षा के अंक मान लिए जाएंगे।
- कौशल परीक्षा या तकनीकी परीक्षा अर्हकारी होगी और उसके अंक संपूर्ण चयन प्रक्रिया में नहीं जोड़े जाएंगे।
- अगर प्रशासकीय विभाग किसी विशिष्ट अवर स्तरीय पद पर चयन के लिए इंटरव्यू को जरूरी समझता है तो वह कार्मिक विभाग को समुचित प्रस्ताव भेजेगा। कार्मिक विभाग इस पर विचार कर निर्णय लेगा।
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समूह ‘ग’ व समूह ‘ख’ के अराजपत्रित पदों पर भर्ती होगी। इस समय इन संवर्गों के करीब 67 हजार पद खाली हैं। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन होने के बाद सरकार इन पदों पर नई भर्तियां शुरू करवा सकेगी।
अखिलेश सरकार ने नहीं किया था लागू
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नौकरियों से इंटरव्यू खत्म करने के बाद राज्यों को भी यही व्यवस्था लागू करने को कहा था। प्रदेश की तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार ने केंद्र के आग्रह को नहीं माना और ज्यादा से ज्यादा पदों का विज्ञापन निकालकर इंटरव्यू के आधार पर भर्तियां करने का प्रयास किया। इससे तत्कालीन सरकार की खासा किरकिरी हुई और यह चुनाव में मुद्दा भी बन गया।
पीएम मोदी का फैसला प्रदेश में भी लागू
कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने मंगलवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 दिसंबर 2015 को भर्तियों में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए विभिन्न पदों पर इंटरव्यू खत्म करने का फैसला किया था।
प्रधानमंत्री ने विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश की सत्ता में आने पर यह निर्णय यहां भी लागू करने की बात कही थी। प्रदेश के लोक कल्याण संकल्प-पत्र में भी इसे शामिल किया गया था। केंद्र की तरह अब प्रदेश सरकार ने भी यह व्यवस्था लागू कर दी गई है।
ये होंगे बदलाव
- जहां अवर स्तरीय पद पर सीधी भर्ती सिर्फ साक्षात्कार के आधार पर होती है, वहां अब ऐसा चयन केवल लिखित परीक्षा के आधार पर होगा।
- जहां चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के अलग-अलग अंक तय हैं, वहां इंटरव्यू के अंकों को लिखित परीक्षा के तय अंकों में जोड़ दिया जाएगा।
- लिखित परीक्षा की व्यवस्था न होने की दशा में साक्षात्कार के तय अंकों को लिखित परीक्षा के अंक मान लिए जाएंगे।
- कौशल परीक्षा या तकनीकी परीक्षा अर्हकारी होगी और उसके अंक संपूर्ण चयन प्रक्रिया में नहीं जोड़े जाएंगे।
- अगर प्रशासकीय विभाग किसी विशिष्ट अवर स्तरीय पद पर चयन के लिए इंटरव्यू को जरूरी समझता है तो वह कार्मिक विभाग को समुचित प्रस्ताव भेजेगा। कार्मिक विभाग इस पर विचार कर निर्णय लेगा।
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