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योगी सरकार ने सहायक अध्यापकों की भर्ती में किया अहम बदलाव, बदली नियमावली को दी मंजूर

इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शिक्षा विभाग में एक और बड़ा फेरबदल किया है। योगी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ शिक्षा सेवा नियमावली में पांचवां संशोधन करते हुए यूपी अधीनस्थ शिक्षा सेवा नियमावली- 2017 को मंजूरी दी है।
इस मंजूरी के साथ ही अब सूबे में भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा या यूं कहे की भर्ती प्रक्रिया ही बदल जाएगी। इस बदलाव से अब राजकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की भर्ती से साक्षात्कार की प्रक्रिया समाप्त कर दी गई है। साथ ही अंक पत्रों के आधार पर बनाई गई मेरिट से चयन प्रक्रिया को ख़त्म करते हुए लिखित परीक्षा प्रणाली लागू कर दी गई है।

क्यों किया गया बदलाव

यूपी में अभी तक की भर्ती प्रक्रिया की यह कहनी थी कि हाईस्कूल, इंटर और बीएड में टॉप के नंबर लाइए और टीचर बन जाइये, यानी कि सूबे के राजकीय विद्यालयों में अभी तक सहायक अध्यापकों के चयन की प्रक्रिया एकेडमिक अंकों के आधार पर बनाई गई मेरिट से होती थी। यह महिला और पुरुष संवर्ग दोनों की चयन प्रक्रिया में लागू था। इस प्रक्रिया पर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं।

भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की कवायद

आरोप लगते रहे हैं कि इसमें पारदर्शिता नहीं है। साथ ही यह कहा जाता रहा है कि इस चयन प्रक्रिया में मेधावी अभ्यर्थियों का हक मारा जाता था। ऐसे में योगी सरकार से उम्मीदें थी, जिसे पूरा करते हुए योगी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ शिक्षा सेवा नियमावली में पांचवा संसोधन करते हुए नियमावली -2017 को मंजूरी दी है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह द्वारा जारी बयान में कहा गया है की भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी बनाने के लिए बदलाव किया गया है।

यूपीपीएससी कराएगा सहायक अध्यापकों की भर्ती

सहायक अध्यापकों की भर्ती उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग कराएगा। इसमें अब साक्षात्कार व एकेडमिक मेरिट की प्रक्रिया समाप्त कर दी गई है। लिखित परीक्षा के जरिए ही चयन होगा, इसमें अभ्यर्थी को स्नातक और बीएड होना जरूरी होगा।
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