सरकार के आश्वासन के साथ समाप्त हुआ शिक्षामित्रों का आंदोलन

राजधानी लखनऊ में पिछले तीन दिनों से जारी शिक्षामित्रों का आंदोलन प्रतिनिधिमण्डल के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के बाद समाप्त हो गया। लाल बहादुर शास्त्री भवन स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रतिनिधिमण्डल और मुख्यमंत्री के बीच लगभग डेढ़ घंटे तक वार्ता चली।
इस दौरान शिक्षामित्रों ने अपना प्रत्यावेदन प्रस्तुत किया तथा मुख्यमंत्री ने उसपर एक तीन सदस्यीय समिति बनाकर विचार करने का आश्वासन दिया।
प्रस्तुत प्रत्यावेदन में शिक्षामित्रों ने आश्रम पद्धति विद्यालयों के प्राथमिक शिक्षकों की भांति वर्ष में ‘ग्यारह माह उन्तीस दिन’ का वेतन दिए जाने का सुझाव मुख्यमंत्री के सामने रखा था। जिसपर विचार करने का आश्वासन देते हुए मुख्यमंत्री ने इसके लिए एक तीन सदस्यों की कमेटी तत्काल गठित करदी। इस समिति में अपर मुख्य सचिव शिक्षा एवं कृषि उत्पादन आयुक्त आर पी सिंह, प्रमुख सचिव सूचना विभाग अवनीश अवस्थी तथा जिलाधिकारी लखनऊ कौशल राज शर्मा को रखा गया है। अगले तीन दिनों में यह समिति रिपोर्ट देगी कि क्या शिक्षामित्रों द्वारा दिए गए सुझाव के अनुसार आश्रम पद्धति की वेतन प्रणाली इन आंदोलनकारी शिक्षामित्रों के मामले में लागू की जा सकती है अथवा नहीं।
इससे पहले प्रदेश भर के जनपदों से आए करीब डेढ़ लाख शिक्षामित्र लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान सोमवार से डटे थे। इनमें से 12 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल शाम 4 बजे योगी से मिलने के लिए गया। शिक्षामित्रों को पहले 5 केडी पर सीएम से मिलने के लिए बुलाया गया था, लेकिन वहां पर सीएम योगी मुलाकात नहीं हो सकी। फिर मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों को 4 बजे एनेक्सी में बुलाया। पहले मुलाकात के लिए दोपहर 2 बजे का वक्त तय किया गया था। बाद में वो समय शाम 4 बजे का हो गया।
आंदोलन को लेकर पहले ही अलर्ट था प्रशासन
गौरतलब है कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों से राजधानी के लक्ष्मण मेला मैदान पहुंचे तकरीबन डेढ़ लाख शिक्षामित्रों ने आज दोपहर को ही हजरतगंज थाने में गिरफ्तारी देने की बात कही थी। इसे देखते हुए प्रशासन अलर्ट था । प्रशासन ने पहले से मिली सूचना के आधार पर यूपी के लखनऊ, गोरखपुर, बलिया, आजमगढ़ और रायबरेली डिस्ट्रिक्ट की लगभग 400 से ज्यादा बसें मंगा ली थीं । इन बसों को 1090 चौराहे से लेकर फन माल के बीच सड़क के किनारे पर खड़ा कराया गया था। इन बसों से शिक्षामित्रों को शहर से बाहर भेजने की पूरी तैयारी की गयी थी।

ट्रैफिक और कानून व्यवस्था को संभालना बनी चुनौती
प्रशासन के लिए आज के दिन शहर की ट्रैफिक और कानून व्यवस्था को मेंटेन रखना बड़ी चुनौती साबित हुयी। लोगों को अंदेशा था कि प्रशासन को शिक्षामित्रों को रोक पाना आसान नहीं होगा। यदि शिक्षामित्र लक्ष्मणमेला मैदान से निकलने में कामयाब हो जाते तो फिर उन्हें रोक पाना आसान नहीं होता। वे बड़ा उपद्रव भी कर सकते थे। इसलिए आज डर बना हुआ था।
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