D.EL.ED: डीएलएड (पूर्व बीटीसी) में आधी दुनिया का बोलबाला, सात लाख 19 हजार आवेदकों में से आधे से अधिक महिला अभ्यर्थी

इलाहाबाद : डीएलएड (पूर्व बीटीसी) 2017 की सवा दो लाख से अधिक सीटों में से अधिकांश पर इस बार महिला अभ्यर्थी दिखेंगी। इसकी वजह यह है कि महिला दावेदारों ने डीएलएड में प्रवेश पाने के लिए पुरुष
अभ्यर्थियों को काफी पीछे छोड़ दिया है।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के अनुसार दावेदारों में आधे से अधिक महिलाएं ही हैं, जो शिक्षक बनने को लालायित हैं। महिला अभ्यर्थियों की मेरिट पुरुषों के मुकाबले बेहतर है। अधिकांश सीटें महिलाओं को आवंटित होने के पूरे आसार हैं। 1डीएलएड 2017 में प्रवेश पाने की प्रक्रिया शुरू है पहले चरण में 40 हजार रैंक तक के अभ्यर्थी मनपसंद कालेजों में प्रवेश पाने के लिए ऑनलाइन विकल्प भर रहे हैं। प्रदेश में डायट, निजी और अल्पसंख्यक कालेजों की सीटें इस बार दो लाख 29 हजार से अधिक हैं। इन सीटों पर प्रवेश पाने के लिए सात लाख 19 हजार 429 अभ्यर्थियों ने दावेदारी की है। दावेदारों में से आधे से अधिक महिला अभ्यर्थी हैं। डीएलएड के 2015 सत्र तक सभी सीटों पर पुरुष-महिला व विज्ञान और कला वर्ग के अभ्यर्थियों को आधी-आधी सीटें आवंटित की जाती रही हैं, लेकिन इस बार यह कोटा खत्म कर दिया गया है। अब लिंग व विषय के आधार पर सीटें विभाजित नहीं होंगी, उसे ही प्रवेश मिलेगा, जिसकी मेरिट अन्य से बेहतर है। यह नियम महिलाओं को अधिक सीटों पर प्रवेश दिलाने में सहायक बन रहा है। इसकी एक वजह यह भी है कि पुरुषों के मुकाबले महिला अभ्यर्थियों की मेरिट भी ऊंची है। ऐसे में संभव है कि प्रदेश के कई कालेजों में 2017 के सत्र में अधिकांश महिला अभ्यर्थियों को ही प्रवेश मिले। 1वैसे भी महिलाओं को शिक्षक की नौकरी अन्य सेवाओं के मुकाबले ज्यादा रास आती है। हालत यह है कि हर सीट पर पुरुषों को महिला अभ्यर्थी टक्कर दे रही हैं। दाखिले की दौड़ में वही पुरुष अभ्यर्थी टिक पाएंगे जिनकी मेरिट महिलाओं की तुलना में बेहतर है। कई साल से डीएलएड में प्रवेश पाने की उम्मीद संजोए पुरुष अभ्यर्थियों को इस बार सीटें अधिक होने के बाद भी दाखिले से बाहर होना पड़ सकता है।
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