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शिक्षामित्रों का ऐलान, 30 से 35 हजार मानदेय न होने तक जारी रहेगा प्रदर्शन, लाठीचार्ज

मनमाफिक मानदेय नहीं मिलने से नाराज शिक्षामित्रों का आंदोलन तेज होता जा रहा है। शिक्षामित्रों ने दूसरे दिन बृहस्पतिवार को स्कूलों और बीएसए दफ्तरों पर तालाबंदी कर प्रदर्शन किया।
साथ ही अर्द्धनग्न प्रदर्शन कर सरकार के निर्णय से नाराजगी जाहिर की। उन्होंने मानदेय 30 से 35 हजार रुपये तक नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने की घोषणा की।
उधर, पुलिस ने आंदोलनकारी शिक्षामित्रों को नियंत्रित करने के लिए कुछ जिलों  में लाठीचार्ज किया, वहीं उनके नेताओं को गिरफ्तार करने के लिए घर पर दबिश दी। शिक्षामित्रों ने सरकार से मानदेय 30 से 35 हजार रुपये तक करने, टीईटी से छूट के लिए एनसीटीई की अधिसूचना में संशोधन कराने सहित अन्य मांग की है।
लखनऊ में विधानभवन के बाहर प्रदर्शन करने जा रहे कुछ शिक्षामित्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर वहां से खदेड़ा। कुशीनगर में पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे शिक्षामित्रों पर लाठी चार्ज किया। शिक्षामित्रों ने भी विरोध स्वरूप गिरफ्तारी दी। सहारनपुर में भी प्रदर्शन कर रहे शिक्षामित्रों ने पुलिस ने लाठीचार्ज किया। बरेली में शिक्षामित्रों ने प्रदर्शन कर कैबिनेट के निर्णय की प्रतियां जलाईं।
आगरा में शिक्षामित्रों ने डायट कार्यालय पर अर्द्धनग्न प्रदर्शन कर धरना दिया और सरकार से मानदेय बढ़ाने की मांग की। अंबेडकर नगर में भी शिक्षामित्रों ने बीएसए कार्यालय पर प्रदर्शन कर नारेबाजी की। बलिया में शिक्षामित्रों ने बीएसए दफ्तर पर तालाबंदी कर काम ठप करा दिया। जौनपुर में भी शिक्षामित्रों ने विद्यालयों में तालाबंदी कर शिक्षण कार्य का बहिष्कार किया।
शिक्षामित्रों को एसओ ने स्कूल से उठवाया, थाने का घेराव

बहराइच में रानीपुर के थानाध्यक्ष ने क्षेत्र में स्थित चार विद्यालयों के शिक्षामित्रों को सुबह स्कूल से उठवा लिया। एसओ ने सभी पर आत्महत्या की कोशिश करने का आरोप मढ़ा। सूचना पाकर शिक्षामित्र संगठन के पदाधिकारी थाने पहुंच गए। सभी ने एसओ पर मनमानी का आरोप मढ़ते हुए नारेबाजी कर थाने का घेराव किया। जिससे हड़कंप की स्थिति बनी रही। दो घंटे तक प्रदर्शन चला। इस दौरान संगठन के जिलाध्यक्ष को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। अफरा-तफरी के बीच देर शाम शिक्षामित्र थाने से खिसके।
रानीपुर थाना अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय चाकूजोत के शिक्षामित्र अमरेश विश्वास, रमवापुर के प्रदीप सिंह, गुदुवापुर प्राथमिक विद्यालय की रंजना पाठक को थानाध्यक्ष आरके सिंह ने पुलिस बल के साथ सुबह स्कूल पहुंचकर अपनी सुरक्षा में ले लिया। थानाध्यक्ष ने कहा कि ये चारों शिक्षामित्र आत्महत्या की योजना बना रहे हैं। सभी को थाने ले जाया गया। इसकी सूचना जब उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारियों को हुई तो सभी आक्रोशित हो उठे।
संगठन के प्रांतीय प्रवक्ता व जिलाध्यक्ष शिवश्याम मिश्र तथा जिला प्रवक्ता अनवारुल रहमान की अगुवाई में सैकड़ों की संख्या में शिक्षामित्र रानीपुर थाने पहुंच गए। नारेबाजी कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके चलते न सिर्फ स्कूलों का पठन-पाठन ठप हुआ। बल्कि मिडडेमील योजना भी प्रभावित हुई। शिक्षामित्रों के प्रदर्शन से अफरा-तफरी की स्थिति बन गई। मामला बिगड़ते देख पुलिस ने प्रांतीय प्रवक्ता व जिलाध्यक्ष शिवश्याम मिश्र को भी हिरासत में ले लिया। शाम चार बजे तक नारेबाजी व प्रदर्शन का दौर चला। थाने के घेराव से व्यवस्था चरमरा गईं।
इसके बाद पुलिस ने सभी को समझा-बुझाकर प्रदर्शन खत्म करवाया। शिक्षामित्रों को रिहा किया गया। प्रदर्शन का संचालन गिरीश जायसवाल ने किया। मौके पर मीडिया प्रभारी दुर्गेशचंद्र श्रीवास्तव, जिला मंत्री अशोक जायसवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल सिंह, सूर्यप्रताप सिंह, रामसरन मौर्य, अमित सिंह, महेश सिंह आदि मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री का पुतला फूंका, निकाला मार्च

प्रदर्शन करते शिक्षामित्र।
फैजाबाद में सरकार की वादाखिलाफी से आक्रोशित सैकड़ों शिक्षामित्रों ने गुरुवार को बीएसए कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया। इस दौरान रोडवेज तक मार्च निकाल जमकर नारेबाजी की और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला भी जलाया। सरकार से त्वरित निर्णय लेते हुए समान कार्य समान वेतन के आदेश को पारित कराने की मांग की। शिक्षामित्रों के तल्ख तेवरों से हलकान पुलिस बल बीएसए ऑफिस पर पूरे दिन मौजूद रहा।
शिक्षामित्रों ने गुरुवार को सुबह से अपनी मांगों को लेकर बीएसए ऑफिस पर अनवरत धरना-प्रदर्शन का एलान किया। बीएसए कार्यालय पर आक्रोशित शिक्षामित्रों ने कार्यालय से रोडवेज तक मार्च निकालकर सरकार की वादाखिलाफी का विरोध जताया। इस दौरान जमकर नारेबाजी की। इस बीच नगर मजिस्ट्रेट सीएल मिश्रा ने शिक्षामित्रों का ज्ञापन लिया। साथ ही सिटी मजिस्ट्रेट ने शिक्षामित्रों को आश्वस्त किया कि उनकी मांग को मुख्यमंत्री के पास भेज दिया जाएगा। इससे पहले शिक्षामित्रों ने संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शन किया।
शिक्षामित्रों के आक्रोश को देखते हुए बीएसए कार्यालय के अधिकांश कर्मचारी भी सकते में रहे। आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिला उपाध्यक्ष अरविंद दुबे, प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय कोषाध्यक्ष विश्वनाथ सिंह, प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष संजय सिंह, आससिवे एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अनुज सिंह, आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव रामजी द्विवेदी, समिति के जिलाध्यक्ष विजय वर्मा आदि ने कहा कि सरकार जल्द निर्णय ले अन्यथा आरपार की लड़ाई होगी।
आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी अनूप द्विवेदी ने कहा कि जल्द ही दिल्ली में बड़े आंदोलन की घोषणा की जाएगी। शुक्रवार को सभी शिक्षामित्रों को 10 बजे बीएसए कार्यालय पर बुलाया गया है । प्रदर्शन में सचिन त्रिपाठी, राजेश मिश्रा, अरुण सिंह, अनिल पाण्डेय, रामदर्शन, शैलेंद्र निषाद, प्रमोद सिंह, भरत सिंह, गौरी शंकर आदि मौजूद रहे।
शिक्षामित्रों ने अर्द्धनग्न होकर किया प्रदर्शन

बलरामपुर में वीर विनय चौराहे पर गुरुवार को शिक्षामित्रों ने अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान सभी रास्तों पर काफी देर तक आवागमन बाधित रहा। आठ सितंबर को होने वाली भाजपा की तिरंगा यात्रा में शिक्षामित्रों ने व्यवधान उत्पन्न करने की चेतावनी दी है। शिक्षामित्रों की इस धमकी को लेकर प्रशासन की नींद उड़ गई है। प्रशासन की तरफ से शिक्षामित्रों से शांति बनाए रखने की अपील की गई। वहीं, प्रशासन को अपील को ठेंगा दिखाकर शिक्षामित्र अपनी मांग पर अड़े हैं। नगर में मार्च निकालकर शिक्षामित्रों ने केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
नगर के वीर विनय चौराहे पर समायोजित शिक्षक-शिक्षामित्र संयुक्त संघर्ष मोर्चा के जिला संयोजक देव कुमार मिश्र व सह संयोजक गिरिजा शंकर शुक्ल ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार जनता को सिर्फ जुमला पहना रही है। प्रदेश सरकार ने सभी संगठनों की आम सहमति से दिए गए मांगपत्र पर विचार करते हुए जन सामान्य निर्णय लेने का आश्वासन दिया था, लेकिन प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों को 10 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय देने का एलान करके दिए आश्वासन का खुला उल्लंघन किया है।
सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के पौने दो लाख शिक्षामित्रों मेें आक्रोश व्याप्त है। प्रदेश सरकार के निर्णय से शिक्षामित्र अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। कहा कि यदि प्रदेश सरकार 10 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय के प्रस्ताव को तत्काल वापस नहीं लेगी तो शिक्षामित्र आरपार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं।
धरने को संबोधित करते हुए संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारी अंजू पांडेय, घनश्याम चौहान, जितेंद्र चौधरी, गीता देवी, फैजान अंसारी, अब्दुल्ला, जाहिदा बेगम, मीरा चौधरी, अशोक सिंह, अंजनी तिवारी, राकेश प्रताप सिंह, किशोरी लाल यादव आदि ने प्रदेश सरकार के खिलाफ भड़ास निकाली।
आक्रोशित शिक्षामित्रों का प्रदर्शन, 869 गिरफ्तार

बाराबंकी में सहायक अध्यापक पद पर समायोजित शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द करने व शिक्षामित्रों के पुराने मानदेय 3500 रुपये से बढ़ाकर दस हजार रुपये किए जाने से आक्रोशित शिक्षामित्रों ने बहिष्कार के दूसरे दिन गन्ना कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया। आक्रोशित शिक्षामित्रों ने गन्ना कार्यालय के गेट पर लगा ताला तोड़ दिया।
प्रदर्शन कर रहे 869 शिक्षामित्रों ने गिरफ्तारी दी। बाद में निजी मुचलके पर किए गए रिहा कर दिए गए। शिक्षामित्रों के प्रदर्शन से दूसरे दिन शिक्षण कार्य बेपटरी रहा। शिक्षामित्रों ने शुक्रवार को हाइवे जाम कर प्रदर्शन करने की चेतावनी प्रशासन को दी है।
उत्तर-प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के बैनर तले गुरुवार को भारी संख्या में शिक्षामित्र गन्ना कार्यालय में एकत्र हुए। आक्रोशित शिक्षामित्रों ने योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। शिक्षामित्रों को संबोधित करते हुए विनोद कुमार वर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा दस हजार रुपये मानदेय कतई नहीं चाहिए। सरकार ने हम लोगों की 17 साल की सेवा के बदले हमारा सामाजिक अपमान किया है।
अगर हमें समान कार्य का समान वेतन नहीं मिलेगा शिक्षामित्र अपना आंदोलन जारी रखेंगे। कहा कि स्नातक व बीटीसी प्रशिक्षित शिक्षामित्रों का समायोजन सरकार द्वारा शीघ्र किया जाए। उपाध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार सरकार ने हम लोगों को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है उसी प्रकार सरकार भी सड़क पर आ जाएगी।
आक्रोशित शिक्षामित्रों ने तोड़ दिया ताला

शिक्षामित्रों को उग्र होते देख मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। सबसे पहले फतेहपुर व सिरौलीगौसपुर के शिक्षामित्रों ने अपनी गिरफ्तारी देना शुरू किया। गन्ना कार्यालय में मेन रोड की ओर लगे गेट में ताला डाल दिया गया था। भारी संख्या में आए शिक्षामित्रों को बैंक के पास बने गेट से निकलने की बात पुलिस ने कही, तो आक्रोशित शिक्षामित्रों ने गेट का ताला तोड़ दिया।
उसके बाद सभी ब्लॉकों के लगभग 869 शिक्षामित्रों ने गिरफ्तारी दी। पुलिस द्वारा दो निजी बसें व विभाग के वाहनों से शिक्षामित्रों को पुलिस लाइन पहुंचाया। वहां पर नाम पता लिखकर सबको छोड़ दिया।
मामले पर शहर कोतवाल उमेश बहादुर सिंह का कहना है कि प्रदर्शन रहे 869 शिक्षामित्रों को गिरफ्तार किया गया था। इन सभी को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया है।
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