*गाजी इमाम आला के ✒कलम से।*
*सेवानिवृत शिक्षक से शिक्षा मित्राें की जगह शिक्षण कार्य लेने की खबर समाचार पत्र में आने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए।
–––––––––––––––
*शिक्षा मित्र भाइयों इस खबर से विचलित न हो क्यों कि कोई भी सेबानिवृत शिक्षक टीईटी पास नही है ऐसे में इनकी किसी भी प्रकार की नियुक्ति चाहे स्थाई,अस्थाई या संविदा पर भी नही हो सकता है।*
–––––––––––––––––
23अगस्त 2010 से आर० टी० ई० एक्ट लागू हुआ है उसके बाद प्राथमिक विघालय किसी से भी अभ्यर्थी से शिक्षण कार्य बिना टीईटी पास किये हुए नही लिया जा सकता है।
इसी की तो लडाई शिक्षा मित्र सरकार से ,हाईकोर्ट एंव सुप्रीम कोर्ट तक लड रहा है।
इस तरह का गैरजिम्मेदराना ब्यान चाहे जिसका भी है कि शिक्षा मित्रों की जगह सेवानिवृत अध्यापकों से शिक्षण कार्य लेंगें तो झ्स पर आर टी ई कानून की समझ भी होनी चाहिए ऐसा कदापि नही हो सकता है ।और तों और अभी हाल ही में मा० सुप्रीम कोर्ट द्वारा 25 जुलाई को दिया गया फैसला का की अवमानना होगा।
मै पूछना चाहता हूँ कि क्या इस समय वर्तमान मे प्राथमिक विद्यालय मे (स्नातक+बीटीसी +टीईटी) के अलावा भी किसी से शिक्षण कार्य लिया जा सकता है ।
यह असम्भव है।
––––––––––––––––
आज शिक्षा मित्र का समायोजन 17 बर्ष की सेवा करने के बाद भी ,23अगस्त 2010 आर टी ई एक्ट लागू होने से पूर्व अन्ट्रेण्ड टीचर होने के बाद भी मा० सुप्रीम कोर्ट का आर्डर का हवाला देकर पुराने पद पर शिक्षा मित्रों को भेजने का प्लान किया जा रहा है।
ऐसे में इस तरह से भ्रामक खबर देना गैरजिम्मेदराना है यदि ऐसा संम्भव है तो शिक्षा मित्रों के लिए आर० टी० ई० रैक्ट की दुहाई क्यों दिया जा रहा है ????????????????????
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
*सेवानिवृत शिक्षक से शिक्षा मित्राें की जगह शिक्षण कार्य लेने की खबर समाचार पत्र में आने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए।
–––––––––––––––
*शिक्षा मित्र भाइयों इस खबर से विचलित न हो क्यों कि कोई भी सेबानिवृत शिक्षक टीईटी पास नही है ऐसे में इनकी किसी भी प्रकार की नियुक्ति चाहे स्थाई,अस्थाई या संविदा पर भी नही हो सकता है।*
–––––––––––––––––
23अगस्त 2010 से आर० टी० ई० एक्ट लागू हुआ है उसके बाद प्राथमिक विघालय किसी से भी अभ्यर्थी से शिक्षण कार्य बिना टीईटी पास किये हुए नही लिया जा सकता है।
इसी की तो लडाई शिक्षा मित्र सरकार से ,हाईकोर्ट एंव सुप्रीम कोर्ट तक लड रहा है।
इस तरह का गैरजिम्मेदराना ब्यान चाहे जिसका भी है कि शिक्षा मित्रों की जगह सेवानिवृत अध्यापकों से शिक्षण कार्य लेंगें तो झ्स पर आर टी ई कानून की समझ भी होनी चाहिए ऐसा कदापि नही हो सकता है ।और तों और अभी हाल ही में मा० सुप्रीम कोर्ट द्वारा 25 जुलाई को दिया गया फैसला का की अवमानना होगा।
मै पूछना चाहता हूँ कि क्या इस समय वर्तमान मे प्राथमिक विद्यालय मे (स्नातक+बीटीसी +टीईटी) के अलावा भी किसी से शिक्षण कार्य लिया जा सकता है ।
यह असम्भव है।
––––––––––––––––
आज शिक्षा मित्र का समायोजन 17 बर्ष की सेवा करने के बाद भी ,23अगस्त 2010 आर टी ई एक्ट लागू होने से पूर्व अन्ट्रेण्ड टीचर होने के बाद भी मा० सुप्रीम कोर्ट का आर्डर का हवाला देकर पुराने पद पर शिक्षा मित्रों को भेजने का प्लान किया जा रहा है।
ऐसे में इस तरह से भ्रामक खबर देना गैरजिम्मेदराना है यदि ऐसा संम्भव है तो शिक्षा मित्रों के लिए आर० टी० ई० रैक्ट की दुहाई क्यों दिया जा रहा है ????????????????????
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
0 Comments