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नौकरियां बढ़ाने में जुटी सरकार, खाली सरकारी पदों को भरने लिए जल्द शुरू होगी प्रक्रिया: पीएमओ के निर्देश

विपक्ष के आरोपों में कोई दम नहीं। सरकार ने जरूरत के अनुसार फैसले लिए हैं। अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के अतिरिक्त उपायों पर विचार हो रहा है। प्रधानमंत्री से मशविरा करने के बाद इनका ऐलान होगा।

-वित्त मंत्री, अरुण जेटली

(कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया से रूबरू)
यूपीए सरकार पर्याप्त संख्या में रोजगार के अवसर पैदा नहीं कर सकी। इसी वजह से कांग्रेस को 2014 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। लेकिन अब बीजेपी सरकार भी नौकरियां नहीं पैदा कर पा रही है। - राहुल गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष, (अमेरिका की प्रिस्टन यूनिवर्सिटी में संबोधन)

अगर हमारी पार्टी चुनाव जीतती है तो मैं वादा करता हूं कि जो यूपीए सरकार नहीं कर पाई वह हमारी सरकार करेगी। हम हर साल एक करोड़ रोजगार देंगे। - 22 नवंबर 2013 को आगरा में नरेंद्र मोदी चुनावी रैली में िकया था वादा• एनबीटी ब्यूरो, नई दिल्ली : नौकरियों में कमी को लेकर विपक्ष के निशाने पर आई नरेंद्र मोदी सरकार अगले कुछ महीनों तक बस इसी मुद्दे पर फोकस करेगी। पीएमओ ने सभी मंत्रालयों को साफ निर्देश दिया है कि वे अब सिर्फ ऐसी योजनाएं लेकर सामने आएं, जिसमें नए रोजगार की संभावना का जिक्र हो। कैबिनेट सचिव ने सभी सचिवों को पीएमओ के इस निर्देश की जानकारी दे दी है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी संकेत दिए कि सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए राहत पैकेज का ऐलान कर सकती है।

अमेरिकी दौरे पर गए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वह लोगों को रोजगार नहीं दे पा रही है। संकेत साफ हैं कि विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बनाने जा रहा है। एनडीए के सहयोगी दलों व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े संगठनों ने भी सरकार को फीडबैक दिया है कि रोजगार की कमी के कारण जनता में असंतोष पनप रहा है। इसके बाद सरकार डैमेज कंट्रोल मोड में आ गई है। बीजेपी शासित राज्यों को भी अपने-अपने स्तर पर इस मुद्दे पर तत्काल बड़े कदम उठाने को कहा गया है।•सभी सरकारी खाली पदों के लिए 31 दिसंबर तक नियुक्ति प्रक्रिया को सार्वजनिक किया जाए।
•रोजगार की संभावनाएं होने पर ही किसी मंत्रालय के प्रस्ताव पर विचार होगा।
•नीति आयोग असंगठित क्षेत्र में नौकरियों के आंकड़े जल्द जारी करे।
•मुद्रा योजना के तहत काम कर रहे लोगों की लिस्ट और उनके प्रॉजेक्ट के तहत मिली जॉब के आंकड़े अलग से जारी हों।
•नौकरियों के आंकड़े हर महीने जारी हों। नीति आयोग अभी हर तीसरे महीने जॉब के आंकड़े जारी करने के पक्ष में है।
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