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शिक्षामित्र संगठन का ये फैसला बढ़ा देगा योगी सरकार की मुश्किलें

सुप्रीम कोर्ट से समायोजन रद्द होने के बाद आंदोलन कर रहे Shiksha Mitra ने अब एक और बड़ा निर्णय लिया है। शिक्षामित्रों ने ऐलान किया है कि निकाय चुनाव में अब वे बीएलओ का कार्य नहीं करेंगे।
इस फैसले ने जिला प्रशासन के होश उड़ा दिए हैं। बीएलओ के कार्य में लगे तकरीब 3 हजार शिक्षामित्रों के इस फैसले से चुनावी कार्यक्रम पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।
बैठक में हुआ फैसला
डाइट परिसर में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर के नेतृत्व में बैठक हुई। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रशासन द्वारा नगर निकाय चुनाव की तैयारियों के लिए बीएलओ पदर परी जो ड्यूटी लगाई जा रही है, उसका बहिष्कार किया जाएगा। वीरेन्द्र छौंकर ने कहा कि शिक्षामित्र 15 अक्टूबर को होने वाल़़ी शिक्षक पात्रिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इस तैयारी के लिए उन्हें समय चाहिए। ऐसे में यदि बीएलओ ड्यूटी करेंगे, तो ये तैयारी नहीं हो पाएगी।
अयोग्य शिक्षामित्र कैसे करेंगे कार्य
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने हमें अयोग्य ठहरा दिया है, तो किस आधार पर बीएलओ कार्य कराया जा रहा है। आज न तो हम शिक्षक हैं और नाहीं शिक्षामित्र। जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है, तब तक कोई भी सरकारी कार्य नहीं किया जाएगा।

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