बेसिक स्कूलों में शैक्षिक कैलेंडर से इतर नहीं होगी छुट्टी

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : बेसिक स्कूलों में अवकाश कैलेंडर से इतर छुट्टी नहीं होगी। शासन ने इस पर रोक लगा दी है। अभी तक कई अवसरों पर बीएसए शिक्षक संगठनों की मांग पर छुट्टियां कर देते थे लेकिन अब यह नहीं चलेगा।

बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने प्रदेश भर के बीएसए को पत्र भेजकर इस संबंध में अवगत कराया है कि शैक्षिक कैलेंडर के अलावा आए दिन छुट्टी करना खेद जनक है। बीएसए संजय कुमार सिंह ने शासनादेश से खंड शिक्षाधिकारियों व शिक्षकों को भी अवगत करा दिया है। अभी तक सावन में हरियाली तीज, करवा चौथ, शारदीय व चैत्र नवरात्र के पहले दिन समेत कई और अवसर पर छुट्टी घोषित करने की मांग शिक्षक संगठन करते आए हैं। कई अवसरों पर सुबह आठ बजे की बजाए नौ बजे स्कूल पहुंचने की मांग की जाती है लेकिन अब इस पर भी बीएसए अनुमति नहीं दे पाएंगे। अभी तक बीएसए के पास शैक्षिक संगठन छुट्टी घोषित करने को मांग पत्र देते थे और यह मांग पत्र डीएम के पास भेजा जाता था, जिस पर उनकी अनुमति के अनुसार छुट्टी घोषित कर दी जाती थी। इस बार शारदीय नवरात्र में भी शिक्षक संगठनों ने स्कूल का समय सुबह आठ बजे की बजाय नौ बजे करने की मांग की थी लेकिन इस पर कोई विचार नहीं किया गया। अगर बीएसए ने शैक्षिक कैलेंडर के इतर जाकर छुट्टी की तो इन पर भी कार्रवाई हो सकती है।
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कभी एक्स्ट्रा क्लास नहीं लगती
बेसिक स्कूलों के शिक्षकों की मनोवृत्ति नहीं बदल (कुछ अपवाद) रही है। विभिन्न अवसरों पर शैक्षिक कैलेंडर के इतर छुट्टी का लाभ तो पाते हैं लेकिन कभी कमजोर बच्चों की एक्स्ट्रा क्लास लगाने की नहीं सोचते जबकि बहुत पहले ही शासन स्तर से आदेश जारी किया जा चुका है कि कमजोर बच्चों की एक्स्ट्रा क्लास लगाई जाए, लेकिन स्कूल की निर्धारित अवधि से आधा-पौन घंटा पहले ही शिक्षक स्कूल से खिसक लेते हैं। अक्सर बीएसए की छापामारी में भी यह बात सामने आ चुकी है। यह भी एक कारण माना जा रहा है कि 70 फीसद बेसिक शिक्षकों की रुचि बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाने की ओर नहीं है लेकिन उनकी मनोवृति यह है कि शैक्षिक कैलेंडर से इतर छुट्टी, सुबह देर से स्कूल आने, स्कूल जल्दी बंद करने की आजादी होनी चाहिए।
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वर्जन
शासन का आदेश है, इसलिए पालन करना ही होगा। वैसे अभी तक शैक्षिक कैलेंडर का ही पालन हो रहा है लेकिन शिक्षक संगठनों की मांग पर छुट्टियों पर डीएम की अनुमति से विचार करते थे, अनुमति मिलने पर ही छुट्टी घोषित करते थे। अपने स्तर से कोई छुट्टी नहीं की जाती है।
संजय सिंह, बीएसए
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शैक्षिक कैलेंडर से अलग छुट्टी घोषित करने से महिला शिक्षकों की समस्या बढ़ी है। कम से कम उनके त्योहारों पर महिला शिक्षकों को छुट्टी मिलनी चाहिए थी और अगर शैक्षिक कैलेंडर की बात है तो शासन ने जो 15 छुट्टियां निरस्त की थीं वह अभी कैलेंडर में शामिल हैं, उस हिसाब से तो 15 छुट्टियां मिलनी चाहिए।
सर्वेश शर्मा, जिलाध्यक्ष, उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ

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