संतकबीर नगर :प्राथमिक विद्यालयों में अनुपस्थित चल रहे शिक्षा मित्रों
की सूची बनने लगी है। न्याय पंचायत स्तर पर एक-एक विद्यालय में उपस्थित व
अनुपस्थित शिक्षा मित्रों के बारे में सूचनाएं संकलित की जा रही है। बीएसए
के निर्देश पर पिछले एक माह से शिक्षामित्रों के हाजिरी का विवरण तैयार होने लगा है।
सोमवार को विद्यालय से अनुपस्थित रहने पर कईयों को चेतावनी दी गई।
जनपद के 1075 विद्यालयों में 1425 शिक्षा मित्र है। इसमें 99 विद्यालय पूरी तरह से शिक्षा मित्रों के सहारे हैं। 409 पर शिक्षामित्र के साथ एक सहायक अध्यापक तैनात किए गए है। पिछले 27 जुलाई से रह रहकर चल रहे शिक्षा मित्रों के आंदोलन से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। लड़खड़ा रही शिक्षा व्यवस्था को देखते शासन से दिशा निर्देश मिले है। निर्देश के अनुपालन में अब बीएसए कार्यालय से शिक्षामित्रों की निगरानी शुरू हो गई है।
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लड़खड़ा रही व्यवस्था
- शिक्षामित्रों के आंदोलन से एक बार फिर विद्यालय में पठन-पाठन व्यवस्था बनाने में समस्या खड़ी हो गई है। अनेक स्कूलों को संचालित कराना बेसिक शिक्षा विभाग की चुनौती बनकर सामने आ रही है। जुलाई के अंतिम सप्ताह, अगस्त के दूसरे सप्ताह के बाद अब फिर धरना-प्रदर्शन शुरू होने से विद्यालयों संचालित कराना कठिन हो गया है। विरोध के चलते तकरीबन पांच सौ से अधिक विद्यालय प्रभावित हो रहे है। 47 फीसद से अधिक विद्यालय में पढ़ाई बाधित होने से विभागीय उलझन बढ़ गई। बीएसए ने बताया कि निगरानी की जा रही है।
जो भी विद्यालय से अनुपस्थित मिलेंगे कार्रवाई की जाएगी।
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व्यवस्था बनाने में जूझ रहा विभाग
- प्राथमिक विद्यालयों में समायोजित शिक्षकों शिक्षामित्रों के विरोध व इतनी बड़ी संख्या हटने से समस्या है। ब्लाक वार विद्यालय स्तर पर संख्या को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था बनाई गई है। पहले बंद होते विद्यालय में शिक्षकों की तैनाती फिर एकल होते विद्यालयों पर बच्चों की संख्या को देखते हुए व्यवस्था बनाने का विभाग ने दावा है। आसपास के विद्यालयों को शिक्षकों के साथ परिसर के जूनियर विद्यालयों के शिक्षकों को जिम्मेदारी देकर किसी भी दशा में विद्यालय न बंद होने का दावा किया जा रहा है।
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शिक्षा मित्रों के दिल्ली धरना में होने का दावा
-समायोजन निरस्त होने के बाद से जनपद में तकरीबन 14 सौ अधिक शिक्षामित्र धरना-प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे है। पहले चरण में 26 जुलाई से लगातार एक अगस्त तक लगातार सात दिन तक धरना-प्रदर्शन हुआ था। इसमें धरना, परिवार के साथ प्रदर्शन, विधायकों को ज्ञापन व अर्धनग्न प्रदर्शन तक किया था। शीर्ष नेतृत्व के वार्ता के बाद आश्वासन मिलने पर दो अगस्त को सद् बुद्धि यज्ञ करके शिक्षामित्र अपने विद्यालय पर पहुंचे। इसके बाद दूसरे चरण में 17 अगस्त 20 अगस्त तक आंदोलन किया। 21 से तीन दिन लखनऊ में आंदोलन चला। अब मानदेय राशि घोषित होने पर छह सितंबर से चौथा चरण का आंदोलन शुरू हो गया है। लगातार तीन दिन तक धरना देकर रविवार को पांचवे चरण में दिल्ली के लिए प्रस्थान किया है। संगठन के पदाधिकारियों की माने तो जिले से करीब 700 शिक्षामित्र दिल्ली पहुंचे हैं।
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सोमवार को विद्यालय से अनुपस्थित रहने पर कईयों को चेतावनी दी गई।
जनपद के 1075 विद्यालयों में 1425 शिक्षा मित्र है। इसमें 99 विद्यालय पूरी तरह से शिक्षा मित्रों के सहारे हैं। 409 पर शिक्षामित्र के साथ एक सहायक अध्यापक तैनात किए गए है। पिछले 27 जुलाई से रह रहकर चल रहे शिक्षा मित्रों के आंदोलन से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। लड़खड़ा रही शिक्षा व्यवस्था को देखते शासन से दिशा निर्देश मिले है। निर्देश के अनुपालन में अब बीएसए कार्यालय से शिक्षामित्रों की निगरानी शुरू हो गई है।
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लड़खड़ा रही व्यवस्था
- शिक्षामित्रों के आंदोलन से एक बार फिर विद्यालय में पठन-पाठन व्यवस्था बनाने में समस्या खड़ी हो गई है। अनेक स्कूलों को संचालित कराना बेसिक शिक्षा विभाग की चुनौती बनकर सामने आ रही है। जुलाई के अंतिम सप्ताह, अगस्त के दूसरे सप्ताह के बाद अब फिर धरना-प्रदर्शन शुरू होने से विद्यालयों संचालित कराना कठिन हो गया है। विरोध के चलते तकरीबन पांच सौ से अधिक विद्यालय प्रभावित हो रहे है। 47 फीसद से अधिक विद्यालय में पढ़ाई बाधित होने से विभागीय उलझन बढ़ गई। बीएसए ने बताया कि निगरानी की जा रही है।
जो भी विद्यालय से अनुपस्थित मिलेंगे कार्रवाई की जाएगी।
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व्यवस्था बनाने में जूझ रहा विभाग
- प्राथमिक विद्यालयों में समायोजित शिक्षकों शिक्षामित्रों के विरोध व इतनी बड़ी संख्या हटने से समस्या है। ब्लाक वार विद्यालय स्तर पर संख्या को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था बनाई गई है। पहले बंद होते विद्यालय में शिक्षकों की तैनाती फिर एकल होते विद्यालयों पर बच्चों की संख्या को देखते हुए व्यवस्था बनाने का विभाग ने दावा है। आसपास के विद्यालयों को शिक्षकों के साथ परिसर के जूनियर विद्यालयों के शिक्षकों को जिम्मेदारी देकर किसी भी दशा में विद्यालय न बंद होने का दावा किया जा रहा है।
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शिक्षा मित्रों के दिल्ली धरना में होने का दावा
-समायोजन निरस्त होने के बाद से जनपद में तकरीबन 14 सौ अधिक शिक्षामित्र धरना-प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे है। पहले चरण में 26 जुलाई से लगातार एक अगस्त तक लगातार सात दिन तक धरना-प्रदर्शन हुआ था। इसमें धरना, परिवार के साथ प्रदर्शन, विधायकों को ज्ञापन व अर्धनग्न प्रदर्शन तक किया था। शीर्ष नेतृत्व के वार्ता के बाद आश्वासन मिलने पर दो अगस्त को सद् बुद्धि यज्ञ करके शिक्षामित्र अपने विद्यालय पर पहुंचे। इसके बाद दूसरे चरण में 17 अगस्त 20 अगस्त तक आंदोलन किया। 21 से तीन दिन लखनऊ में आंदोलन चला। अब मानदेय राशि घोषित होने पर छह सितंबर से चौथा चरण का आंदोलन शुरू हो गया है। लगातार तीन दिन तक धरना देकर रविवार को पांचवे चरण में दिल्ली के लिए प्रस्थान किया है। संगठन के पदाधिकारियों की माने तो जिले से करीब 700 शिक्षामित्र दिल्ली पहुंचे हैं।
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