मैनपुरी। शिक्षामित्रों के दिल्ली प्रदर्शन के कारण जिले के प्राथमिक स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से बदहाल हो गई है। लगातार दूसरे दिन जनपद के करीब 500 स्कूलों का पठन-पाठन प्रभावित रहा।
स्कूल गए बच्चों को बैरंग घर लौटना पड़ा। शिक्षामित्रों का यह धरना आगे भी जारी रहने की संभावना है।
जनपद का बेसिक शिक्षा विभाग भले ही इस बात को मानने को तैयार न हो कि 25 जुलाई के बाद से ही स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से बदहाल है। लेकिन हकीकत यही है। शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त होने के बाद से स्कूलों में शिक्षा का माहौल ही नहीं बना है।
जनपद में 2157 शिक्षा मित्रों की तैनाती 1653 प्राथमिक स्कूलों में है। जिसमें से 2004 शिक्षामित्र समायोजित हो चुके थे। 153 का समायोजन बाकी थी।
समायोजन निरस्त होने के बाद से लगातार शिक्षामित्र आंदोलन कर रहे हैं। बीच में 15 दिन का सरकार ने समय मांगा था, लेकिन इस दौरान शिक्षामित्र स्कूलों में तो पहुंचे। पर, शिक्षण कार्य पूरे मनोयोग से नहीं किया।
इधर, प्रदेश सरकार के 10 हजार रुपये मानदेय के निर्णय के बाद से शिक्षामित्रों का प्रदर्शन लगातार जारी है। सोमवार से शिक्षा मित्र दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को जनपद से एक और बस से शिक्षामित्र दिल्ली के लिए कुरावली विकास खंड से रवाना हुए।
वहीं, दिल्ली में हो रहे धरना प्रदर्शन में मैनपुरी निवासी सुमन यादव प्रदेश महिला प्रभारी की भूमिका में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। उन्होंने जनपद के दिल्ली न पहुंचने वाले शिक्षा मित्रों से आह्वान किया है कि वे शीघ्र दिल्ली पहुंचें।
विजय प्रताप सिंह, बीएसए ने कहा कि शिक्षा मित्रों के धरना प्रदर्शन में जाने के बाद से स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हुई है, लेकिन जो भी संभव व्यवस्था हो सकती है वह की जा रही है। स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था के सुधार के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
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स्कूल गए बच्चों को बैरंग घर लौटना पड़ा। शिक्षामित्रों का यह धरना आगे भी जारी रहने की संभावना है।
जनपद का बेसिक शिक्षा विभाग भले ही इस बात को मानने को तैयार न हो कि 25 जुलाई के बाद से ही स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से बदहाल है। लेकिन हकीकत यही है। शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त होने के बाद से स्कूलों में शिक्षा का माहौल ही नहीं बना है।
जनपद में 2157 शिक्षा मित्रों की तैनाती 1653 प्राथमिक स्कूलों में है। जिसमें से 2004 शिक्षामित्र समायोजित हो चुके थे। 153 का समायोजन बाकी थी।
समायोजन निरस्त होने के बाद से लगातार शिक्षामित्र आंदोलन कर रहे हैं। बीच में 15 दिन का सरकार ने समय मांगा था, लेकिन इस दौरान शिक्षामित्र स्कूलों में तो पहुंचे। पर, शिक्षण कार्य पूरे मनोयोग से नहीं किया।
इधर, प्रदेश सरकार के 10 हजार रुपये मानदेय के निर्णय के बाद से शिक्षामित्रों का प्रदर्शन लगातार जारी है। सोमवार से शिक्षा मित्र दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को जनपद से एक और बस से शिक्षामित्र दिल्ली के लिए कुरावली विकास खंड से रवाना हुए।
वहीं, दिल्ली में हो रहे धरना प्रदर्शन में मैनपुरी निवासी सुमन यादव प्रदेश महिला प्रभारी की भूमिका में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। उन्होंने जनपद के दिल्ली न पहुंचने वाले शिक्षा मित्रों से आह्वान किया है कि वे शीघ्र दिल्ली पहुंचें।
विजय प्रताप सिंह, बीएसए ने कहा कि शिक्षा मित्रों के धरना प्रदर्शन में जाने के बाद से स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हुई है, लेकिन जो भी संभव व्यवस्था हो सकती है वह की जा रही है। स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था के सुधार के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
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