ऋणमोचन कार्यक्रम के मद्देनजर प्रशासन ने और बढ़ाई निगरानी
जेल भेजे गए शिक्षामित्रों से मिलने के लिए कारागार पर रही भीड़
जागरण संवाददाता, एटा: रविवार को भी शिक्षामित्रों की गतिविधियों को लेकर जहां पुलिस प्रशासन चौकन्ना रहा वहीं अन्य शिक्षक नेताओं व बवाल में चिन्हित किए गए शिक्षामित्रों की गिरफ्तारी के लिए दबिशें दी जाती रहीं। पुलिस 17 शिक्षामित्रों को जेल भेज चुकी है।
उधर शनिवार तक जिले में ही रहे कई शिक्षामित्र नेता पुलिस की धरपकड़ के डर से भूमिगत हो गए हैं। यहां तक कि उनके मोबाइल भी स्विच ऑफ रहे। उधर पुलिस प्रशासन सोमवार को मुख्यालय पर होने वाले ऋणमोचन कार्यक्रम को लेकर भी रणनीति बनाने में जुटा रहा ताकि फिर से शिक्षामित्र नया बखेड़ा खड़ा न कर सकें।
शुक्रवार को जहां सर्किट हाउस पर प्रदेश के मंत्री सुरेश पासी को ज्ञापन देने को लेकर हुए पुलिस और शिक्षामित्रों में संघर्ष के बाद शिक्षामित्रों के विरुद्ध पुलिस प्रशासन पूरी तरह चौकन्ना है। बवाल के अगले दिन ही कुछ शिक्षामित्रों ने शहर के शहीद पार्क में इकट्ठे होकर मामले को और तूल देने का प्रयास किया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। रविवार को कहीं फिर से शिक्षामित्र इकट्ठे होकर हंगामा न करें इसके लिए सार्वजनिक स्थलों पर पुलिस की निगरानी के साथ-साथ खुफियातंत्र सक्रिय रहा। सोमवार को मुख्यालय पर ऋणमोचन कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री व जनप्रतिनिधि जुटेंगे। ऐसे में शिक्षामित्रों की फिर से कोई हरकत समस्या न बने, इसके लिए शिक्षामित्र नेताओं की धरपकड़ के लिए भी पुलिस की टीमें जुटी रहीं। देर शाम तक उनकी तलाश और आगे की रणनीति जानने को लेकर खुफिया तंत्र अपनी जुगत भिड़ाता रहा। हालांकि पुलिस को शिक्षामित्र नेताओं के यहां दबिशें देने के दौरान कोई भी हाथ नहीं लगा।
सूत्रों की मानें तो कई शिक्षक नेता क्रॉस एफआइआर दर्ज कराए जाने के लिए न्यायविदों से राय मशविरा करने को इलाहाबाद और दिल्ली शनिवार को ही रवाना हो गए। वैसे भी 12 व 13 सितंबर को दिल्ली में प्रस्तावित धरना में सहभागिता के लिए शिक्षामित्र नेता अधिक से अधिक शिक्षामित्रों के पहुंचने की अपील सोशल मीडिया पर कर चुके हैं। कोतवाली प्रभारी पंकज कुमार मिश्रा ने बताया, आरोपी शिक्षामित्रों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं वीडियो क्लि¨पग के आधार पर उन्हें चिन्हित भी किया जा रहा है।
एक ओर शिक्षामित्र नेता गायब हो गए हैं। वहीं रविवार को जेल भेजे जा चुके शिक्षामित्रों से मिलने के लिए जिला कारागार पर खासी भीड़भाड़ रही। जेल में निरुद्ध शिक्षामित्रों के परिवारीजन व रिश्तेदार उनसे मिलने के लिए पहुंचते रहे। वहीं अवकाश होने के कारण तमाम शिक्षकों ने भी मिलाई कर उनका हाल जाना। कारागार पर भी पुलिस की निगरानी रहने के कारण कोई शिक्षामित्र नेता तो नहीं पहुंचा, लेकिन उनके शुभ ¨चतक शाम तक पहुंचते रहे। अब पुलिस के लिए सोमवार को मुख्यालय पर होने वाला कार्यक्रम शांतिपूर्ण निपटाना चुनौती है।
शासन के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग भी सख्त
-------------
बेसिक शिक्षा निदेशक द्वारा शिक्षामित्रों की उपस्थिति को लेकर सख्ती बढ़ा दी है। अब तक उपस्थिति रजिस्टर पर एक साथ हस्ताक्षर करते रहे शिक्षामित्रों की उपस्थिति के कॉलम पर अधिकारियों की नजर रहेगी। सुबह ही प्रधानाध्यापक को शिक्षामित्रों की उपस्थिति की सूचना देनी होगी। यदि कॉलम खाली छोड़ा गया तो इसके लिए वहीं जिम्मेदार होंगे। ऐसी स्थिति में उपस्थित हो रहे शिक्षामित्रों की सही स्थिति भी सामने आ जाएगी।
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जेल भेजे गए शिक्षामित्रों से मिलने के लिए कारागार पर रही भीड़
जागरण संवाददाता, एटा: रविवार को भी शिक्षामित्रों की गतिविधियों को लेकर जहां पुलिस प्रशासन चौकन्ना रहा वहीं अन्य शिक्षक नेताओं व बवाल में चिन्हित किए गए शिक्षामित्रों की गिरफ्तारी के लिए दबिशें दी जाती रहीं। पुलिस 17 शिक्षामित्रों को जेल भेज चुकी है।
उधर शनिवार तक जिले में ही रहे कई शिक्षामित्र नेता पुलिस की धरपकड़ के डर से भूमिगत हो गए हैं। यहां तक कि उनके मोबाइल भी स्विच ऑफ रहे। उधर पुलिस प्रशासन सोमवार को मुख्यालय पर होने वाले ऋणमोचन कार्यक्रम को लेकर भी रणनीति बनाने में जुटा रहा ताकि फिर से शिक्षामित्र नया बखेड़ा खड़ा न कर सकें।
शुक्रवार को जहां सर्किट हाउस पर प्रदेश के मंत्री सुरेश पासी को ज्ञापन देने को लेकर हुए पुलिस और शिक्षामित्रों में संघर्ष के बाद शिक्षामित्रों के विरुद्ध पुलिस प्रशासन पूरी तरह चौकन्ना है। बवाल के अगले दिन ही कुछ शिक्षामित्रों ने शहर के शहीद पार्क में इकट्ठे होकर मामले को और तूल देने का प्रयास किया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। रविवार को कहीं फिर से शिक्षामित्र इकट्ठे होकर हंगामा न करें इसके लिए सार्वजनिक स्थलों पर पुलिस की निगरानी के साथ-साथ खुफियातंत्र सक्रिय रहा। सोमवार को मुख्यालय पर ऋणमोचन कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री व जनप्रतिनिधि जुटेंगे। ऐसे में शिक्षामित्रों की फिर से कोई हरकत समस्या न बने, इसके लिए शिक्षामित्र नेताओं की धरपकड़ के लिए भी पुलिस की टीमें जुटी रहीं। देर शाम तक उनकी तलाश और आगे की रणनीति जानने को लेकर खुफिया तंत्र अपनी जुगत भिड़ाता रहा। हालांकि पुलिस को शिक्षामित्र नेताओं के यहां दबिशें देने के दौरान कोई भी हाथ नहीं लगा।
सूत्रों की मानें तो कई शिक्षक नेता क्रॉस एफआइआर दर्ज कराए जाने के लिए न्यायविदों से राय मशविरा करने को इलाहाबाद और दिल्ली शनिवार को ही रवाना हो गए। वैसे भी 12 व 13 सितंबर को दिल्ली में प्रस्तावित धरना में सहभागिता के लिए शिक्षामित्र नेता अधिक से अधिक शिक्षामित्रों के पहुंचने की अपील सोशल मीडिया पर कर चुके हैं। कोतवाली प्रभारी पंकज कुमार मिश्रा ने बताया, आरोपी शिक्षामित्रों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं वीडियो क्लि¨पग के आधार पर उन्हें चिन्हित भी किया जा रहा है।
एक ओर शिक्षामित्र नेता गायब हो गए हैं। वहीं रविवार को जेल भेजे जा चुके शिक्षामित्रों से मिलने के लिए जिला कारागार पर खासी भीड़भाड़ रही। जेल में निरुद्ध शिक्षामित्रों के परिवारीजन व रिश्तेदार उनसे मिलने के लिए पहुंचते रहे। वहीं अवकाश होने के कारण तमाम शिक्षकों ने भी मिलाई कर उनका हाल जाना। कारागार पर भी पुलिस की निगरानी रहने के कारण कोई शिक्षामित्र नेता तो नहीं पहुंचा, लेकिन उनके शुभ ¨चतक शाम तक पहुंचते रहे। अब पुलिस के लिए सोमवार को मुख्यालय पर होने वाला कार्यक्रम शांतिपूर्ण निपटाना चुनौती है।
शासन के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग भी सख्त
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बेसिक शिक्षा निदेशक द्वारा शिक्षामित्रों की उपस्थिति को लेकर सख्ती बढ़ा दी है। अब तक उपस्थिति रजिस्टर पर एक साथ हस्ताक्षर करते रहे शिक्षामित्रों की उपस्थिति के कॉलम पर अधिकारियों की नजर रहेगी। सुबह ही प्रधानाध्यापक को शिक्षामित्रों की उपस्थिति की सूचना देनी होगी। यदि कॉलम खाली छोड़ा गया तो इसके लिए वहीं जिम्मेदार होंगे। ऐसी स्थिति में उपस्थित हो रहे शिक्षामित्रों की सही स्थिति भी सामने आ जाएगी।
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