लखनऊ. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से ही यूपी के 1.72 लाख शिक्षकों ने स्कूलों का बहिष्कार कर रखा है। अभी हाल ही में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट में बिल लाकर यह भी बता दिया कि सरकार शिक्षामित्रों को 10 हजार से ज्यादा रुपए नहीं दे सकती है।
ऐसे में हर जिले में शिक्षामित्रों का हंगामा जारी है। मामले को देखते हुए सरकार ने अब निर्णय लिया है कि जिले में तैनात बीएसए अब एक महीने तक मॉनिटरिंग करेंगे कि शिक्षामित्र स्कूल जा रहे हैं या नहीं। इसके बाद शासन में मीटिंग कर उनके खिलाफ कड़े कदम भी उठाये जा सकते हैं। आगे पढ़िए क्या कहते हैं अधिकारी...
-बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र बहादुर सिंह ने बताया, सभी जिलों के बीएसए को आदेश जारी किया गया है। यह सूचना मिली है कि शिक्षामित्र स्कूल नहीं जा रहे हैं जिसकी वजह से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है।
-शासन से निर्णय लिया गया है कि ऐसे शिक्षामित्र जो स्कूल नहीं जा रहे हैं उन जिलों में तैनात बेसिक शिक्षा अधिकारी उनकी मॉनिटरिंग एक महीने तक करेंगे और डेली की रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराएंगे। यह रिपोर्ट शाम 5 बजे तक ईमेल से भेजनी होगी।
-उन्होंने कहा, शासन स्तर पर एक महीने बाद मीटिंग में तय होगा कि ऐसे शिक्षामित्रों पर क्या कदम उठाया जाना है?
एग्जाम में होगी परेशानी
-शिक्षामित्रों के आन्दोलन के चलते परिषदीय स्कूलों की पढ़ाई चौपट हो गई है।
-उन स्कूलों की हालत सबसे ज्यादा खराब हैं जहां पर स्कूल शिक्षामित्रों के भरोसे हैं।
-वहीं, अक्टूबर के अंत तक हाफ ईयरली एग्जाम भी होने हैं जिससे सरकार परेशान है।
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ऐसे में हर जिले में शिक्षामित्रों का हंगामा जारी है। मामले को देखते हुए सरकार ने अब निर्णय लिया है कि जिले में तैनात बीएसए अब एक महीने तक मॉनिटरिंग करेंगे कि शिक्षामित्र स्कूल जा रहे हैं या नहीं। इसके बाद शासन में मीटिंग कर उनके खिलाफ कड़े कदम भी उठाये जा सकते हैं। आगे पढ़िए क्या कहते हैं अधिकारी...
-बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र बहादुर सिंह ने बताया, सभी जिलों के बीएसए को आदेश जारी किया गया है। यह सूचना मिली है कि शिक्षामित्र स्कूल नहीं जा रहे हैं जिसकी वजह से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है।
-शासन से निर्णय लिया गया है कि ऐसे शिक्षामित्र जो स्कूल नहीं जा रहे हैं उन जिलों में तैनात बेसिक शिक्षा अधिकारी उनकी मॉनिटरिंग एक महीने तक करेंगे और डेली की रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराएंगे। यह रिपोर्ट शाम 5 बजे तक ईमेल से भेजनी होगी।
-उन्होंने कहा, शासन स्तर पर एक महीने बाद मीटिंग में तय होगा कि ऐसे शिक्षामित्रों पर क्या कदम उठाया जाना है?
एग्जाम में होगी परेशानी
-शिक्षामित्रों के आन्दोलन के चलते परिषदीय स्कूलों की पढ़ाई चौपट हो गई है।
-उन स्कूलों की हालत सबसे ज्यादा खराब हैं जहां पर स्कूल शिक्षामित्रों के भरोसे हैं।
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