उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का विलय कर नया आयोग गठित किए जाने के चक्कर में दस हजार से अधिक पदों पर भर्तियां फसी हुई हैं।
इन सभी पदों के लिए आवेदन लिए जा चुके हैं। लगभग 13 लाख आवेदकों को इंतजार है तो बस नए आयोग के गठन का लेकिन हालत यह है कि आवेदकों को कोई यह तक बताने वाला नहीं है कि नया आयोग आखिर कब तक गठित हो सकेगा।नए आयोग के गठन की कवायद मार्च में सूबे में भाजपा की सरकार बनने के बाद शुरू हुई थी। सरकार के दबाव पर आयोग के अध्यक्ष प्रभात मित्तल और बोर्ड के अध्यक्ष हीरा लाल गुप्ता के साथ ही सभी सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया। शासन स्तर पर हुई बैठक में गठित ड्राफ्ट कमेटी ने नए आयोग के लिए नियम-निर्देश भी बना दिए। नए आयोग में नियुक्त होने वाले अध्यक्ष और सदस्यों की अर्हता भी तय हो चुकी है लेकिन अभी तक आयोग गठन की अधिसूचना जारी नहीं की जा सकी है।
टीजीटी-पीजीटी के 9294 पदों पर होना है चयन : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने टीजीटी-पीजीटी 2016 के तहत प्रशिक्षित स्नातक के 7950 और प्रवक्ता के 1344 पदों के लिए आवेदन लिए हैं। इन 9294 पदों के लिए 11.71 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। बोर्ड ने अक्तूबर में परीक्षा कराने की घोषणा करते हुए परीक्षा तिथि भी तय कर दी थी। लेकिन नए आयोग के गठन के चक्कर में इन पदों पर चयन फंस गया। टीजीटी-पीजीटी 2011 के तहत विज्ञापित 1800 से अधिक पदों के लिए लिखित परीक्षा हो चुकी है। इंटरव्यू के बाद कुछ विषयों का परिणाम घोषित हो चुका है जबकि कई विषयों का परिणाम नए आयोग के गठन की वजह से अभी घोषित नहीं किया जा सका है।
क्रमिक अनशन शुरू करेंगे प्रतियोगी : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रतियोगी मोर्चा ने भी प्रदेश सरकार के खिलाफ 25 से आंदोलन करने की घोषणा की है। इनकी योजना 25 अक्तूबर से चयन बोर्ड दफ्तर के सामने
क्रमिक अनशन शुरू करने की है। मोर्चा के संयोजक विक्की खान ने बताया कि आंदोलन के संबंध में प्रतियोगी छात्रों की बैठक 24 अक्तूबर को दिन में पांच बजे से चयन बोर्ड दफ्तर के पास होगी। उन्होंने प्रतियोगियों से बैठक में शामिल होने की अपील की है।प्राचार्यों के 284 पदों पर नहीं हो सका चयन : उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने सूबे के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में प्राचार्यों के रिक्त 284 पदों के लिए इस वर्ष ऑनलाइन आवेदन लिए। इन 284 में 159 पीजी कॉलेज (पुरुष), 37 पीजी कॉलेज (महिला) और 71 यूजी कॉलेज (पुरुष) तथा 17 यूजी कॉलेज (महिला) के पद शामिल हैं। इन पदों पर चयन भी नए आयोग के गठन के चक्कर में फंसा हुआ है।
असिस्टेंट प्रोफेसर के 1150 पदों पर चयन लटका
उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने विज्ञापन संख्या 47 के तहत सूबे के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में रिक्त 35 विषयों के असिस्टेंट प्रोफेसर के 1150 पदों के लिए जुलाई 2016 में ऑनलाइन आवेदन लिए थे। प्रदेशभर से लगभग 50 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। पहले आयोग में सदस्यों का कोरम पूरा न होने और फिर विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के कारण परीक्षा टली। चुनाव बाद परीक्षा होने की उम्मीद जगी थी लेकिन नए आयोग के गठन के चक्कर में परीक्षा में पेंच फंस गया। इतना ही नहीं विज्ञापन संख्या 46 के तहत विज्ञापित असिस्टेंट प्रोफेसर के 45 में से दस से अधिक विषयों के लिए लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का साक्षात्कार भी नए आयोग के गठन के कारण नहीं हो पा रहा है जबकि जिन विषयों के साक्षात्कार के बाद परिणाम घोषित हो चुके हैं, उनअभ्यर्थियों को उच्च शिक्षा निदेशालय से कॉलेज का आवंटन कर नियुक्ति पत्र तक दिया जा चुका है।
612 प्रधानाचार्यो के लिए विज्ञापन नहीं
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को सूबे के सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में 612 प्रधानाचार्यों का पद रिक्त होने की सूचना मिली है। इन पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी कर आवेदन लिया जाना है लेकिन नए आयोग के गठन की वजह से इसके लिए विज्ञापन नहीं जारी हो पा रहा है। हालत यह है कि सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्यों के पद कार्यवाहकों को भरोसे है।
राज्यपाल को ज्ञापन, 25 से करेंगे आंदोलन
चयन प्रक्रिया बाधित होने से आक्रोशित प्रतियोगी छात्रों ने 25 अक्तूबर से प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है। इससे पूर्व इन अभ्यर्थियों की ओर से राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर वस्तुस्थिति की जानकारी देते हुए चयन प्रक्रिया को बहाल करने की मांग की गई है। प्रतियोगियों ने ज्ञापन की प्रति प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भी भेजी है। इनका आरोप है कि प्रदेश की भाजपा सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चुनावी सभाओं में 90 दिनों के भीतर रिक्त पदों को भरने की घोषणा के विपरीत काम करते हुए भर्तियों को ठप कर दिया है। 25 अक्तूबर को जिला मुख्यालय पर होने वाले प्रदर्शन के लिए प्रतियोगी डेलीगेसी और शहर के विभिन्न मोहल्लों में सभाएं कर प्रतियोगी छात्रों से प्रदर्शन में शामिल होने की अपील कर रहे हैं। स्वराज अभियान के राजेश सचान ने प्रतियोगी छात्रों के इस आंदोलन का समर्थन किया है।
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इन सभी पदों के लिए आवेदन लिए जा चुके हैं। लगभग 13 लाख आवेदकों को इंतजार है तो बस नए आयोग के गठन का लेकिन हालत यह है कि आवेदकों को कोई यह तक बताने वाला नहीं है कि नया आयोग आखिर कब तक गठित हो सकेगा।नए आयोग के गठन की कवायद मार्च में सूबे में भाजपा की सरकार बनने के बाद शुरू हुई थी। सरकार के दबाव पर आयोग के अध्यक्ष प्रभात मित्तल और बोर्ड के अध्यक्ष हीरा लाल गुप्ता के साथ ही सभी सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया। शासन स्तर पर हुई बैठक में गठित ड्राफ्ट कमेटी ने नए आयोग के लिए नियम-निर्देश भी बना दिए। नए आयोग में नियुक्त होने वाले अध्यक्ष और सदस्यों की अर्हता भी तय हो चुकी है लेकिन अभी तक आयोग गठन की अधिसूचना जारी नहीं की जा सकी है।
टीजीटी-पीजीटी के 9294 पदों पर होना है चयन : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने टीजीटी-पीजीटी 2016 के तहत प्रशिक्षित स्नातक के 7950 और प्रवक्ता के 1344 पदों के लिए आवेदन लिए हैं। इन 9294 पदों के लिए 11.71 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। बोर्ड ने अक्तूबर में परीक्षा कराने की घोषणा करते हुए परीक्षा तिथि भी तय कर दी थी। लेकिन नए आयोग के गठन के चक्कर में इन पदों पर चयन फंस गया। टीजीटी-पीजीटी 2011 के तहत विज्ञापित 1800 से अधिक पदों के लिए लिखित परीक्षा हो चुकी है। इंटरव्यू के बाद कुछ विषयों का परिणाम घोषित हो चुका है जबकि कई विषयों का परिणाम नए आयोग के गठन की वजह से अभी घोषित नहीं किया जा सका है।
क्रमिक अनशन शुरू करेंगे प्रतियोगी : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रतियोगी मोर्चा ने भी प्रदेश सरकार के खिलाफ 25 से आंदोलन करने की घोषणा की है। इनकी योजना 25 अक्तूबर से चयन बोर्ड दफ्तर के सामने
क्रमिक अनशन शुरू करने की है। मोर्चा के संयोजक विक्की खान ने बताया कि आंदोलन के संबंध में प्रतियोगी छात्रों की बैठक 24 अक्तूबर को दिन में पांच बजे से चयन बोर्ड दफ्तर के पास होगी। उन्होंने प्रतियोगियों से बैठक में शामिल होने की अपील की है।प्राचार्यों के 284 पदों पर नहीं हो सका चयन : उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने सूबे के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में प्राचार्यों के रिक्त 284 पदों के लिए इस वर्ष ऑनलाइन आवेदन लिए। इन 284 में 159 पीजी कॉलेज (पुरुष), 37 पीजी कॉलेज (महिला) और 71 यूजी कॉलेज (पुरुष) तथा 17 यूजी कॉलेज (महिला) के पद शामिल हैं। इन पदों पर चयन भी नए आयोग के गठन के चक्कर में फंसा हुआ है।
असिस्टेंट प्रोफेसर के 1150 पदों पर चयन लटका
उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने विज्ञापन संख्या 47 के तहत सूबे के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में रिक्त 35 विषयों के असिस्टेंट प्रोफेसर के 1150 पदों के लिए जुलाई 2016 में ऑनलाइन आवेदन लिए थे। प्रदेशभर से लगभग 50 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। पहले आयोग में सदस्यों का कोरम पूरा न होने और फिर विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के कारण परीक्षा टली। चुनाव बाद परीक्षा होने की उम्मीद जगी थी लेकिन नए आयोग के गठन के चक्कर में परीक्षा में पेंच फंस गया। इतना ही नहीं विज्ञापन संख्या 46 के तहत विज्ञापित असिस्टेंट प्रोफेसर के 45 में से दस से अधिक विषयों के लिए लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का साक्षात्कार भी नए आयोग के गठन के कारण नहीं हो पा रहा है जबकि जिन विषयों के साक्षात्कार के बाद परिणाम घोषित हो चुके हैं, उनअभ्यर्थियों को उच्च शिक्षा निदेशालय से कॉलेज का आवंटन कर नियुक्ति पत्र तक दिया जा चुका है।
612 प्रधानाचार्यो के लिए विज्ञापन नहीं
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को सूबे के सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में 612 प्रधानाचार्यों का पद रिक्त होने की सूचना मिली है। इन पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी कर आवेदन लिया जाना है लेकिन नए आयोग के गठन की वजह से इसके लिए विज्ञापन नहीं जारी हो पा रहा है। हालत यह है कि सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्यों के पद कार्यवाहकों को भरोसे है।
राज्यपाल को ज्ञापन, 25 से करेंगे आंदोलन
चयन प्रक्रिया बाधित होने से आक्रोशित प्रतियोगी छात्रों ने 25 अक्तूबर से प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है। इससे पूर्व इन अभ्यर्थियों की ओर से राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर वस्तुस्थिति की जानकारी देते हुए चयन प्रक्रिया को बहाल करने की मांग की गई है। प्रतियोगियों ने ज्ञापन की प्रति प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भी भेजी है। इनका आरोप है कि प्रदेश की भाजपा सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चुनावी सभाओं में 90 दिनों के भीतर रिक्त पदों को भरने की घोषणा के विपरीत काम करते हुए भर्तियों को ठप कर दिया है। 25 अक्तूबर को जिला मुख्यालय पर होने वाले प्रदर्शन के लिए प्रतियोगी डेलीगेसी और शहर के विभिन्न मोहल्लों में सभाएं कर प्रतियोगी छात्रों से प्रदर्शन में शामिल होने की अपील कर रहे हैं। स्वराज अभियान के राजेश सचान ने प्रतियोगी छात्रों के इस आंदोलन का समर्थन किया है।
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