फर्जीवाड़ा: मंझनपुर के 91 शिक्षकों पर बर्खास्तगी की तलवार, हर भर्ती में फर्जी प्रमाणपत्रों का सहारा

मंझनपुर (कौशाम्बी)। जिले के 91 शिक्षकों के खिलाफ कभी भी बर्खास्तगी की कार्रवाई हो सकती है। इन शिक्षकों ने डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की बीएड की डिग्री लगाकर नौकरी हासिल की थी।
एसआईटी ने इनकी डिग्रियों को अवैध करार दे दिया है। इससे इन शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। बीएसए कार्यालय को अब कार्रवाई के लिए शासन के निर्देश का इंतजार है। वर्ष 2004-05 और इससे पहले तैनात हुए 91 शिक्षकों के खिलाफ शासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इन शिक्षकों ने भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से बीएड उत्तीर्ण करने की डिग्री लगाई थी। इन डिग्रियों की वैधता को लेकर चुनौती दी गई थी। शासन ने जांच कराई तो डिग्रियां फर्जी पाई गई। अब कार्रवाई के खौफ से शिक्षक सहमे हुए हैं। शिक्षकों का बुरा हाल है। उन्हें नौकरी जाने का भय सताने लगा है।
कार्रवाई के लिए शासन से अभी तक कोई निर्देश नहीं मिला है। 91 शिक्षकों की सूची शासन को दी गई थी। इन सभी शिक्षकों ने नौकरी के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की बीएड डिग्री लगाई थी। निर्देश मिलते ही कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। महराज स्वामी, बीएसए, कौशाम्बी
आगरा । हिन्दुस्तान संवादडॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएड के फर्जी अंकपत्र से नौकरी पाने वालों में हड़कंप की स्थिति है। बेसिक शिक्षा विभाग से लेकर माध्यमिक शिक्षा विभाग तक की भर्ती में नौकरी पाने के लिए फर्जी प्रमाणपत्रों का सहारा लेते पकड़ा गया है। बता दें, एसआईटी ने विवि के फर्जी अंकपत्रों के सहारे नौकरी पाने वाले छह हजार से अधिक अभ्यर्थियों की पहचान की है। एजेंसी ने बीएड के फर्जी अंकपत्र के आधार पर यह फर्जीवाड़ा पकड़ा है, लेकिन विवि से हर कोर्स के फर्जी अंकपत्र-प्रमाणपत्र जारी हुए हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में बीकॉम और बीए के फर्जी प्रमाणपत्र मिले थे। इसके बाद विभाग ने एक अभ्यर्थी के खिलाफ एफआईआर करा दी थी। वहीं बेसिक शिक्षा विभाग की पिछले दिनों में शायद ही कोई भर्ती ऐसी हुई हो जिसमें काउंसलिंग से लेकर नौकरी पाने तक फर्जी प्रमाणपत्रों का जाल न पकड़ा गया हो। 72 हजार शिक्षक भर्ती से शिक्षामित्र समायोजन तक लगभग सौ ऐसे मामले सामने आए। जहां अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र गड़बड़ थे। इनके खिलाफ भी एफआईआर के निर्देश दिए गए। बेसिक शिक्षा अधिकारी अर्चना गुप्ता के अनुसार पूर्व में वेरिफिकेशन के दौरान जितने के प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए थे। उन सभी अभ्यर्थी के खिलाफ एपआईआर के निर्देश दिए गए थे। शासन के पत्र के आधार पर शिक्षकों के डाटा की जांच की जा रही है।
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