भर्तियों में अनियमितताओं की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए राजभवन ने लगाई तत्काल प्रभाव से रोक -
शिक्षकों और गैर शिक्षकों सभी पदों की भर्ती पर लगाई रोक, इंटरव्यू के परिणाम भी नहीं होंगे घोषित -
यूजीसी के नए नियमों के अनुसार होनी हैं भर्ती, विवि कर रहा था पुराने नियमों से भर्तियां -
विवि की परिनियमावली में यूजीसी के संशोधित नियमों को शामिल करने के बाद ही होंगी भर्तियां -
नए विज्ञापन में पुराने आवेदकों को दोबारा आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी- दोबारा आवेदन करने वालों को शुल्क नहीं देना होगा
विशेष संवाददाता - राज्य मुख्यालयराज्यपाल एवं कुलाधिपति राम नाईक ने सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी में शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक पदों की भर्ती पर तात्कालिक रूप से रोक लगा दी है। कुलाधिपति ने यह भी निर्देश दिए हैं कि सम्पन्न हो चुके साक्षात्कारों के परिणाम अभी घोषित न किए जाएं। साथ ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा जारी संशोधित नियमों को परिनियमावली में शामिल करने के बाद शैक्षिक पदों पर चयन प्रक्रिया पुनः नए नियमों के अनुसार शुरू की जाए। उन्होंने यह भी कहा है कि शैक्षिक पदों पर भर्ती के लिए नए विज्ञापन जारी करते समय स्पष्ट उल्लेख किया जाए कि जिन अभ्यर्थियों द्वारा पूर्व विज्ञापन के आधार पर आवेदन किया गया था। उन्हें पुनः आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। यदि अभ्यर्थी पुनः आवेदन करता भी है तो उसे अपेक्षित शुल्क भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में शैक्षिक पदों पर भर्ती में अनियमितता की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए राज्यपाल ने बैठक बुलाई थी। बैठक में विशेष रूप से कुलपति प्रो. यदुनाथ दुबे, राज्यपाल के सचिव चन्द्रप्रकाश, ओएसडी राज्यपाल डा.राजवीर सिंह राठौर एवं कुलपति के ओएसडी राघवेन्द्र मिश्र उपस्थित थे। राज्यपाल ने कहा कि आठ अप्रैल 2017 को जारी शासनादेश के अनुसार नए नियमों को विश्वविद्यालय परिनियमावली में शामिल करने के पश्चात भर्ती करने के आदेश थे, परन्तु विश्वविद्यालय द्वारा पुराने नियमों से ही भर्ती की जा रही थी, जिसके संबंध में राज्यपाल से शिकायत की गई थी। बैठक में राज्यपाल ने शैक्षिक पदों पर भर्ती समेत अन्य विषयों पर भी विचार-विमर्श किया।राज्यपाल ने बैठक में दीक्षांत समारोह की तारीख पुनः निर्धारित करने एवं मुख्य अतिथि के रूप में किसी शिक्षाविद् को आमंत्रित करने के लिए कहा है। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय का दीक्षान्त समारोह 27 अक्टूबर को होना था, परन्तु शिक्षकों, कर्मचारियों तथा छात्रों की हड़ताल के कारण वह समय से नहीं हो सका। राज्यपाल ने निकाय चुनाव में लागू आदर्श आचार संहिता के मद्देनजर किसी शिक्षाविद् को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करने के प्रस्ताव को प्रस्तुत करने को कहा है। श्री नाईक ने सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में चल रही हड़ताल को समाप्त करने के संबंध में कहा है कि प्राथमिकता पर आवश्यक कदम उठाकर विश्वविद्यालय परिसर में सौहार्दपूर्ण वातावरण सुनिश्चित किया जाए। हड़ताल करने वाले शिक्षकों, कर्मचारियों व छात्रों से वार्ता कर उनकी नियमों के तहत उनकी समस्याओं का निराकरण किया जाए। राज्यपाल ने कहा कि सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय की समस्याओं के संबंध में प्रस्ताव कुलाधिपति सचिवालय को शीघ्र भेजे जाएं। राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम-1973 की धारा-68 के तहत प्राप्त प्रत्यावेदनों के संबंध में 15 दिन में बिन्दुवार रिपोर्ट उपलब्ध कराने के भी विश्वविद्यालय को निर्देश दिए हैं। राज्यपाल ने आश्वासन दिया कि सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में रिक्त प्रशासनिक पद जैसे कुलसचिव, वित्त अधिकारी, परीक्षा नियंत्रक, उप कुलसचिव, सहायक कुलसचिव पर भर्ती के लिए राज्यपाल सचिवालय द्वारा शासन स्तर पर कार्यवाही किए जाने के लिए कहेंगे।
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विशेष संवाददाता - राज्य मुख्यालयराज्यपाल एवं कुलाधिपति राम नाईक ने सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी में शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक पदों की भर्ती पर तात्कालिक रूप से रोक लगा दी है। कुलाधिपति ने यह भी निर्देश दिए हैं कि सम्पन्न हो चुके साक्षात्कारों के परिणाम अभी घोषित न किए जाएं। साथ ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा जारी संशोधित नियमों को परिनियमावली में शामिल करने के बाद शैक्षिक पदों पर चयन प्रक्रिया पुनः नए नियमों के अनुसार शुरू की जाए। उन्होंने यह भी कहा है कि शैक्षिक पदों पर भर्ती के लिए नए विज्ञापन जारी करते समय स्पष्ट उल्लेख किया जाए कि जिन अभ्यर्थियों द्वारा पूर्व विज्ञापन के आधार पर आवेदन किया गया था। उन्हें पुनः आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। यदि अभ्यर्थी पुनः आवेदन करता भी है तो उसे अपेक्षित शुल्क भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में शैक्षिक पदों पर भर्ती में अनियमितता की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए राज्यपाल ने बैठक बुलाई थी। बैठक में विशेष रूप से कुलपति प्रो. यदुनाथ दुबे, राज्यपाल के सचिव चन्द्रप्रकाश, ओएसडी राज्यपाल डा.राजवीर सिंह राठौर एवं कुलपति के ओएसडी राघवेन्द्र मिश्र उपस्थित थे। राज्यपाल ने कहा कि आठ अप्रैल 2017 को जारी शासनादेश के अनुसार नए नियमों को विश्वविद्यालय परिनियमावली में शामिल करने के पश्चात भर्ती करने के आदेश थे, परन्तु विश्वविद्यालय द्वारा पुराने नियमों से ही भर्ती की जा रही थी, जिसके संबंध में राज्यपाल से शिकायत की गई थी। बैठक में राज्यपाल ने शैक्षिक पदों पर भर्ती समेत अन्य विषयों पर भी विचार-विमर्श किया।राज्यपाल ने बैठक में दीक्षांत समारोह की तारीख पुनः निर्धारित करने एवं मुख्य अतिथि के रूप में किसी शिक्षाविद् को आमंत्रित करने के लिए कहा है। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय का दीक्षान्त समारोह 27 अक्टूबर को होना था, परन्तु शिक्षकों, कर्मचारियों तथा छात्रों की हड़ताल के कारण वह समय से नहीं हो सका। राज्यपाल ने निकाय चुनाव में लागू आदर्श आचार संहिता के मद्देनजर किसी शिक्षाविद् को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करने के प्रस्ताव को प्रस्तुत करने को कहा है। श्री नाईक ने सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में चल रही हड़ताल को समाप्त करने के संबंध में कहा है कि प्राथमिकता पर आवश्यक कदम उठाकर विश्वविद्यालय परिसर में सौहार्दपूर्ण वातावरण सुनिश्चित किया जाए। हड़ताल करने वाले शिक्षकों, कर्मचारियों व छात्रों से वार्ता कर उनकी नियमों के तहत उनकी समस्याओं का निराकरण किया जाए। राज्यपाल ने कहा कि सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय की समस्याओं के संबंध में प्रस्ताव कुलाधिपति सचिवालय को शीघ्र भेजे जाएं। राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम-1973 की धारा-68 के तहत प्राप्त प्रत्यावेदनों के संबंध में 15 दिन में बिन्दुवार रिपोर्ट उपलब्ध कराने के भी विश्वविद्यालय को निर्देश दिए हैं। राज्यपाल ने आश्वासन दिया कि सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में रिक्त प्रशासनिक पद जैसे कुलसचिव, वित्त अधिकारी, परीक्षा नियंत्रक, उप कुलसचिव, सहायक कुलसचिव पर भर्ती के लिए राज्यपाल सचिवालय द्वारा शासन स्तर पर कार्यवाही किए जाने के लिए कहेंगे।
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