लखनऊ। शिक्षकों की नई पीढ़ी में पेंशन की टेंशन लगातार बढ़ती जा रही है। शिक्षक विभिन्न संगठनों के बैनर तले पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन भी करने लगे हैं पर सरकार इस मांग पर अटेंशन नहीं दे रही है। शिक्षक संगठन भी अपने आंदोलनों को और धार देने में जुट गए हैं।
प्रदेश में 1 अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बंद कर दी गई है। अप्रैल 2005 के बाद नियुक्तियों का सिलसिला तो बदस्तूर जारी है लेकिन शिक्षकों व कर्मचारियों की पेंशन के संबंध में किसी भी सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया। शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन की मांग को लेकर विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर
एसोसिएशन ने पुरजोर तरीके से आवाज उठाई और विभिन्न मंचों पर अपनी मांग रखी। विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के लगभग 40000 शिक्षक तो उस संक्रमण काल में फंस गए जब पुरानी पेंशन मृत्युशैया पर थी और नई पेंशन स्कीम जन्म लेने वाली थी। सरकार के कुप्रबंध के कारण 2004 बैच के शिक्षकों की नियुक्ति मे विलंब होता गया और उन्हें दिसंबर 2005 के अंत और जनवरी 2006 के प्रारंभ में नियुक्ति पत्र नसीब हो सका । इस कारण हजारों शिक्षकों को भी पुरानी पेंशन योजना से बेदखल कर दिया गया। शिक्षकों ने विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले 2006 के बाद की सभी स
आमोद श्रीवास्तव
रकारों के समक्ष पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग उठाई लेकिन सरकारों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए। एसोसिएशन ने शिक्षकों के हित में जीपीएफ कटौती की मांग को लेकर न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया। इलाहाबाद हाईकोर्ट में जीपीएफ कटौती प्रारंभ करने के संबंध में निर्देश भी जारी किए। राज्य सरकार की ढुलमुल नीति के कारण जीपीएफ कटौती के सम्बन्ध मे भी कोई प्रगति नहीं हुई एसोसिएशन के प्रदेशअध्यक्ष संतोष तिवारी का कहना है कि एसोसिएशन रोड से लेकर कोर्ट तक पेंशन की लड़ाई जारी रखेगी। जीपीएफ कटौती के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। महामंत्री सुभाष कनौजिया ने कहा है कि एसोसिएशन पुरानी पेंशन हासिल करके ही दम लेगें ।
2004बैच के विशिष्ट बी टी सी शिक्षकों के पुरानी पेंशन (GPFकटौती के माननीय उच्च न्यायालय के हुए अन्तरिम आदेश)पर लम्बित अवमानना वाद 3720/2016 में वर्तमान अपडेट यह है कि अवमानना वाद के लिए लिस्टिंग कोर्ट बैठने लगी है केस लगवाने के लिए अप्लीकेशन डाली जा चुकी है ।वकील साहब इसमें डेट लग जाने पर रिस्पान्डेन्ट सम्बन्धित पार्टी जिसके लिए आदेश था उसको कोर्ट में व्यक्तिगत रुप से तलब करवाने का प्रयास कर रहे हैं जिससे अन्तरिम आदेश का अनुपालन हो सके ।–आमोद श्रीवास्तव (प्रदेश विधि सलाहकार वि बी टी सी शि वे ऐशो उ प्र)
केंद्र में गेंद यूपी सरकार के पाले में डाली
झांसी। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर असमंजस के बादल अब छटनेे लगे हैं। केंद्र सरकार ने गेद अब यूपी सरकार के पाले में डाल दी है। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय की ओर से प्रदेश सरकार के वित्त विभाग के प्रमुख सचिव के नाम एक पत्र जारी किया गया है। पत्र में कहा गया है कि प्रदेश के विभिन्न शिक्षक संगठनों द्वारा पुरानी पेंशन बहाली की मांग की जा रही है। प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना 1 अप्रैल 2005 से बंद हो चुकी है । विभिन्न संगठनों की मांगों के मद्देनजर प्रदेश सरकार मामले में उचित कार्यवाही करे। शिक्षक नेता इसे बडी कामयाबी मान रहे हैं। शिक्षक नेताओं का कहना है कि इस पत्र से साफ हो गया है कि गेंद यूपी सरकार के पाले में है। प्रदेश सरकार चाहे तो पुरानी पेंशन योजना बहाल कर सकती है। शिक्षक नेताओं का मानना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पुरानी पेंशन बडा़ मुद्दा बन सकता है।
वहीं एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष डॉ अचल सिंह ने आशा जताई कि जल्द ही प्रदेश सरकार पुरानी पेंशन बहाली की ओर सकारात्मक कदम बडा सकती हैं ।
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प्रदेश में 1 अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बंद कर दी गई है। अप्रैल 2005 के बाद नियुक्तियों का सिलसिला तो बदस्तूर जारी है लेकिन शिक्षकों व कर्मचारियों की पेंशन के संबंध में किसी भी सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया। शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन की मांग को लेकर विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर
एसोसिएशन ने पुरजोर तरीके से आवाज उठाई और विभिन्न मंचों पर अपनी मांग रखी। विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के लगभग 40000 शिक्षक तो उस संक्रमण काल में फंस गए जब पुरानी पेंशन मृत्युशैया पर थी और नई पेंशन स्कीम जन्म लेने वाली थी। सरकार के कुप्रबंध के कारण 2004 बैच के शिक्षकों की नियुक्ति मे विलंब होता गया और उन्हें दिसंबर 2005 के अंत और जनवरी 2006 के प्रारंभ में नियुक्ति पत्र नसीब हो सका । इस कारण हजारों शिक्षकों को भी पुरानी पेंशन योजना से बेदखल कर दिया गया। शिक्षकों ने विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले 2006 के बाद की सभी स
आमोद श्रीवास्तव
रकारों के समक्ष पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग उठाई लेकिन सरकारों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए। एसोसिएशन ने शिक्षकों के हित में जीपीएफ कटौती की मांग को लेकर न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया। इलाहाबाद हाईकोर्ट में जीपीएफ कटौती प्रारंभ करने के संबंध में निर्देश भी जारी किए। राज्य सरकार की ढुलमुल नीति के कारण जीपीएफ कटौती के सम्बन्ध मे भी कोई प्रगति नहीं हुई एसोसिएशन के प्रदेशअध्यक्ष संतोष तिवारी का कहना है कि एसोसिएशन रोड से लेकर कोर्ट तक पेंशन की लड़ाई जारी रखेगी। जीपीएफ कटौती के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। महामंत्री सुभाष कनौजिया ने कहा है कि एसोसिएशन पुरानी पेंशन हासिल करके ही दम लेगें ।
2004बैच के विशिष्ट बी टी सी शिक्षकों के पुरानी पेंशन (GPFकटौती के माननीय उच्च न्यायालय के हुए अन्तरिम आदेश)पर लम्बित अवमानना वाद 3720/2016 में वर्तमान अपडेट यह है कि अवमानना वाद के लिए लिस्टिंग कोर्ट बैठने लगी है केस लगवाने के लिए अप्लीकेशन डाली जा चुकी है ।वकील साहब इसमें डेट लग जाने पर रिस्पान्डेन्ट सम्बन्धित पार्टी जिसके लिए आदेश था उसको कोर्ट में व्यक्तिगत रुप से तलब करवाने का प्रयास कर रहे हैं जिससे अन्तरिम आदेश का अनुपालन हो सके ।–आमोद श्रीवास्तव (प्रदेश विधि सलाहकार वि बी टी सी शि वे ऐशो उ प्र)
केंद्र में गेंद यूपी सरकार के पाले में डाली
झांसी। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर असमंजस के बादल अब छटनेे लगे हैं। केंद्र सरकार ने गेद अब यूपी सरकार के पाले में डाल दी है। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय की ओर से प्रदेश सरकार के वित्त विभाग के प्रमुख सचिव के नाम एक पत्र जारी किया गया है। पत्र में कहा गया है कि प्रदेश के विभिन्न शिक्षक संगठनों द्वारा पुरानी पेंशन बहाली की मांग की जा रही है। प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना 1 अप्रैल 2005 से बंद हो चुकी है । विभिन्न संगठनों की मांगों के मद्देनजर प्रदेश सरकार मामले में उचित कार्यवाही करे। शिक्षक नेता इसे बडी कामयाबी मान रहे हैं। शिक्षक नेताओं का कहना है कि इस पत्र से साफ हो गया है कि गेंद यूपी सरकार के पाले में है। प्रदेश सरकार चाहे तो पुरानी पेंशन योजना बहाल कर सकती है। शिक्षक नेताओं का मानना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पुरानी पेंशन बडा़ मुद्दा बन सकता है।
वहीं एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष डॉ अचल सिंह ने आशा जताई कि जल्द ही प्रदेश सरकार पुरानी पेंशन बहाली की ओर सकारात्मक कदम बडा सकती हैं ।
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