यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश किस तरह बदल रही है यूपी की शिक्षा व्यवस्था, देखें योगी सरकार के अहम बदलाव

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन को लेकर कमर कस ली है। सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों से लेकर उच्च शिक्षा और मदरसा शिक्षा में तेजी से बदलाव की प्रक्रिया शुरू भी कर दी है।

चाहे वह पाठ्यक्रम में बदलाव हो, बच्चों को किताबों के साथ ड्रेस बांटने की व्यवस्था हो या शिक्षकों की हाजिरी में अनुशासन लागू करना हो। योगी सरकार हर मोर्चे पर तेजी से बदलाव करती दिख रही है।
डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा के अनुसार अगले साल 2018 से उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में सीबीएसई पैटर्न लागू कर दिया जाएगा। इसमें 70 फीसदी सिलेबस एनसीआरटी से होगा, जबकि 30 प्रतिशत सिलेबस स्थानीय रहेगा।
उन्होंने कहा कि स्कूलों की स्थिति सुधारने को लेकर सरकार गंभीर है। इसी क्रम में सरकार जल्द ही नई फीस नीति लाने जा रही है। शिक्षकों से पढ़ाई के अलावा दूसरे काम लिए जाने पर डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि हमारा शिक्षक और शिक्षा खराब नहीं है। लेकिन अगर शिक्षक को बीपीएल की गणना करने या जनगणना के काम में लगा दिया जाएगा तो उसका मन शिक्षा में नहीं लगेगा। वहीं अगर शिक्षक खुद गरीब बच्चों को आगे बढ़ाएंगे तो लोग खुद आगे आएंगे
योगी सरकार की मंशा है कि सभी को ऐसी शिक्षा मोहैया कराई जाए, जिसमें रोजगार की संभावनाएं प्रबल हों, छात्रों और शिक्षकों में अनुशासन के साथ ही भ्रष्टाचार मुक्त समाज की भी स्थापना हो।

योगी सरकार के कुछ महत्वपूर्ण निर्णय

  • 2018 के सत्र से यूपी में सीबीएसई पैटर्न पर सरकारी शिक्षा व्यवस्था हो जाएगी।
  • कक्षा 9 से 12वीं तक के छात्रों के लिए 80 प्रतिशत की हाजिरी आवश्‍यक करने की तैयारी।
  • प्रदेश में कक्षाएं 120 दिन की बजाए 220 दिन की होंगी. सिलेबस सत्र शुरू होने के 200 दिन के भीतर खत्म करना होगा।
  • 15 दिन में परीक्षाएं पूरी करनी होंगीं. रिजल्‍ट भी अगले 15 दिन के अंदर दिया जाए।
  • अनुशासन के लिए टीचरों की बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य होगी।
  • कक्षा 11 और 12 के छात्र एक विदेशी भाषा पढ़ें, जिससे उन्‍हें विदेश पढ़ने जाने में दिक्‍कत ना हो।
  • योग शिक्षा को राज्‍य सरकार के स्‍कूलों में अनिवार्य की जा रही।
  • छात्राओं को मुफ्त शिक्षा।
  • बालिकाओं को आत्मरक्षा के लिए समर्थ बनाने के मकसद से रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा कार्यक्रम तथा योग शिक्षा कार्यक्रम को अनिवार्य बनाने के निर्देश।
  • नकल माफिया पर लगाम लगाने के लिए, बड़े पैमाने पर सेंटर्स ब्‍लैकलिस्‍ट किए जा रहे । इस बार 25 प्रतिशत सेंटर्स कम हो जाएंगे।
  • नकल पर नकेल के लिए निर्धारित एग्जाम सेंटर्स को आॅनलाइन किया जा रहा है।
  • एग्जाम सेंटर्स को आॅनलाइन करने में सीसीटीवी की अनिवार्यता लागू की गई है।
  • प्राइवेट कोचिंग चलाने वाले सरकारी टीचर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज के आदेश।
  • विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति की लगातार मॉनीटरिंग की जाएगी। इसके लिए खुद सीएम कार्यालय में एक आॅनलाइन सिस्टम लगाया जा रहा है, ताकि रियल टाइम अटेंडेंस सीधे सीएम को मिल सके।
  • राज्य स्तर पर सभी विश्वविद्यालयों में एक समान पाठ्यक्रम लागू करने के निर्देश।
  • विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों के सत्र नियमित कर उच्च शिक्षण संस्थाओं में शिक्षकों की कमी को दूर करने के निर्देश।
  • निजी स्कूल कॉलेजों द्वारा फीस के संबंध में की जा रही मनमानी वसूली पर रोक लगाने के लिए एक नियमावली बनाने के निर्देश।
  • आईटीआई संस्थानों में पुराने ट्रेड जैसे-रेडियो मैकेनिक आदि को समाप्त कर आधुनिक जरूरतों के अनुरूप नए ट्रेड शुरू करने के निर्देश।
  • बंदी के स्थिति में पहुंचे निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों के संसाधनों का इस्तेमाल व्यावसायिक गतिविधि में करने से रोकना।
  • ऐसे निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों को अन्य शैक्षिक संस्थाओं यथा डिप्लोमा, फार्मा, नर्सिंग आदि के कोर्स चलाने के लिए संभावनाएं तलाशने के निर्देश।
  • सभी विद्यालयों की जियो टैगिंग की गई, ताकि एक क्लिक पर विद्यालय की पूरी जानकारी मिल जाए।
  • सभी महाविद्यालयों में ई-लाइब्रेरी की व्यवस्था।
  • प्राचार्यों व प्रवक्ताओं की ट्रांसफर पॉलिसी आॅनलाइन की गई।

मदरसा शिक्षा व्यवस्था में कुछ परिवर्तन

  • प्रदेश के 19 हजार रजिस्टर्ड मदरसों को आॅनलाइन की प्रक्रिया चल रही है ।
  • सभी मदरसों में एनसीईआरटी की किताबें लागू की जा रही हैं।
  • मदरसों में 12वीं तक गणित और साइंस पढ़ना अनिवार्य किया जा रहा है।
  • अंग्रेजी और हिंदी के अलावा सभी किताबें उर्दू में उपलब्ध कराई जा रही हैं।

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