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आयोग के गठन बाद आएगी भर्तियों में तेजी

लखनऊ : भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में यह वादा किया था कि सरकार बनने पर वह नौकरियों से साक्षात्कार खत्म करेगी। भाजपा ने वादा निभाया और समूह ख के अराजपत्रित तथा समूह ग और घ की भर्तियों से
साक्षात्कार खत्म कर दिया।
अब असली चुनौती करीब 65 हजार रिक्त पदों पर भर्ती की है, लेकिन इसमें अफसरों की सुस्ती रोड़ा बनी है। असल में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन किये बिना भर्ती संभव नहीं है। फिलहाल इसके गठन की प्रक्रिया चल रही है।
शासन ने उप्र अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के अध्यक्ष के एक और सदस्य के सात पदों के लिए आवेदन मांगे थे। पिछले माह ही यह प्रक्रिया पूरी हो गई। करीब दो सौ लोगों ने अध्यक्ष और पांच सौ ने सदस्य बनने के लिए अर्जी डाली। इनके सत्यापन का कार्य पूरा करने के बाद भी अब तक अंतिम सूची नहीं बन पाई है। मुख्य सचिव राजीव कुमार का कहना है कि ‘यह प्राथमिकता का कार्य है और इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाना है।’131 अक्टूबर तक पदोन्नति से रिक्त पद नहीं भरे तो नपेंगे अफसर 1पदोन्नति से अगर रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया 31 अक्टूबर तक पूरी नहीं हुई तो संबंधित अफसरों पर कार्रवाई भी हो सकती है। इसके लिए मुख्य सचिव राजीव कुमार ने दो नवंबर को एक बैठक बुलाई है। मुख्य सचिव ने पदोन्नति से भरे जाने वाले रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विभागीय प्रोन्नति समिति की बैठक कर प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए थे। शासन से इस सिलसिले में तीन अगस्त, आठ सितंबर, 26 सितंबर और 16 अक्टूबर को पत्रचार के बावजूद प्रक्रिया पूरी न हो सकी।

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