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UP के निजी बेसिक स्कूलों में दूर हुई वेतन भुगतान की बाधा, राज्यपाल राम नाईक ने अध्यादेश को दी मंजूरी

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : प्रदेश में प्रबंध तंत्र द्वारा संचालित बेसिक स्कूलों में अध्यापकों और कर्मचारियों के वेतन भुगतान में आने वाली बाधा दूर हो गई है।
राज्यपाल राम नाईक ने बुधवार को ‘जूनियर बेसिक स्कूल’ और ‘जूनियर हाई स्कूल’ परिभाषित किए जाने संबंधी संशोधन को मंजूरी दे दी है। इससे राज्य सरकार को बेवजह के मुकदमों से भी छुटकारा मिल सकेगा।
गौरतलब है कि अधिनियमों में ‘जूनियर बेसिक स्कूल’ और ‘जूनियर हाई स्कूल’ परिभाषित न होने से कोर्ट में शासन को अपना पक्ष रखने में कठिनाई होती थी। आगामी दिनों में विधानमंडल का सत्र नहीं है, इसलिए विषय की तात्कालिकता को देखते हुए राज्यपाल ने मंत्रिपरिषद के प्रस्ताव को स्वीकृति देने का निर्णय किया। ‘उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अधिनियम-1972’ में ‘बेसिक शिक्षा’ का तात्पर्य हाईस्कूल या इंटरमीडिएट कालेजों से भिन्न स्कूलों में आठवीं कक्षा तक दी जाने वाली शिक्षा से है। अधिनियम में ‘जूनियर बेसिक स्कूल’ और ‘जूनियर हाई स्कूल’ परिभाषित नहीं है। संशोधन में स्पष्ट किया गया है कि कक्षा पांच तक की शिक्षा देने वाले विद्यालयों को ‘जूनियर बेसिक स्कूल’ कहा जाएगा, जबकि छठीं से आठवीं तक की शिक्षा देने वाले विद्यालय को ‘जूनियर हाई स्कूल’ कहा जाएगा।

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