शिक्षा मित्रों को नहीं भाया UPTET का गणित

लखनऊ. प्रदेश भर में रविवार को टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) की परीक्षा संपन्न हुई। प्रदेशभर के 1634 केंद्रों पर में पहली पाली में 10 से 12.30 बजे तक प्राथमिक और 2.30 से 5 बजे तक उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा हुई।
सुप्रीम कोर्ट से समायोजन रद्द होने के बाद सहायक अध्यापक बनने के बाद फिर शिक्षामित्र बनकर रह गए अभ्यर्थियों के लिए ये बड़ा मौका था लेकिन पेपर कठिन से उनके अरमानों पर पानी फिरा है।
पहली पाली की प्राथमिक स्तर की परीक्षा में ज्यादातर शिक्षा मित्र शामिल थे। ढाई घंटे की इस परीक्षा में 150 सवाल पूछे गए। पेपर पांच सेक्शन में था जिसमें गणित, पर्यावरण, बाल मनोविज्ञान, हिंदी, लैंग्वेज (अंग्रेजी/उर्दु /संस्कृत) शामिल थे। पेपर देने आए अभ्यर्थियों ने बताया कि गणित का सेक्शन उम्मीद से ज्यादा कठिन था। खासतौर पर शिक्षामित्रों को पेपर काफी कठिन लगा।
मोहनलालगंज से परीक्षा देने आए शिक्षामित्र शरद मिश्रा ने बताया कि उन्होंने तीसरी बार टीईटी की परीक्षा दी है लेकिन इतने कठिन गणित के सवाल कभी नहीं आए। इसके अलावा परीक्षा देने आए शिक्षामित्र मसूद अहमद ने बताया कि पेपर उम्मीद से ज्यादा कठिन था। जियोमेट्री के सवाल भी परीक्षा में थे जिनका कक्षा पांचवीं तक के छात्रों से ज्यादा मतलब नहीं रहता लेकिन उन्हें पढ़ाने वालों शिक्षकों के एग्जाम में पूछा गया। उन्होंने कहा कि ज्यादातर शिक्षामित्रों को परीक्षा में दिक्कत जरूर आई होगी।
वेटेज का कोई खास लाभ नहीं
बीते दिनों कैबिनेट की तरफ से पास किए प्रस्ताव में शिक्षामित्रों को भर्ती में हर साल के अनुभव के हिसाब से 2.5 अंक वेटेज के तौर पर दिया जाएगा। इसके साथ ही ये भी है कि किसी भी शिक्षामित्र की नियुक्ति के वक्त मिलने वाला वेटेज 25 अंक से ज्यादा नहीं होगा। शिक्षा मित्रों का कहना था जब पेपर ही कठिन आया तो इससे कोई खास लाभ नहीं होने वाला है।
सेंटर के नाम थे गलत
परीक्षा देने आए छात्रों को कई दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा।सैकड़ों ऐसे प्रवेश पत्र सामने आए हैं जिनमें सेंटर के नाम ही गलत दिया हुआ है। किसी में शिया इंटरमीडिएट कॉलेज की जगह शिया इंटरनेशनल कॉलेज लखनऊ कर दिया गया तो किसी में जुबली इंटर कॉलेज की जगह जुबली डिग्री कॉलेज ल‍िखा हुआ है। सबसे खराब स्थिति पते को लेकर है, क्योंक‍ि प्रवेश पत्र में कोई पता ही नहीं दिया गया था।

जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में परीक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे लिपिक लोकेश गुप्ता ने बताया, गलती की शिकायत सामने आने पर इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी गई था। केन्द्र में भी सूचना उपलब्ध कराई गई है। वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो इस गलती के कारण किसी भी अभ्यर्थी को परीक्षा से वंचित नहीं होने दिया गया।
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