प्राथमिक स्तर पर शिक्षा में करना होगा सुधार

इलाहाबाद : शिक्षा के क्षेत्र में समस्याओं के आंकलन और उसके समाधान पर विशेष काम करना होगा। भारत में प्राचीनकाल से ही शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ थी पर अंग्रेजों ने हमारी संस्कृति को नष्ट करने के लिए अंग्रेजी शिक्षा को बढ़ावा दिया। हमें अंग्रेजियत से बचना होगा।
हमें प्राथमिक स्तर पर ही शिक्षा को सुधारना होगा तभी उच्च शिक्षा में सुधार आएगा। यह बातें बुधवार को डॉ. इंदुमति काटदरे, कुलपति पुनरुत्थान विद्यापीठ कर्णवती ने कहीं। वे अरुंधती वशिष्ठ अनुसंधान पीठ महावीर भवन के तत्वावधान में आयोजित भारतीय शिक्षा, भूत वर्तमान एवं भविष्य विषय पर आयोजित व्याख्यानमाला को संबोधित कर रही थीं। हमारा दुभाग्य यह है कि देश में अभी भी यूरो-अमेरिकीय ज्ञान धारा पढ़ाई जा रही है। प्राथमिक, माध्यमिक जैसे कंपार्टमेंट बनाकर शिक्षा को बांधा नहीं जा सकता। डॉ. नरेंद्र सिंह गौर ने कहा कि शिक्षा का लगातार अवमूल्यन हुआ है। एडीसी के प्रवक्ता डॉ. चंद्रप्रकाश मिश्र ने कहा कि शिक्षा में सुधार के प्रयास सभी दिशाहीन होते जा रहे हैं। कार्यक्रम को डॉ. नीरज अग्रवाल, डॉ. अतुल सिंह, ने भी संबोधित किया। अतिरिक्त महान्यायवादी अशोक मेहता, चंद्रप्रकाश सिंह, डॉ. आरपी सिंह, आशुतोष, अमित मौजूद रहे।

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