बिग ब्रेकिंग-शिक्षामित्रो पर लागू नहीं होती भर्ती परीक्षा:
शिक्षामित्रो के मामले में 25 जुलाई को आये फैसले में कोर्ट ने अपने ऑपरेटिव पार्ट में स्पष्ट लिखा है कि *if they have acquired or theynow acquire the requisite qualification*
अर्थात अगर शिक्षमित्र आवश्यक अर्हताएं प्राप्त कर चुके हों या कर रहे हो तो उनको भर्ती का विज्ञापन जारी कर नियुक्ति दे। जिससे यह स्पष्ट है कि आरटीई एक्ट के अनुसार बीटीसी और टेट ही आवश्यक अर्हताएं हैं। अब बात भर्ती के सम्बन्ध मे होने बाली लिखित परीक्षा की तो भर्ती परीक्षा शिक्षामित्रो के संदर्भ में न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करती है बल्कि अनुच्छेद 14 का भी उल्लंघन है। क्योकि कोर्ट ने जब शिक्षामित्रो को नए अभ्यर्थियों के बराबर लाने के लिए वेटेज (भांराक) देने की बात की है! ताकि बीटीसी अभ्यर्थियो और टेट पास शिक्षामित्रों के बीच समानता स्थापित हो सके, ऐसे में भर्ती परीक्षा इस समानता को खत्म करने का काम करती है। जोकि कोर्ट की मंशा और संविधान के अनुछेद 14 के खिलाफ है।
*सरकार को नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार है लेकिन कोर्ट और संविधान की अवहेलना करके नहीं।*
साथियों अभी पिछली 27 अक्टूबर को ही माननीय सर्वोच्च न्यायालय मे ही जस्टिस गोयल और यू.यू. ललित ने SLP (C) No.31196 of 2017 में एक केस पर आदेश देते हुए राज्यो के बोर्डों को नोटिस जारी करके पूछा है कि किसी भी नौकरी के लिए बुनयादी अर्हता की ज़रूरत होती है या अधिकतम की? इस मामले में कोर्ट ने माना है कि व्यक्ति की बेसिक और ज़रूरी अर्हता ही पर्याप्त होती है। इस लिए भी *शिक्षक भर्ती कि होने बाली लिखित परीक्षा शिक्षामित्रो के लिए नहीं कराई जा सकती है। ये सिर्फ बीटीसी पर ही लागू होती है।*
साथियों इस बेस को संगठन आधार बनाकर सरकार द्वारा संशोधित शिक्षक भर्ती की नियमावली का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद उसे मजबूती के साथ मा. न्यायालय मे चैलेन्ज किया जायेगा! जिसकी तैयारी प्रारम्भ कर दी गई है! आपलोग से अनुरोध है कि अपना साथ व सहयोग बनाये रखे! धन्यवाद
आपका:- ह्रदयेश दुबे (प्रदेश अध्यक्ष)
*टीईटी उत्तीर्ण शिक्षामित्र संघ उत्तर प्रदेश!!*
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
शिक्षामित्रो के मामले में 25 जुलाई को आये फैसले में कोर्ट ने अपने ऑपरेटिव पार्ट में स्पष्ट लिखा है कि *if they have acquired or theynow acquire the requisite qualification*
अर्थात अगर शिक्षमित्र आवश्यक अर्हताएं प्राप्त कर चुके हों या कर रहे हो तो उनको भर्ती का विज्ञापन जारी कर नियुक्ति दे। जिससे यह स्पष्ट है कि आरटीई एक्ट के अनुसार बीटीसी और टेट ही आवश्यक अर्हताएं हैं। अब बात भर्ती के सम्बन्ध मे होने बाली लिखित परीक्षा की तो भर्ती परीक्षा शिक्षामित्रो के संदर्भ में न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करती है बल्कि अनुच्छेद 14 का भी उल्लंघन है। क्योकि कोर्ट ने जब शिक्षामित्रो को नए अभ्यर्थियों के बराबर लाने के लिए वेटेज (भांराक) देने की बात की है! ताकि बीटीसी अभ्यर्थियो और टेट पास शिक्षामित्रों के बीच समानता स्थापित हो सके, ऐसे में भर्ती परीक्षा इस समानता को खत्म करने का काम करती है। जोकि कोर्ट की मंशा और संविधान के अनुछेद 14 के खिलाफ है।
*सरकार को नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार है लेकिन कोर्ट और संविधान की अवहेलना करके नहीं।*
साथियों अभी पिछली 27 अक्टूबर को ही माननीय सर्वोच्च न्यायालय मे ही जस्टिस गोयल और यू.यू. ललित ने SLP (C) No.31196 of 2017 में एक केस पर आदेश देते हुए राज्यो के बोर्डों को नोटिस जारी करके पूछा है कि किसी भी नौकरी के लिए बुनयादी अर्हता की ज़रूरत होती है या अधिकतम की? इस मामले में कोर्ट ने माना है कि व्यक्ति की बेसिक और ज़रूरी अर्हता ही पर्याप्त होती है। इस लिए भी *शिक्षक भर्ती कि होने बाली लिखित परीक्षा शिक्षामित्रो के लिए नहीं कराई जा सकती है। ये सिर्फ बीटीसी पर ही लागू होती है।*
साथियों इस बेस को संगठन आधार बनाकर सरकार द्वारा संशोधित शिक्षक भर्ती की नियमावली का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद उसे मजबूती के साथ मा. न्यायालय मे चैलेन्ज किया जायेगा! जिसकी तैयारी प्रारम्भ कर दी गई है! आपलोग से अनुरोध है कि अपना साथ व सहयोग बनाये रखे! धन्यवाद
आपका:- ह्रदयेश दुबे (प्रदेश अध्यक्ष)
*टीईटी उत्तीर्ण शिक्षामित्र संघ उत्तर प्रदेश!!*
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