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विवादों में घिरी 4688 पदों की स्टाफ नर्स व एएनएम भर्ती: सरकार ने मानी चूक, नए सिरे से जारी होगी सूची

प्रदेश सरकार की ओर से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत 4688 स्टाफ नर्स और एएनएम पदों की भर्ती विवादों के घेरे में आ गई है। बिना कटऑफ के ही इस परीक्षा का रिजल्ट घोषित कर दिया गया। इससे प्रदेश के हर जिले में अफरातफरी मच गई।
कम नंबर वाले चयनित हो गए, जबकि अधिक नंबर वाले बाहर हो गए। किसी जिले में पांच नंबर पाने वाला चयनित है तो किसी जिले में पचास पाने वाला बाहर। हालांकि इसकी वजह जिलों में अलग-अलग रिजल्ट तैयार होना रहा। इसके लिए कटऑफ भी नहीं तय किया गया। बाद में विभाग न अपनी भूल सुधारते हुए नए सिरे से रिजल्ट जारी करने का फैसला किया। प्रमुख सचिव प्रशांत त्रिवेदी ने बताया कि पूरे प्रकरण की जांच कराकर रिपोर्ट मांगी गई है। 1संविदा के तहत होनी हैं नियुक्तियां : एनएचएम के तहत प्रदेश भर में एएनएम, स्टॉफ नर्स, पीआरओ, लैब टेक्नीशियन और लैब अटेंडेंट के करीब 4688 पदों पर संविदा के तहत भर्ती के लिए 22 जुलाई, 2017 को विज्ञापन निकाला गया। इसके लिए अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन करना था। अंतिम तारीख 14 अगस्त, 2017 तय की गई थी। पांच नवंबर को जिलों में इसके लिए लिखित परीक्षा हुई। 22 दिसंबर को रिजल्ट जारी कर दिया गया, जिसके बाद ही जिलों से शिकायतों की भरमार हो गई। अभ्यर्थियों को भी नहीं समझ में आया कि परिणाम किस तरह निकाला गया है। सोशल नेटवर्किग के जरिये अभ्यर्थियों ने परस्पर बात की तो कई अनियमितताएं सामने आईं।1किसी को तीन अंक तो किसी को 36 : फीरोजाबाद की एक अभ्यर्थी ने एएनएम का रिजल्ट देखा, तो 26 नंबर आए थे और फिर भी नो सलेक्टेड लिखा मिला। उसे पता चला कि आजमगढ़ में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य मिशन के तहत महज आठ अंक पाने वाली अभ्यर्थी को ओबीसी का होने के बाद भी जनरल वर्ग में साक्षात्कार के लिए चयनित किया गया है। वहीं मैनपुरी की एक अभ्यर्थी को 24 अंक मिले हैं। उसका भी चयन नहीं हुआ है। मथुरा की ही ओबीसी की एक अभ्यर्थी का 19 अंक पर चयन नहीं हो सका है। बताया जाता है कि बहराइच में बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मात्र तीन अंक पाने वालों का भी एएनएम पद पर चयन हुआ है। प्रमुख सचिव प्रशांत त्रिवेदी ने बताया कि परीक्षा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं मिली है। यह परीक्षा जिला स्तर पर आयोजित की गई थी और जिला स्तर पर ही परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया। इससे कहीं मेरिट कम हुई और कहीं ज्यादा। उदाहरण के लिए किसी जिले में साठ तक मेरिट चली गई तो कहीं बीस पर ही अटक गई। इससे अभ्यर्थियों को मिले अंकों में अंतर नजर आने लगा। हालांकि उन्होंने यह माना कि कटऑफ न जारी किए जाने से कम अंक वाले भी चयनित हो गए।1सामान्य के लिए 30 अंक कटऑफ : निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पंकज कुमार ने बताया कि कटऑफ बिना रिजल्ट जारी करने के लिए अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी की गई है। कटऑफ भी निर्धारित कर दिया गया है। सामान्य वर्ग के लिए कटऑफ 30 अंक, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 अंक और अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए 22 अंक निर्धारित किया गया है। इससे कम अंक वाले खुद ही बाहर हो जाएंगे। विभागीय सूत्रों के अनुसार लगभग साढ़े तीन सौ चयनित अभ्यर्थी बाहर हो जाएंगे।’>>बिना कटऑफ के जारी कर दिया परीक्षा का परिणाम1’>>सरकार ने मानी चूक, नए सिरे से जारी होगी सूची

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