इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों के अंतर जिला तबादले के लिए शिक्षक सचेत
होकर ऑनलाइन आवेदन करें, क्योंकि प्रदेश के तमाम ऐसे जिले हैं, जहां रिक्त
पद ही नहीं हैं। इसमें प्राथमिक में गाजियाबाद व उच्च प्राथमिक सहायक
अध्यापक वाले 20 जिलों में एक भी स्थान खाली नहीं है।
हालांकि इस बार मंडल
मुख्यालय वाले जिलों में प्राथमिक के सहायक अध्यापकों के पद बड़ी संख्या
में रिक्त हैं। इनमें से कई जिलों में पिछली बार तबादला
आवेदन लेने से ही विभाग ने इन्कार कर दिया था।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्रदेश भर के प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों
के 40 हजार 766 और उच्च प्राथमिक के सहायक अध्यापक के 6719 पद रिक्त हैं।
विभाग कुल रिक्त पदों 47 हजार 485 के सापेक्ष केवल 25 फीसद पदों यानी 11
हजार 871 तबादले करेगा। प्राथमिक स्कूलों में गाजियाबाद इकलौता ऐसा जिला
है, जहां पर सहायक अध्यापक का एक भी पद रिक्त नहीं है। 1वहीं, जौनपुर में
1292, हरदोई में 1285, सीतापुर में 1065, लखीमपुर खीरी में 1036 व बहराइच
में 1011 पद रिक्त हैं। मंडल मुख्यालय के सभी जिलों में प्राथमिक स्कूल के
सहायक अध्यापक के पद बड़ी संख्या में खाली हैं। इनमें इलाहाबाद (666),
वाराणसी (294), लखनऊ (139), गोरखपुर (763), बरेली (774), आगरा (576), मेरठ
(127), मिर्जापुर (647), बस्ती (814), झांसी (362), चित्रकूट (393),
फैजाबाद (568), गोंडा (797), मुरादाबाद (535), कानपुर नगर (289), आजमगढ़
(790) व सहारनपुर (372) पद रिक्त हैं। 1इसके उलट प्राथमिक स्कूल के
प्रधानाध्यापक/उच्च प्राथमिक स्कूल के सहायक अध्यापकों की रिक्त पदों की
संख्या बहुत कम है। बीस जिलों बुलंदशहर, हापुड़, आगरा, मैनपुरी, एटा,
हाथरस, मथुरा, कौशांबी, गाजीपुर, लखनऊ, उन्नाव, देवरिया, बाराबंकी,
सुलतानपुर, अमेठी, मुरादाबाद, अमरोहा, बलिया, मऊ व शामली में एक भी पद खाली
नहीं है। हालांकि लखीमपुर खीरी में 723, शाहजहांपुर में 456, सोनभद्र में
353, गोंडा में 335, बलरामपुर में 323 और बहराइच में 328 पद रिक्त हैं।
परिषद ने जिलावार शिक्षकों के रिक्त पदों की सूची जारी की है, ताकि उसी के
अनुरूप ऑनलाइन आवेदन हो सके। साथ ही छात्र और शिक्षकों का अनुपात भी
गड़बड़ाने न पाए। इसीलिए उच्च प्राथमिक स्कूलों के प्रधानाध्यापकों का
स्थानांतरण करने से इस बार मना किया गया है। 1पहले बड़े शहरों में थी नो
इंट्री : परिषद ने पिछली बार अंतर जिला तबादले के पहले ही प्रदेश के बड़े
शहरों लखनऊ, कानपुर नगर, गाजियाबाद, मेरठ सहित कई जिलों की सूची जारी करके
कहा था कि उन जिलों के लिए शिक्षक आवेदन नहीं करें, क्योंकि वहां शिक्षक तय
पदों से पहले से अधिक हैं। इस बार उन्हीं जिलों में ठीक-ठाक पद हैं। असल
में सपा सरकार ने जाते-जाते बड़ी संख्या में तबादले किए थे, उनमें तमाम
शिक्षक ऐसे भी थे, जो एक वर्ष के अंदर ही दूसरे जिलों में तबादला कराकर
पहुंच गए। इससे रिक्त पद बढ़ गए हैं।
समायोजन निरस्त होना भी बड़ा कारक : सुप्रीम कोर्ट ने बीते 25 जुलाई को एक
लाख 37 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त कर दिया है। यह शिक्षामित्र
समायोजित शिक्षक के रूप में कार्यरत थे। यह भी बड़े जिलों में रिक्त पदों
की संख्या बढ़ने का अहम कारण माना जा रहा है।
प्राथमिक स्कूलों में 40766 व उच्च प्राथमिक में 6719 पद रिक्त
25 फीसद पदों के लिहाज से सिर्फ 12 हजार रिक्त पदों पर होंगे तबादले
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