इलाहाबाद : पांच साल में छह सौ से अधिक भर्तियों की जांच के लिए सीबीआइ
के उप्र लोकसेवा आयोग आने की चर्चा ने प्रतियोगियों में सोमवार को हलचल मची
रही। प्रतियोगी आयोग में अपने संपर्क सूत्रों से सच्चाई जाने का प्रयास
करते रहे। प्रतियोगियों का अब यह भी कहना है कि जांच टीम इलाहाबाद में ही
कैंप कर सकती है,
क्योंकि टीम को तथ्य काफी अधिक जुटाने होंगे। हालांकि
आयोग में सोमवार को सीधे प्रवेश पर पाबंदी रही।1सपा शासनकाल के पांच साल
यानी एक अप्रैल, 2012 से 31 मार्च, 2017 तक यूपीपीएससी से हुई सभी भर्तियों
की जांच सीबीआइ शुरू कर चुकी है। अधिसूचना जारी होने पर पिछले दिनों
सीबीआइ ने लखनऊ में पीई दर्ज कराकर प्रारंभिक जांच प्रक्रिया शुरू कर दी
है। सोमवार को सोशल मीडिया पर कुछ प्रतियोगियों ने जानकारी एक दूसरे से
साझा की कि, दोपहर में सीबीआइ, आयोग पहुंच गई है और कुछ लोगों से गोपनीय
पूछताछ शुरू हुई है। इसके बाद से ही हलचल तेज हुई तो आयोग के अधिकारी तक
परेशान रहे। प्रतियोगियों के दर्जनों फोन कॉल ने आयोग के अधिकारियों और
अन्य संपर्क सूत्रों से जानकारी चाही, वहीं जांच की उत्सुकता में
प्रतियोगियों ने एक दूसरे से जानने की भी कोशिश की। हालांकि शाम छह बजे तक
आयोग ने किसी जांच टीम के आने से इन्कार किया है।
सीबीआइ टीम सोमवार को आयोग नहीं पहुंची लेकिन, आयोग के प्रमुख मार्ग गेट
संख्या-दो से सोमवार को किसी ऐसे व्यक्ति को प्रवेश मिलने में कठिनाई का
सामना करना पड़ा जो आयोग से संबंधित नहीं था। प्रवेश करने वाले हर शख्स को
गेट पर अपनी पहचान बतानी पड़ी और अंदर किससे किस काम से मिलना है इस संबंध
में पूछताछ के बाद ही जाने दिया गया। बताते हैं कि गार्डो को विशेष हिदायत
दी गई है कि किसी को भी सीधे प्रवेश न दिया जाए।
इलाहाबाद में डेरा डाल सकती है सीबीआइ : प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के
पदाधिकारियों के अनुसार एक-दो दिनों में जांच टीम आ जाएगी। टीम को यहां
इसलिए कैंप करना पड़ेगा क्योंकि पांच साल में हुई छह सौ भर्तियों की जांच
होनी है। उसके लिए काफी तथ्य जुटाने होंगे और टीम के यहां बिना रुके यह
संभव नहीं होगा। पहले भी प्रतियोगियों ने टीम प्रभारी राजीव रंजन के
कार्यालय का पता और ई-मेल आइडी तक उपलब्ध कराते हुए साक्ष्य देने का सभी
साथियों से आह्वान किया था।
पूछताछ को आयोग ने नकारा : उप्र लोकसेवा आयोग में सोमवार दोपहर बाद अतिथि
गृह में दो विभागों के प्रभारियों से पूछताछ की चर्चा जोरों पर रही।
हालांकि आयोग ने इसकी पुष्टि नहीं की।
अध्यक्ष व सचिव की लंबी वार्ता : आयोग में सीबीआइ टीम भले ही न पहुंची हो
लेकिन, सचिव जगदीश और अध्यक्ष अनिरुद्ध सिंह यादव की हुई लंबी वार्ता ने
इसकी सुगबुगाहट जरूर दी कि आयोग की अपने स्तर पर तैयारी शुरू हो गई है।
सोमवार को अध्यक्ष के कार्यालय में गहन मंथन हुआ। हालांकि इस बातचीत को
गोपनीय रखा गया है। कहा गया कि चर्चा रुटीन कार्यो को लेकर हुई।
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