परिषदीय शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादले से जिले के सैकड़ों शिक्षकों के
प्रमोशन की उम्मीद टूट जाएगी। ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन इस समय लिये जा
रहे हैं। इसी के साथ उन शिक्षकों में नाराजगी बढ़ने लगी है जो तीन-चार साल
से प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं।
इलाहाबाद के साथ ही वाराणसी, कानपुर,
गाजियाबाद
समेत अन्य जिलों में भी प्रमोशन के लिए पद न बचने से
शिक्षकों को नुकसान होगा। प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापक की
प्रोन्नति प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक या उच्च प्राथमिक स्कूलों
में सहायक अध्यापक पद के खाली पद के सापेक्ष होती है।अब अंतर जनपदीय तबादले
से जितने प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक और उच्च प्राथमिक के सहायक
अध्यापक इलाहाबाद आएंगे उतनी खाली सीटों की संख्या कम हो जाएगी। यह स्थिति
तब है जबकि सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने पिछले दो वर्षों में कई
बार आदेश जारी किया कि जो शिक्षक तीन साल की सेवा पूरी कर चुके हैं उनका
प्रमोशन कर दिया।लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारियों की लापरवाही के कारण
इलाहाबाद में तीन मार्च 2009 के बाद नियुक्त शिक्षकों का प्रमोशन नहीं हो
सका है। 2016 में बहुत कोशिशों के बाद 384 सहायक अध्यापकों की पदोन्नति हुई
लेकिन उनमें से केवल 200 ने हेडमास्टर के पद पर ज्वाइन किया। 144
हेडमास्टर के पदों पर अंतरजनपदीय तबादले से आए दूसरे जिले के शिक्षकों की
तैनाती दे दी गई।
जून 2016 में खंड शिक्षाधिकारियों ने जो आकंड़े उपलब्ध कराए थे उसके अनुसार
सभी ब्लाकों के प्राथमिक स्कूलों में हेडमास्टर के 740 पद खाली थे। वहीं
उच्च प्राथमिक स्कूल में सहायक अध्यापकों में विज्ञान और गणित के लगभग 450
पद रिक्त थे। कुल 1190 रिक्त पदों में से अक्तूबर 2016 में 12 ब्लाकों में
384 पदों पर उन शिक्षकों की पदोन्नति की गई जो फरवरी 2009 तक नियुक्त थे।
जबकि 144 हेडमास्टर अंतरजनपदीय तबादले से आए शिक्षक तैनात हुए। पदोन्नत 384
में से लगभग 200 शिक्षकों ने ही ज्वाइन किया। इस पदोन्नति के बाद भी 2016
में लगभग 396 पद प्राथमिक हेडमास्टर के रिक्त थे। 2017 में कोई पदोन्नति
नहीं हुई।
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