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68500 शिक्षक भर्ती से खुली देश भर के दावेदारों की राह

इलाहाबाद : प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में दूसरे राज्यों के आवेदकों को शामिल करने की भले ही कैबिनेट ने मंगलवार को मंजूरी दी है लेकिन, इसका प्रावधान शासन ने योगी सरकार की पहली में ही कर रखा है। 68500
सहायक अध्यापक भर्ती के लिए जो पंजीकरण हुए और आवेदन चल रहे हैं, वह ताजा नियमों के अनुरूप ही हैं।
ऐसे में परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को देश भर के आवेदकों के लिए अलग से आवेदन नहीं लेना होगा। बेसिक शिक्षा परिषद की की नियमावली को लेकर इधर कई वर्षो से उहापोह रहा है। अक्सर नई भर्ती के समय कई आवेदक हाईकोर्ट में उसके नियमों को चुनौती देते रहे हैं। वह चाहे डीएड अभ्यर्थियों को रोका जाना रहा हो या फिर सीटेट के 82 अंक को सूबे में मान्य करना हो। परिषद व शासन को हाईकोर्ट के निर्देश के बाद नियमों में बदलाव करके नए सिरे आवेदन लेना पड़ा है। बेसिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव ने कुछ माह पूर्व हाईकोर्ट में हलफनामा दिया था कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यानी एनसीटीई के सभी पाठ्यक्रमों को प्रदेश में मान्यता दी जा रही है। इसके बाद कोर्ट में लंबित तमाम याचिकाएं एक झटके में खत्म हो गईं। साथ ही नियमावली में बड़े बदलाव का रास्ता साफ हुआ। योगी सरकार की पहली और सबसे बड़ी 68500 का प्रस्ताव बनाते समय भी अफसरों ने इन निर्देशों का अनुपालन किया। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने प्रस्ताव बनाने के बाद इसे परिषद मुख्यालय भेजा, ताकि उसमें देश भर के अभ्यर्थियों की दावेदारी का नियम जोड़ा जा सके। इसीलिए शासन ने नौ जनवरी को भर्ती की गाइड लाइन जारी उसकी न्यूनतम अर्हता का पहले प्रावधान में ही भारत सरकार व प्रदेश सरकार की प्राथमिक स्तर के टीईटी उत्तीर्ण को मान्य किया। वहीं, दूसरे प्रावधान में कहा गया है कि एनसीटीई की न्यूनतम अर्हता के संबंध में जारी अधिसूचना 23 अगस्त 2010, 29 जुलाई 2011, 12 नवंबर 2014 और 28 नवंबर 2014 में निर्धारित अर्हता वाले परीक्षा 2018 में मान्य होंगे। अब इसी पर कैबिनेट ने भी मुहर लगाई है तब कुछ शिक्षामित्र इसका विरोध कर रहे हैं। शायद उन्होंने की अर्हता सही से देखी ही नहीं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डॉ. सुत्ता सिंह ने बताया कि तय अनुरूप हो रही है, इसमें देश भर के अर्ह अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे गए हैं। ऐसे में अब अलग से आवेदन लेने की जरूरत नहीं है।

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