आज दिनांक 28/03/18 को परिषद अध्यक्ष श्री SP TIWARI जी एवं
परिषद महामंत्री श्री RK NIGAM जी के सानिध्य मे उ0प्र0 प्रा0 मृतक आश्रित
शिक्षणेत्तर कर्मचारी संगठन का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल अपर मुख्य
सचिव
बेसिक शिक्षा द्वारा आहुत आधिकारिक पैनल बैठक मे उपस्थित हुआ, पैनल
बैठक मे शासकीय पक्ष से अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा श्री राज प्रताप सिंह
जी की अध्यक्षता मे सचिव बेसिक शिक्षा श्री मतीन मनीषा त्रिघटिया, संयुक्त
सचिव बेसिक शिक्षा श्री मती ममता यादव, अपर निदेशक बेसिक शिक्षा श्री मती
रूबी सिंह आदि उपस्थित थीबैठक मे अपर मुख्य सचिव ने मृतक आश्रित शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के दो सूत्रीय मांगो पर पैनल मे उपस्थित आधिकारिक प्रतिनिधियों से मुखातिब होते हुए कहा कि इस विभाग मे यह संगठन बहुत दिनों से प्रयासरत है, जिसको लेकर मा0चीफ सेक्रेटरी उत्तर प्रदेश शासन ने भी इस प्रकरण को निस्तारित करने हेतु मुझे कहा है, आप के तरफ से जो आपत्तियां हो उन्हे बताए ताकि शासन स्तर से इनका निवारण किया जा सकें, जिसमे मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन भी सहमत है, आप लोगो को इस मांग पत्र की पूर्ती मे कहा पर समस्या आ रही है वह अवगत कराए जिससे की चीफ साहब की मंशा अनुरूप शासन स्तर पर उसमे आ रही समस्या के निवारण हेतु प्रस्तुत किया जाए,
प्रथम मांग पर विशेष सचिव ने कहा कि इस मांग RTE एक्ट के चलते थोङा मुश्किल है, अपर साहब ने कहा यदि यह लोग RTE एक्ट का पालन करते है तो क्या हो सकता, जिस पर कहा गया कि फिर इनका दो वर्षीय प्रशिक्षण तो कराया जा सकता है, किंतु प्रशिक्षण के लिए इन्हे सिर्फ एक साल ही सवैतनिक अवकाश दिया जा सकता है, शेष एक वर्ष हेतु कोई मार्ग नही है, जिस पर गुरू जी ने कहा कि यह एक वर्ष का अवैतनिक अवकाश पर भी तैयार है, जिस पर हम लोगो ने स्वीकृत जाहिर कर दी, कुछ देर सोचने के बाद राज प्रताप जी ने कहा कि मानवीय दृष्टिकोण से ऐसा उचित नही है, इनके पीछे परिवार भी है, अभी यह जोश मे बात कर रहे है, ठीक है मै इस एक वर्ष हेतु कार्मिक से विषम परिस्थितिजन्य मे आंशिक समय के लिए विशेषाधिकार की बात करता हूँ, इसके बाद यदि कोई समस्या है तो अवगत कराए, जिसपर मनीषा त्रिघटिया जी ने कहा कि चतुर्थ से तृतीय श्रेणी मे अपग्रेड हेतु वित्त एवं कार्मिक विभाग की राय आवश्यक है, साथ ही NCTE को प्रस्ताव देना होगा, अपर सचिव साहब ने कहा की उसकी कोई दिक्कत नही है यह विभागीय कार्य होता है, जो कि समय समय पर प्रस्ताव भेज कर अनुमति ली जाती रही है, द्वितीय मांग पर क्या परेशानी आ रही है, जिस पर अपर निदेशक श्री रुबी सिंह जी ने कहा कि 15/20% का कोटा देकर चतुर श्रेणी से तृतीय श्रेणी मे लिपिक बनाने का प्रावधान पूर्व से ही है, जिस पर गुरू जी ने आक्रोशित होकर कहा कि सर जरा पिछले पांच साल का विवरण मांग कर देख लीजिए कि इस कोटे के तहत प्रदेश मे कितने लोगो को प्रमोट किया गया, जिस पर रूबी सिंह ने कहा कि जितने पद रिक्त होते है उनमे कोटा के सापेक्ष प्रमोट करते है शेष पद 2011 के बाद जो मृतक आश्रित से आवेदन आते है उन्हे सीधे लिपिक पद पर नियुक्ति दी जाती है, इस बात पर राज प्रताप जी ने कहा फिर क्या परेशानी है, तो निगम जी ने कहा यदि ऐसा हो रहा होता तो यह जुबेर/विनोद इस संवर्ग मे कैसे आते, जब आप के पास पद ही नही है तो इन्हे मजबूरन चतुर्थ श्रेणी मे नियुक्ति लेनी पङती है, और यदि किसी जनपद मे एक दो पद रिक्त भी है तो एक अनार सौ बीमार के चलते जिसका वजन ज्यादा होता है उसे लिपिक बना दिया जाता है, रही बात कोटे की तो उसमे भी यही हालात है कि 10-20 वर्ष मे एक आधा पद रिक्त होता है इस हिसाब से 20% कोटा ही नही बन पाता, पद रिक्त रहने की स्थिति मे नवीन आश्रित की नियुक्ति के चलते इनके लिए आरक्षित कोटा भी ङकार लिया जाता है, क्योंकि नवीन मृतक आश्रित को कोटे के पद पर भी नियुक्ति देने का शासनादेश है, मुझे एक बात बताए जब आपके विभाग मे पद ही नही है तो यह टैलेंटेड लङके इसी पद से सेवानिवृत्त की ओर अग्रसर हो जा रहे है, कहने को यह हाई एजूकेटेङ है किन्तु है चतुर्थ श्रेणी, जिसके चलते यह चतुर्थ श्रेणी का भी कार्य नही करते है, जब विभाग मे लिपिक की जबर्दस्त कमी जिसके चलते 4200,4800,5400 की ग्रेड वाला शिक्षक बाबू का काम कर रहा है, ऐसे मे इंटरमीडिएट धारी कर्मचारी जिसकी पांच वर्ष सेवा पूर्ण हो चुकी हो उन्हे बाबू के पद पर अपग्रेड करते हुए शासन हित मे गैर शैक्षणिक कार्य लिया जाए, जिसे करने मे यह संहर्ष तैयार भी है, साथ ही 10 वर्षीय अनुभव के आधार हाईस्कूल पास कर्मचारी को दफ्तरी, आदि पद पर अपग्रेड करना अनुचित नही रहेगा, इसमे शासन के ऊपर कोई ब्ययभार भी नही आएगा, अन्य विभाग मे जैसे हो रहा है, इसमे केवल कार्मिक विभाग से बेसिक शिक्षा के लिए प्रावधान करने की स्वीकृति प्रदान करवा दिया जाए, तो यह सब योग्यता अनुरूप कार्य पा जाएगें, निगम जी के बात समाप्त होने के पहले ही गुरू जी ने कहा कि महोदय यह सब परीक्षण देने को तैयार है बस आप कृपा कर दीजिए, जिस पर अपर साहब ने पैनल मे शामिल समस्त लोगो से मुखातिब होते हुए कहा कि यह कॉन्सेप्ट तो बेसिक की रुपरेखा ही बदल देगा, इसे लागू करने मे क्या बुराई है, दूसरी मांग मे सरकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता भी नही है, और यदि प्रथम मांग पर सरकार के आदेश की आवश्यकता पड़ती है तो सरकार भी प्राथमिक स्तर पर नौनिहालों की प्रारंभिक शिक्षा के प्रति गंभीर है यदि ऐसे एक सुडौल प्रस्ताव विभाग द्वारा बनाया जाए, तो मेरे हिसाब से इन लोगो कि समस्या भी दूर हो जाएंगी, और विभाग को एक अच्छी खासी स्ट्रेंथ भी प्राप्त हो जाएगी, इस पर मेरी तरफ से पूर्ण सहमति है यह कहते हुए अपने PRO को बुलाकर कहा कि अति शीघ्र वित्त एवं कार्मिक के अधिकारियों का समय लेकर बैठक लगवाना सुनिश्चित करें, जिस पर परिषद अध्यक्ष जी द्वारा धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि बैठक मे बनी सहमति की प्रोसाईङिग बनवा दीजिए, जिस पर राज प्रताप जी ने उपरोक्त सभी बिंदुओ को मंथन एवं वित्त एवं कार्मिक के साथ बैठक की प्रस्तावित राय को सूचीबध्द संकलित करते हुए प्रोसाईङिग जारी करने हेतु विशेष सचिव को निर्देशित किया, और तिवारी जी से कहा कि इसे आप तीन दिवसीय अवकाश उपरांत यहा से प्राप्त कर लीजियेगा, मित्रों इस तरह से एक लिखित वा सफल एवं कामयाब बैठक संपन्न हुई, आप सभी को बता देना चाहता हूँ कि बाते तो बहुत हुई किंतु सभी बातों को लिखने मे असमर्थ है, प्रमुख बिंदुओ को ही पोस्ट सामिल करना मुश्किल लग रहा था किंतु जितना हो सका लिख दिया है, बैठक मे परिषद अध्यक्ष/महामंत्री, मृतक आश्रित कर्मचारी संघ से प्रदेश अध्यक्ष श्री जुबेर अहमद, महामंत्री विनोद यादव, प्रदेश सचिव पंकज बाजपेयी, आदि शामिल रहे, एक बात बताना आवश्यक है चलते समय यह कहा गया कि सर ऐसा करके हम आप बहुत बङी कृपा करेगें, जिस पर राज प्रताप जी ने कहा कि इस कुर्सी पर बैठ हम आपके ऊपर कोई अहसान नही कर रहे है यह आपका हक है जिसकी पूर्ती हेतु कदम उठाए जाने आवश्यक है, यह तो बहुत पहले हो जाना चाहिए था, लेकिन जब हो तब ही सही, गुरु जी ने कहा सर एक फोटोग्राफ हो जाए तो उन्होने हाथ जोड़कर कहा कि तिवारी जी हम काम मे विश्वास रखते है, फोटोग्राफ खिंचवाना मेरी आदत मे नही है, किंतु आज आपकी बात नही काटेंगे, इस तरह बैठक हसी खुशी संपन्न हुई
विनोद यादव
प्रदेश महामंत्री
प्रदेश महामंत्री
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