लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार से नाराज सूबे के
शिक्षामित्र इस बार होली का त्यौहार नहीं मनाएंगे। यह निर्णय रविवार को
दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ की प्रांतीय कमेटी की बैठक में लिया गया। बैठक
में साफ तौर पर सरकार को चेतावनी देते हुए कहा गया कि अगर उनकी मांगों पर
जल्द विचार नहीं किया गया तो यूपी के शिक्षामित्र बड़ा आंदोलन करेंगे,
जिसकी जिम्मेदारी शासन की होगी।
जीपीओ में हुई बैठक में उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ ने कहा कि योगी आदित्यनाथ
सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये के चलते शिक्षामित्र नाराज हैं। सरकार उनके
साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। इसे देखते हुए प्रदेश भर में शिक्षामित्र
होली का त्यौहार नहीं मनाएंगे। संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने
कहा कि सहायक अध्यापक के पद से शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने के बाद
से अब तक 400 से अधिक शिक्षामित्रों की अकाल मौत हो चुकी है, लेकिन सरकार
के कान पर जूं नहीं रेंगी। उन्होंने कहा कि अपने संकल्पपत्र में राज्य
सरकार ने शिक्षामित्रों से जो वादे किये थे, उन्हें पूरा करे।
शिक्षामित्रों ने कर दी ये बड़ी मांग
उत्तर प्रदेश
दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने कहा कि
उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों के हितों की अनदेखी हो रही है। जबकि भारत
सरकार द्वारा जारी 10 अगस्त 2017 के आदेश को उत्तराखंड में लागू कर दिया
गया है। मध्य प्रदेश
में तीन लाख से अधि संविदा शिक्षाकर्मियों को परमानेंट किया जा सकता है तो
फिर उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं? अनिल यादव ने कहा कि यूपी के
शिक्षामित्रों के संबंध में सरकार जल्द ही बड़ा सा निर्णय लेते हुए
शिक्षामित्रों का भविष्य 62 वर्ष सुरक्षित करना चाहिये।
'सरकार हमारी सुनो' कार्यक्रम चलायेंगे शिक्षामित्र
अनिल
कुमार यादव ने कहा कि शिक्षामित्र आखिरी बार मार्च में सरकार को समझाने का
प्रयास करेंगे। फिर भी मांगें नहीं पूरी हुईं तो वह बड़ा आंदोलन करने को
विवश होंगे। उन्होंने बताया कि 5 से 10 मार्च के बीच सभी शिक्षामित्र
'सरकार हमारी सुनो' कार्यक्रम चलायेंगे। इसके जरिये वह अपने-अपने क्षेत्र
के सांसद व विधायकों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने नाम अपना मांगपत्र सौंपेगे। मांगपत्र में उल्लेखित
शिक्षामित्रों की मांगों को पूरा करने के लिये सरकार से अपील भी करेंगे।
शिक्षामित्रों के हित में सरकार ने लिये ये फैसले
सुप्रीम
कोर्ट के फैसले के बाद यूपी के शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक के पद पर
समायोजन कैंसिल कर दिया गया था। इसके बाद शिक्षामित्रों ने सरकार के खिलाफ
बड़ा प्रदर्शन किया। सरकार अब शिक्षामित्रों के 10 हजार रुपये प्रतिमाह
मानदेय दे रही है। इसके अलावा सरकार ने शिक्षामित्रों को दो बार में टीईटी
परीक्षा पास करने की छूट देने का वादा किया है। 68500 पदों पर होने वाली
सहायक अध्यापकों के पदों पर भर्तियों में शिक्षामित्रों को वेटेज देने की
भी बात कही है। शिक्षक भर्ती में शिक्षामित्रों को ये वेटेज उनके
कार्यानुभव के आधार पर दिया जाएगा, जो अधिकतम 25 अंकों का होगा।
शिक्षामित्रों के हर साल अनुभव के आधार पर उन्हें 2.5 अंकों का वेटेज
मिलेगा। यह अधिकतम 10 वर्षों के लिये मान्य होगा।
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