शिक्षामित्रों पर बड़ा संकट, अब टूटने लगी हिम्मत, फरवरी में 13 शिक्षामित्रों की मौत

आगरा। सुप्रीम कोर्ट से समायोजन रद्द होने के बाद शिक्षामित्र लगातार संघर्ष में जुटे हुए थे, लेकिन अब उनका धैर्य टूटने लगा है। फरवरी माह की बात करें, तो 12 शिक्षामित्रों की मौत हो चुकी है। शिक्षा मित्र साथियों की मौत के इस सिलसिले से उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ बेहद दुखी है और योगी सरकार की शिक्षामित्रों के प्रति इस उदीसनता को लेकर आक्रोश भी है।

फरवरी में इनकी गईं जानें
12 फरवरी मनोज कुमार प्राथमिक विद्यायल अवागढ़ विकास खण्ड अलीगंज एटा।
13 फरवरी ताराचंद यादव वांगरमउ उन्नाव।
13 फरवरी शमशुल हक अंसारी प्राथमिक विद्यालय कुसैना खुर्द ब्लॉक मेंहदावल जनपद सन्त कबीरनगर।
14 फरवरी विनोद वासले प्राथमिक विद्यालय गदैपुर ब्लॉक अतरौली जनपद अलीगढ़।
15 फरवरी रामजीलाल नगला खन्दा ब्लॉक सासनी हाथरस।
16 फरवरी ओमप्रकाश कुशबाह ताजपुर मौलाना जनपद गाजीपुर।
17 फरवरी विद्या देवी एंराया जनपद फतेहपुर।
20 फरवरी बृजेश कुमार राजपूत महोम्मदाबाद जनपद फर्रुखाबाद।
21 फरवरी नुजरत जहां शाहपुर सैदान ब्लॉक पिहानी जनपद हरदोई।
21 फरवरी शाहिद अख्तर ब्लॉक मंगरौरा जनपद प्रतापगढ़।
22 फरवरी नीरज सिंह नगला जैत ब्लॉक चंडौस जनपद अलीगढ़।
24 फरवरी सुदेश दुबे ब्लॉक राजेपुर जनपद फर्रुखाबाद।
25 फरवरी अनूप तिवारी तिलकपुर ब्लॉक विजयीपुर जनपद फतेहपुर।
सरकार जिम्मेदार
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि इन भी शिक्षामित्र साथियों की मौत की जिम्मेदार सरकार है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपना वायदा पूरा नहीं कर पाए। शिक्षामित्रों की नौकरी जाने के बाद उनके घर में आर्थिक संकट गहरा गया है। शिक्षामित्र साथी परेशान हैं। अधिकतर जानें हार्ट अटैक से जा रही हैं और जो तनाव को नहीं झेल पा रहे हैं, वे खुद ही अपने जीवन का अंत कर रहे हैं।

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