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प्रदेश की नौकरशाही में दलित-ओबीसी पर दांव: जानिए जिलों व मंडलों में जातिवार आईएएस अधिकारियों की तैनाती

इसे मात्र संयोग कहें या राजनीतिक एजेंडा बढ़ाने की चाह। यूपी की नौकरशाही में दलित वर्ग से आने वाले अफसर अहम तैनाती पा रहे हैं। फील्ड में रहने वाले डीएम व एसपी ही नहीं शासन में दलित वर्ग के अधिकारियों को खास पदों पर तैनाती दी गई है। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार की देन है।
जानकार इसे भाजपा के सियासी एजेंडा का हिस्सा मान रहे रहे हैं, जिसके जरिए दलितों व पिछड़ों को लुभाने की मुहिम तेज हो चली है। मिशन 2019 को कामयाब जो बनाना है। मुख्यमंत्री ने नौकरशाही में केवल बदलाव के लिए बदलाव नहीं किए। यही कारण है पिछली सरकार में काम करने वाले अधिकारियों को मुख्यधारा में काम करने का पूरा मौका दिया। खास बात यह कि अधिकारियों की तैनाती में अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण तैनाती पाने वाले दलित वर्ग के अधिकारियों को अब महत्वपूर्ण पद पर रखा है। मसलन गृह विभाग के की कमान दलित अधिकारी के हाथ है तो समाज कल्याण आयुक्त पद भी दलित वर्ग के अधिकारी हैं। स्टांप एंव रजिस्ट्रेशन, वित्त, बाल विकास एवं पुष्टाहार समेत कई विभागों में अन्य पिछड़ा वर्ग व ओबीसी वर्ग के अधिकारी महत्वपूर्ण पदों पर हैं। जिलों में जहां एससी व एसटी वर्ग के 9 आईएएस अधिकारी डीएम बने हैं। मंडलायुक्त पदों पर तीन तो इसी वर्ग से आते हैं। खास बात यह है कि जिलों में डीएम पद पर महिला अधिकारी तैनात हैं। आईपीएस अधिकारियों में गोरखपुर व बरेली में एडीजी दलित वर्ग से हैं। वाराणसी, आजमगढ़ व मिर्जापुर में तैनात आईजी व डीआईजी इसी वर्ग से हैं। कानपुर नगर, फिरोजाबाद, सुल्तानपुर, रायबरेली, हापुड़, मैनपुरी, बांदा, गाजीपुर व कन्नौज में एसपी व एसएसपी भी इसी वर्ग से आते हैं। खास बात यह है कि मौजूदा सरकार में पुलिस महकमे में दलित समुदाय के 25 अधिकारी महत्वपूर्ण पदों पर तैनात हैं। पिछली सरकारो में एक वर्ग विशेष के अफसरों को अहम पो¨स्टग दिये जाने का मुद्दा राजनीतिक तौर पर गर्माता रहा है। सियासी एजेंडे में और भी तीर: भाजपा के तरकश में दलितों व पिछड़ों को लुभाने के लिए और भी तीर हैं। सरकार ने हाल ही में डा. भीम राव अम्बेडकर का नाम बदल कर भीमराव रामजी आंबेडकर करने व इसे सभी अभिलेखों में दर्ज करने का आदेश दिया है। पिछले दिनों सरकार ने आंबेडकर का चित्र सभी कार्यालयों में अनिवार्य रूप से लगाने का आदेश दिया था। अगले महीने आंबेडकर जयंती पर 14 अप्रैल से दलित बाहुल्य बस्तियों में नि:शुल्क बिजली कनेक्शन दिए जाएंगे।

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