सत्यापन के फेर में नहीं हो रही फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई

नीरज ¨सह, कौशांबी जिले में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर कई शिक्षक नौकरी कर रहे हैं। पूर्व बीएसए ने जिले के 23 शिक्षकों का वेतन भी रोक दिया। उसके बाद उन शिक्षकों को बर्खास्त नहीं किया गया।
आफलाइन सत्यापन के चक्कर में सालभर से मामला अटका हुआ है। ऐसे में इन शिक्षकों को बहाल करने की तैयारी चल रही है। इसमें एक मामला तो ऐसा भी है कि पति-पत्नी एक ही अंक पत्र पर नौकरी कर रहे हैं।

जिले में शिक्षक भर्ती के दौरान जमकर खेल हुआ था। सन 2011 में शिक्षकों की भर्ती हुई थी। तब टीईटी के प्रमाण पत्रों में खेल करके कई लोग शिक्षक बन गए। कुछ साल बाद इसकी शिकायत हुई। 2017 में पूर्व बीएसए डीएस यादव ने मामले की जांच की। जांच में पता चला कि 23 शिक्षकों के टीईटी प्रमाण पत्र फर्जी है। आनलाइन प्रमाण पत्रों के सत्यापन में इनके प्रमाण पत्र फर्जी थे। इसमें किसी का अंक बढ़ा था कि किसी के नाम दूसरा था। इसकी सूचना उच्च अधिकारियों की दी गई। फर्जीवाड़े की जद में आए शिक्षकों को नोटिस दिया गया। तब उन लोगों ने कहा कि टीईटी के परिणाम में बदलाव हुआ था, लेकिन वह आनलाइन में अपडेट नहीं हुआ है। इसलिए उनके प्रमाण पत्रों की जांच आफलाइन कराई जाय। प्रमाण पत्रों की आफलाइन जांच के लिए यूपी बोर्ड को पत्र भेजा गया। लेकिन रिपोर्ट नहीं आई तो उन्होंने मई 2017 में इन शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया। उसके बाद उनका तबादला हो गया है। उनके जाने के बाद फर्जी फिर सक्रिय हो गए और वेतन बहाल कराने की जुगत में लग गए। चोरी छिपे इसको लेकर प्रयास भी जारी है। फिलहाल अब तक वेतन जारी नहीं हुआ है। वहीं साल भर होने को है लेकिन अब तक आफलाइन सत्यापन की रिपोर्ट भी नहीं आ रही है। गोपनीयता का हवाला देकर शिक्षा विभाग के अधिकारी मामले को दबाए हुए हैं।


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एक ही अंकपत्र पर पति-पत्नी कर रहे नौकरी

फर्जीवाड़ा की स्थिति यह है कि पति-पत्नी एक ही अंक पत्र में नौकरी कर रहे हैं। पति की तैनात मंझनपुर व पत्नी की तैनात सरसवां विकास खंड क्षेत्र में है। दोनों के नाम के साथ ही ऐसे 23 लोगों के खिलाफ पूर्व में तैनात रहे बीएसए डीएस यादव ने नोटिस भेजकर वेतन रोकने का आदेश दिया था।

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तीन के खिलाफ एफआइआर, दो को छोड़ा

करीब तीन माह पहले बेसिक शिक्षा विभाग ने एक शिकायत पर जांच की तो तीन शिक्षक फर्जी अंक पत्र के आधार पर नौकरी करते मिले। जिस पर विभागीय अधिकारियों की ओर से उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी गई। मामले को लेकर पुलिस ने एक को जेल भेज दिया। जबकि दो के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। वह अभी विद्यालय में तैनात हैं। शिक्षकों की तैनात होने के बाद से अब तक पूर्व में तैनात रहे करीब आधा दर्जन अधिकारी व कर्मचारी इन शिक्षकों के संबंध में की गई शिकायत को दबाने का काम किया है।

बीएसए बोले

- पूर्व बीएसए ने जो फर्जी शिक्षक पकड़े थे। उनके आफलाइन सत्यापन के लिए बोर्ड को पत्र भेजा गया था। अब तक उनके सत्यापन की रिपोर्ट नहीं आई है। इसलिए उन शिक्षकों को वेतन जारी नहीं हुआ है। वह शिक्षक फिर से खेल करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन वह फर्जी है तो बचेंगे नहीं। आफलाइन सत्यापन के बाद उनको बर्खास्त किया जाएगा।


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