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परिषदीय स्कूलों की परीक्षाएं शुरू: कहीं किताब से नकल तो कहीं बोर्ड पर हुआ हल प्रश्नपत्र

लखनऊ(जागरण टीम)। प्राइमरी व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों की वार्षिक परीक्षा का हाल इस बार भी पिछले साल जैसा ही रहा। परीक्षा के दौरान बच्चे स्कूल के बाहर होटलों व दुकानों पर घूमते नजर आए, तो वहीं कुछ बच्चे बस्ते के साथ बैठकर परीक्षा देते दिखे। हालात यह भी रहे कि कई जगह परीक्षा के दौरान शिक्षक नदारद रहे।
गुरुवार को परिषदीय स्कूलों की वार्षिक परीक्षाएं शुरू हो गईं, लेकिन परिषदीय विद्यालयों में परीक्षा के दौरान सुधार के बजाय खामिया ही सामने रहीं। कक्ष में गुरुजी नदारद मिले तो स्कूल में मौजूद प्रधान ने ही कक्ष निरीक्षक की भूमिका निभा कर परीक्षा पूरी कराई। सरोजनीनगर के अंग्रेजी माडल परिषदीय विद्यालय हसनपुर खेवली में परीक्षाएं तो शुरू हुई, लेकिन बच्चों के अनुपात में विद्यालय में शिक्षक नहीं थे। विद्यालय में कक्षा एक से पाच तक 155 बच्चे पंजीकृत है। विद्यालय में एक इंचार्ज अध्यापिका व दो सहायक अध्यापक की तैनाती है, लेकिन गुरुवार को एक सहायक अध्यापिका की ट्रेनिंग में ड्यूटी लगी होने के चलते पाच कक्षाओं में दो शिक्षक ही थे। सुबह हिंदी की परीक्षा में प्रबंध समिति की तरफ से प्रश्नपत्र की सील खोलने पहुंचे प्रधान को विद्यालय में शिक्षकों की कमी दिखी। प्रधान बने विद्यालय में कक्ष निरीक्षक विद्यालय इंचार्ज राजन राज का कहना था कि सहायक प्रीति सिंह बीते ढाई माह से बोर्ड परीक्षा व ट्रेनिंग पर लगी है, जिससे शिक्षण कार्य और अब परीक्षा प्रभावित हो रही। एक कक्ष में निरीक्षक की कमी के चलते राजन राज के कहने प्रधान हसनपुर खेवली सूरज पाल को विद्यालय में कक्ष निरीक्षक की भूमिका निभानी पड़ी। वहीं, मामले में बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी का कहना था कि से किसी भी दशा में प्रधान को परीक्षा कराने का अधिकारी नहीं है। अगर विद्यालय में शिक्षक की कमी थी तो शिक्षाधिकारियों को जानकारी देनी चाहिए थी। मामले की जाच कराई जाएगी। बोर्ड पर ही हल कर दिया प्रश्नपत्र उधर, सरोजनीनगर क्षेत्र के स्कूलों में हुई परीक्षाओं के दौरान कुछ स्कूल में अध्यापकों ने बोर्ड पर ही प्रश्नपत्र हल कर दिया। यहां प्राथमिक विद्यालय गहरू में तैनात शिक्षामित्र किरन प्रथम पाली द्वारा 74 बच्चों की परीक्षा अकेले ही ली जा रही थी। वहीं, स्कूल के प्रधानाचार्य रविकृष्ण मिश्र नदारद थे। इसी कड़ी में स्कूटर इंडिया प्राथमिक विद्यालय में ट्रेनी टीचर स्वयं ही ब्लैक बोर्ड पर प्रश्न पत्र हल करती नजर आईं। होटलों व दुकानों पर घूमते रहे बच्चे परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा के स्तर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि परीक्षा के दिन भी बच्चे होटल व दुकानों पर घूमते नजर आए। यह स्थिति पीजीआई क्षेत्र के मवैया स्थित पंचम खेड़ा प्राथमिक विद्यालय की रही। बच्चों की कम संख्या ने भी खड़े किए सवाल गोसाईगंज क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बेगरिया में कई बच्चे परीक्षा देने ही नहीं पहुंचे। यहा 68 में 54, मलौली में 165 में 158, रहमत नगर में 231 में 221, महमूदपुर में 279 में 268 तथा महमूदपुर पूर्व माध्यमिक विद्यालय में 308 में 297 बच्चे परीक्षा के दौरान हाजिर रहे। रहमत नगर की प्रधानाध्यापिका सुमित्र देवी ने बताया कि कुछ बच्चे खसरे से पीड़ित थे उनको वापस घर भेज दिया गया। क्या कहते हैं अफसर ? लखनऊ के बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी का कहना है कि परीक्षा के दौरान अधिकाश स्कूलों का निरीक्षण किया गया। सभी जगह परीक्षा सामान्य रूप से संपन्न हुईं। यदि कहीं ऐसी लापरवाही हुई है तो जाच कराई जाएगी।
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