इलाहाबाद : मार्च आ गया है। आम अभिभावकों के माथे पर बल और चिंता की
लकीरें हैं। कारण बच्चों का प्रवेश, फीस, कॉपी-किताब का खर्च। अभिभावकों को
सबसे ज्यादा परेशानी प्राइवेट प्रकाशकों की पुस्तकों से है।
नियम के
अनुसार जिस बोर्ड से संबंधित जो भी स्कूल हैं वहां पर उसी बोर्ड के मुताबिक
सिलेबस चले, लेकिन ऐसा होता ही नहीं है। दैनिक जागरण ने इस बारे में
पड़ताल की तो पता चला कि सीबीएसइ बोर्ड के अलग-अलग स्कूलों में अलग-अलग
किताबें चल रही हैं। हर साल प्रकाशक भी बदल दिए जाते हैं। इसी तरह आइसीएसइ
बोर्ड के अलग-अलग स्कूलों में भी अलग-अलग किताबें पढ़ाई जा रही हैं।
पड़ताल में पता चला कि गणित की कक्षा छह के लिए गणित की किताब किसी स्कूल
में 150 रुपये की है तो दूसरे स्कूल में 300 रुपये की। यह अंतर इसलिए है,
क्योंकि ये किताबें अलग-अलग पब्लिकेशन की हैं। यही स्थिति विज्ञान की
किताबों में भी है क्लास छह के लिए एक स्कूल की विज्ञान की किताब 180 रुपये
की है, तो दूसरे स्कूल की किताब 288 रुपये की।
एक ही पुस्तक से पढ़ लेता था खानदान: दारागंज में रहने वाले अभिभावक बिपिन
बिहारी शुक्ला कहते हैं कि एक जमाना था एक किताब से पूरे खानदान के बच्चे
पढ़ लेते थे।
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