इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों की 12460 सहायक अध्यापक भर्ती में बड़ा
फर्जीवाड़ा सामने आया है। अभ्यर्थियों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा यानि
टीईटी और बीटीसी उत्तीर्ण होने का अंक व प्रमाणपत्र लगाकर नियुक्ति पत्र तक
हासिल कर लिया था। मथुरा के बेसिक शिक्षा अधिकारी संजीव कुमार सिंह ने
तत्परता दिखाकर अभिलेखों की छानबीन कराई तो प्रकरण खुल गया।
अब 25 चयनित
शिक्षकों पर एफआइआर करने का चयन समिति ने निर्णय लिया है, वहीं 10 अन्य
चयनित शिक्षकों को नोटिस भेजा गया है। ये कथित शिक्षक 26 मई को अपना पक्ष
बीएसए कार्यालय में रख सकते हैं। 1बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों
में 12460 सहायक अध्यापक भर्ती की प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी। योगी
सरकार बनने पर प्रथम काउंसिलिंग के बाद उस पर रोक लगा दी गई थी। पिछले माह
मुख्यमंत्री के निर्देश पर यह भर्ती पूरी करने का निर्देश हुआ। इसमें पहली
काउंसिलिंग में शामिल हो चुके अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बीते एक मई को
बीएसए कार्यालय से वितरित किया गया। प्रदेश के मथुरा जिले में नियुक्ति
पत्र पाने वालों के अभिलेखों की परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय
इलाहाबाद से जांच कराई गई तो 25 ऐसे अभ्यर्थी मिले जिनके टीईटी व बीटीसी के
अभिलेख फर्जी थे। उन सभी को नोटिस देकर 21 मई को पक्ष रखने के लिए बुलाया
गया। बीएसए ने बताया कि उनमें से मात्र एक अभ्यर्थी चयन समिति के समक्ष
उपस्थित हुआ लेकिन, उसके प्रमाणपत्र भी फर्जी हैं। चयन समिति ने मंगलवार को
बैठक करके निर्णय लिया कि सभी 25 चयनितों पर एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।
ज्ञात हो कि परिषद सचिव संजय सिन्हा ने धोखाधड़ी करके पद हथियाने वालों पर
सख्त कार्रवाई व एफआइआर कराने के निर्देश दिए थे। 1जांच में यह भी सामने
आया कि सात ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्होंने दूसरे जिले से प्रशिक्षण लिया था
लेकिन, विभाग को धोखे में रखकर नियुक्ति पत्र हासिल कर लिया। ज्ञात हो कि
हाईकोर्ट ने दूसरे जिले से प्रशिक्षण पाने वालों को नियुक्त करने पर रोक
लगा रखी है। इस मामले में बीएसए कार्यालय के लिपिक को निलंबित किया जा चुका
है। यही नहीं सातों के अभिलेख भी जांच में फर्जी मिले हैं। इसके अलावा तीन
ऐसे अभ्यर्थी भी पकड़ में आए हैं, जिनके अभिलेख सही नहीं है। सभी दस चयनित
शिक्षकों को बीएसए ने नोटिस जारी किया है और उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए
26 मई को बीएसए कार्यालय बुलाया है। परिषद सचिव ने सभी जिलों में अभिलेखों
की युद्धस्तर पर जांच कराने का निर्देश दिया है।
शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच बाकी, प्रक्रिया शुरू
मथुरा जिले में बड़ी संख्या में फर्जी शिक्षकों के प्रशिक्षण के अभिलेख
फर्जी मिले हैं, अभी उनके हाईस्कूल व इंटर के अंक व प्रमाणपत्र नहीं जांचे
गए हैं। माना जा रहा है कि इनकी जांच होने पर वह भी गड़बड़ मिल सकते हैं।
इसकी जांच कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
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