Wednesday 30 May 2018

68500 शिक्षक भर्ती में जिला वरीयता के संबंध में महत्वपूर्ण लेख

*1) 1981 नियमावली के नियम 2(b) में appointing authority जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी है चाहे जिला वरीयता सहित 20वें संशोधन में हो या जिला वरीयता रहित 21वें 22वें में।*

2) For the sake of argument मान लेते हैं कि 68500 में जिलावरियता नहीं है या हटा दी जाती है। जिला वरीयता यानी प्रशिक्षण जनपद आवेदन बाध्यता।
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*3) नियम 2(b) में नियुक्ति प्राधिकारी BSA है ऐसे में आवेदन आमंत्रित भी यही करेंगे यानी 68500 की विज्ञप्ति जनपद वार ही जारी होगी जैसी अब तक होती आई है।*
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4) आवेदन करने में प्रशिक्षण जनपद से ही आवेदन की बाध्यता नहीं होगी यानी कोई भी किसी भी जनपद में First Counselling में Participate कर सकेगा।
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*5) पर यहां एक बात स्पष्ट नहीं है। परिषद के सचिव द्वारा guidelines में केवल एक ही मनपसंद जनपद में आवेदन के लिए कहा जाएगा या 75 के 75 जनपद में आवेदन लिए जाएंगे इस बारे में कोई लिखित सूचना या प्रावधान अभी तक नहीं मिला है।*
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6) यदि किसी भी एक जिले में आवेदन की बात होगी तो फिर से चयन किस्मत का खेल बन जायेगा और लोग मजबूरी में मल्टीपल आवेदन करेंगे। मदर लिस्ट निकलवाने को लेकर लेन देन और भाईचारे का खेल खेला जाएगा पूरा लॉटरी सिस्टम।
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*7) यदि एक आवेदन की बाध्यता नहीं होती है और 3, 5 या 75 के 75 आवेदन करने की छूट होती है ऐसे में प्रति जनपद शुल्क लिया जाएगा या एक ही जनपद का शुल्क सभी जिलों के लिए मान्य होगा ऐसा भी स्पष्ट नहीं है। स्टेट लेवल कैंडिडेचर के लिए 600 x 75 = 45000₹ तक खर्चने पड़ सकते है।*
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8) इसमें पूरे प्रदेश में कॉउंसीलिंग की एक ही तिथि रखदी जाए तो इस स्टेट लेवल कैंडिडेचर का पूर्ण रूप से लाभ ही नहीं मिले पायेगा क्योंकि पूरा लॉटरी सिस्टम बनकर रह जायेगा।
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*9) सभी 75 जनपद में आवेदन के बाद हर जनपद से पहले कटऑफ डिक्लेअर की जाए उसके बाद कॉउंसीलिंग के लिए बुलाया जाए तब एक ही candidate का नाम सभी 75 जनपद की कॉउंसीलिंग सूची में होगा लेकिन जाएगा तो वो एक ही जिले में। ऐसे में हर बार कटऑफ जारी हुआ करेगी और हर बार जितने बुलाये जाएंगे उससे कहीं कम अभ्यर्थी कॉउंसीलिंग के लिए पहुचेंगे।*
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10) इस सम्भावना को नकारा नहीं जा सकता कि 8 से 10 कॉउंसीलिंग के बाद भी कई जनपदों में सारी रिक्ति न भर पाएं जबकि अभ्यर्थी उपलब्ध हो। कटऑफ को पर्याप्त लेवल तक गिराकर जारी नहीं किया गया तो यही होगा।
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*11) ऐसे में ये भर्ती कई महीनों में भी पूरी नहीं हो पाएगी और अभ्यर्थी कॉउंसीलिंग के बुलावे की बाट जोहते रहेंगे कि कब वो कटऑफ जारी की जाएगी जिसमें वो भी आ रहे हों।*
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12) appointing authority को बदलकर परिषद स्तर पर सचिव या निदेशक को कर देते तब यह नौबत नहीं आती। टेक्नोलॉजी का युग है एक ही आवेदन लेकर उसमें 75 के 75 जनपद का प्रीफेरेंस ऑर्डर लेकर ऑनलाइन कॉउंसीलिंग कराई जा सकती थी। यह टेक्नोलॉजी प्रदेश के पास एक दशक से उपलब्ध है पर अपने आप से कोई करना नहीं चाहता और कोई संघ, एसोसिएशन या मोर्चा इस ओर कार्य करता भी नहीं दिख रहा।
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~AG

PS: कृपया बिंदु 2 दोबारा पढ़ लें।
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