आकस्मिक अवकाश (सीएल) की पहले वाली व्यवस्था लागू नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी, मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के मुख्य संयोजक जेएन तिवारी ने मुख्य सचिव राजीव कुमार को पत्र लिखकर राज्य कर्मचारियों को आकस्मिक अवकाश स्वीकृत किये जाने के लिये जारी की गयी नई व्यवस्था पर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने पुरानी व्यवस्था ही लागू की जाने की मांग की। ऐसा नहीं किये जाने पर आन्दोलन की चेतावनी भी दी है।


उन्होंने कहा है कि राज्य कर्मचारी आकस्मिक अवकाश (सीएल) योजनाबद्ध तरीके से नहीं ले सकता है। यह ऐसा अवकाश है कि जिसे आकस्मिकता की स्थिति में विशेष परिस्थितियों में कर्मचारियों की ओर से मांगा जाता है। किसी भी प्रकार की कैजुअल्टी हो जाना, अचानक विशेष मेहमान आ जाने, परिवार के किसी सदस्य या स्वयं के अचानक बीमार हो जाने, सम्बन्धियों अथवा मित्रों के साथ अचानक दुर्घटना घटित हो जाने जैसी स्थितियां पूर्व नियोजित नहीं हो सकती हैं और ऐसी परिस्थितियों के लिये ही आकस्मिक अवकाश की सुविधा अंग्रेजों के शासनकाल से कर्मचारियों को मिलती चली आ रही है। सरकार कर्मचारियों की आकस्मिकता और उनकी सार्वजनिक जिम्मेदारियों के निर्वहन पर अंकुश लगाकर उनका उत्पीड़न करना चाह रही है। अवकाश की पुरानी व्यवस्था पूर्ववत लागू रखने की मांग की है। ऐसा नहीं किये जाने पर आन्दोलन की चेतावनी भी दी है।