Breaking Posts

Top Post Ad

UPPSC: वीटो पावर से जारी परिणामों को खंगाल रही सीबीआइ, सीधी भर्ती के दर्जनों और दो प्रतियोगी परीक्षाओं के परिणाम संदिग्ध

इलाहाबाद : उप्र लोकसेवा आयोग से हुई भर्तियों की जांच कर रहे सीबीआइ अफसरों को 2012 से 2015 के बीच जारी कई परिणामों ने चौंका दिया है। यह परिणाम पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव के वीटो पावर से जारी हुए। इन पर कई सदस्यों की सहमति नहीं थी। इनमें सीधी भर्ती से हुए चयन परिणाम अधिक हैं।
सीबीआइ को पूर्व अध्यक्ष के वीटो पावर से जारी दो प्रतियोगी परीक्षा समेत सीधी भर्ती के दर्जनों परिणामों पर संदेह है।1आयोग की नियमावली के अनुसार किसी भी परीक्षा का अंतिम परिणाम जारी करने के लिए अध्यक्ष के नेतृत्व में सभी सदस्यों की बैठक में सहमति बनती है। प्रस्ताव पर सभी के हस्ताक्षर होते हैं। लेकिन, सदस्यों की सहमति न होने के बावजूद अंतिम रूप से परीक्षा परिणाम पर मुहर लगाने का अध्यक्ष के पास वीटो पावर होता है। सदस्य को यह छूट होती है कि वह शासन में अपनी असहमति को कारण समेत भेजा सकता है। सूत्रों के अनुसार सीबीआइ को आयोग से जो रिकार्ड मिले हैं उनमें सीधी भर्ती के दर्जनों परिणाम पूर्व अध्यक्ष डा. अनिल यादव के वीटो पावर से जारी हुए। इसके अलावा लोअर सबॉर्डिनेट परीक्षा 2013, आरओ-एआरओ परीक्षा 2013 के परिणाम पर भी सदस्यों ने असहमति जताई थी। आरओ-एआरओ परीक्षा 2013 में तो 22 अभ्यर्थियों की कंप्यूटर डिग्री पर सवाल उठाते हुए दो सदस्यों ने असहमति जताई थी और शासन को अपनी शिकायत भेजी थी। इस बीच तत्कालीन अध्यक्ष ने अपने वीटो पावर से परिणाम जारी कर दिया, शासन ने सदस्यों की शिकायत को उचित मानते हुए 22 अभ्यर्थियों का अभ्यर्थन निरस्त कर दिया था।1सीबीआइ अफसरों को आयोग कर्मियों से ही जानकारी मिली है कि सीधी भर्ती से जो परिणाम पूर्व अध्यक्ष के वीटो पावर से जारी हुए वे संदिग्ध हैं। सीबीआइ यह पता लगाने के प्रयास में है कि बार-बार इस्तेमाल हुए वीटो पावर के पीछे आखिर क्या कारण है। इसमें अगर अभ्यर्थियों के चयन गलत तरीके से होने की जानकारी मिलती है तो आयोग बड़ी मुसीबत से घिर सकता है।

No comments:

Post a Comment

Facebook