लखनऊ : सचिवालय की तर्ज पर ई-ऑफिस की व्यवस्था अब सचिवालय से जुड़े
विभागाध्यक्षों और जिला स्तरीय कार्यालयों में भी लागू होगी। इसके लिए शासन
ने 15 अगस्त की समयसीमा तय की है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ और पीलीभीत
में यह व्यवस्था लागू की जाएगी।
शासन ने ई-ऑफिस व्यवस्था को पुलिस थानों
में भी लागू करने का निर्देश दिया है।1मुख्य सचिव राजीव कुमार ने इस बारे
में शासनादेश जारी कर दिया है। सरकार की मंशा कार्यालयों को कागज रहित
बनाने की है। शासनादेश में कहा गया है कि ई-ऑफिस प्रणाली लागू होने के बाद
सभी जिलों/विभागाध्यक्ष कार्यालयों और शासन के बीच पत्रचार, ट्रांजेक्शन और
सूचनाओं का आदान प्रदान ऑनलाइन किया जाएगा। पत्रवलियों का आदान प्रदान
मैनुअली नहीं होगा। इसके अलावा जनहित गारंटी अधिनियम में शामिल 10 सेवाएं
जैसे कि कर्मचारियों के चिकित्सा अवकाश, पेंशन, जीपीएफ व अर्जित अवकाश की
स्वीकृति, चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति, वेतन भुगतान, पदोन्नति और गोपनीय
प्रविष्टियों पर निर्णय आदि की सभी कार्यवाही इसी प्रणाली के तहत आनलाइन ही
होंगी।
प्रदेश के सभी पुलिस थानों में भी ई-ऑफिस प्रणाली लागू की जाएगी। पुलिस
थानों, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और शासन के बीच सभी पत्रचार व ट्रांजेक्शन
इसी के जरिये होंगे। राज्य संपत्ति विभाग, लोक निर्माण विभाग, वन विभाग और
अन्य विभागों के गेस्ट हाउसों की बुकिंग भी आनलाइन होगी।
एनआइसी करेगा मदद : सचिवालय की ही तरह एनआइसी द्वारा विकसित ई-ऑफिस प्रणाली
विभागाध्यक्ष और जिलास्तर भी विकसित की जाएगी। एनआइसी इसके लिए पूरे
प्रदेश में 80 ई-ऑफिस दृष्टांत बनाए जाएंगे। हर कर्मचारी और अधिकारी को
ई-ऑफिस पर काम करने के लिए डिजिटल सिग्नेचर प्राप्त करना होगा। अधिकारी और
कर्मचारी पूरी दक्षता के साथ इसका प्रयोग कर सकें इसके लिए उनके प्रशिक्षण
भी कराया जाएगा। अगर किसी विभाग को ई-आफिस लागू करने में दिक्कत आ रही हो
तो उसे इसके लिए इंफार्मेशन एंड टेक्नोलाजी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग के
जरिये शासन से छूट लेनी होगी।’
प्रदेश के सभी थानों में भी लागू होगी ई-ऑफिस व्यवस्था
सरकारी गेस्टहाउस की बुकिंग भी होगी ऑनलाइन
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