ALLAHABAD: देशभर में विश्वविद्यालयों की घटती रैंकिंग चिंता का विषय
है. इसमें सुधार के लिए नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग सेंटर की स्थापना की
जा रही है. इसके तहत अगले दस साल में देश के एनआईटी, आईआईटी और
यूनिवर्सिटीज की छवि को बदला जाएगा.
सरकारी के साथ प्राइवेट संस्थाओं की
रैंकिंग भी सुधारी जाएगी. यह बात केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ.
सतपाल सिंह ने सोमवार को सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत में कही.
उन्होंने कहा कि देशभर के विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध
की गुणवत्ता को सुधारने का प्रयास जारी है.
शोध के विषयों पर होगा परामर्श
उन्होंने कहा कि शोध के विषयों की गुणवत्ता व सार्थकता पर भी परामर्श
किया जाएगा. यह तय करने के लिए नेशनल काउंसिल फार रिसर्च की स्थापना की जा
रही है. उन्होंने बताया कि मेधावी छात्रों के लिए 70 हजार प्रति माह की
प्रधानमंत्री रिसर्च फैलोशिप की शुरुआत इसी सत्र से की जा रही है. इसके
परिणाम भी सुखद होंगे.
शिकायतों पर है मंत्रालय की नजर
इस दौरान पत्रकारों के इलाहाबाद विवि सहायक शिक्षक भर्ती मामले को लेकर
भी सवाल किए गए. इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इलाहाबाद विवि शिक्षक
भर्ती समेत तमाम मामलों में अनियमितता पर यूजीसी की कमेटी जो जांच रिपोर्ट
देगी. उसी के आधार पर एक्शन लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि शिक्षक भर्ती
मामले में हमारा मंत्रालय पूरी तरह नजर बनाए हुए है. उन्होंने यह भी काह कि
नई शिक्षा नीति के अंतर्गत विश्वविद्यालयों में सहायक आचार्य की भर्ती में
लिखित परीक्षा का प्रावधान नहीं होगा. एपीआई के आधार पर इंटरव्यू से भर्ती
की जाएगी.
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