इलाहाबाद : एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 2018 में जमा हुए पौने आठ
लाख आवेदन में से परीक्षा के बाद बड़ी संख्या में फार्म निरस्त भी होने की
आशंका है। ऐसे आवेदन निरस्त होंगे जिनमें अर्हता की शर्त पूरी नहीं की गई
है, जबकि हाईकोर्ट के आदेश पर अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने का
औपबंधिक रूप से अवसर मिला है। सत्यापन के बाद इसकी जानकारी हो सकेगी कि
आवेदन सही भरे गए हैं या नहीं। इसके अलावा आवेदन के समय गलत प्रविष्टियां
भरने वालों के आवेदन पर यूपीपीएससी विचार करेगा।
राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में एलटी ग्रेड शिक्षकों के 10768 पदों पर भर्ती के लिए यूपीपीएससी 29 जुलाई को लिखित परीक्षा कराएगा। निर्धारित 18 जून तक पौने आठ लाख ऑनलाइन आवेदन हो चुके हैं। इनमें याचियों के आवेदन भी शामिल हैं। याचियों को आवेदन का मौका चार से 18 जून तक मिला था। याचियों ही नहीं, अन्य अभ्यर्थियों को भी परीक्षा में औपबंधिक रूप से शामिल किया जाएगा, क्योंकि पौने आठ लाख फार्म में भरी गई प्रविष्टियां सही है या गलत, इसकी जांच करना आयोग के लिए तत्काल संभव नहीं है। इनके मूल शैक्षिक अभिलेखों से आवेदन फार्म का मिलान अंतिम रूप से चयन के पहले होना है। सूत्रों का कहना है कि आवेदन गलत भरे हैं, इनकी संख्या 25 से 30 हजार भी हो सकती है। इतना तय है कि परीक्षा में सभी को शामिल किया जाएगा। अर्हता के प्रकरण इलाहाबाद हाईकोर्ट में जाने से पहले ही बहुत से फार्म गलत भरते हुए सबमिट किए गए हैं। इनमें अधिकांश लोग याची भी नहीं बने। इनके फार्म अभिलेख सत्यापन के बाद निरस्त होने तय हैं।
राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में एलटी ग्रेड शिक्षकों के 10768 पदों पर भर्ती के लिए यूपीपीएससी 29 जुलाई को लिखित परीक्षा कराएगा। निर्धारित 18 जून तक पौने आठ लाख ऑनलाइन आवेदन हो चुके हैं। इनमें याचियों के आवेदन भी शामिल हैं। याचियों को आवेदन का मौका चार से 18 जून तक मिला था। याचियों ही नहीं, अन्य अभ्यर्थियों को भी परीक्षा में औपबंधिक रूप से शामिल किया जाएगा, क्योंकि पौने आठ लाख फार्म में भरी गई प्रविष्टियां सही है या गलत, इसकी जांच करना आयोग के लिए तत्काल संभव नहीं है। इनके मूल शैक्षिक अभिलेखों से आवेदन फार्म का मिलान अंतिम रूप से चयन के पहले होना है। सूत्रों का कहना है कि आवेदन गलत भरे हैं, इनकी संख्या 25 से 30 हजार भी हो सकती है। इतना तय है कि परीक्षा में सभी को शामिल किया जाएगा। अर्हता के प्रकरण इलाहाबाद हाईकोर्ट में जाने से पहले ही बहुत से फार्म गलत भरते हुए सबमिट किए गए हैं। इनमें अधिकांश लोग याची भी नहीं बने। इनके फार्म अभिलेख सत्यापन के बाद निरस्त होने तय हैं।