इलाहाबाद : प्रदेश भर के अशासकीय माध्यमिक कालेजों में
शिक्षकों की बड़ी संख्या में कमी है। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र
के पुनर्गठन के बाद यह उम्मीद जगी थी कि मौजूदा सत्र में कालेजों को शिक्षक
मिलने की प्रक्रिया तेज होगी। कालेजों के ग्रीष्मावकाश में ही कुछ विषयों
के साक्षात्कार भी कराए गए। उसका एक माह हो रहा है, अब तक रिजल्ट घोषित
नहीं हो सका है। ऐसे ही 2011 लिखित परीक्षा के रिजल्ट अब घोषित हुए हैं,
उनके साक्षात्कार की तारीख तय नहीं हैं।
प्रदेश में अशासकीय माध्यमिक कालेज हाईस्कूल स्तर के 4531 और इंटर स्तर के 4063 हैं। इन कालेजों में पिछले वर्ष तक प्रधानाचार्य, प्रवक्ता और स्नातक शिक्षकों के साढ़े 12 हजार से अधिक पद खाली हैं, क्योंकि चयन बोर्ड को इन पदों के अधियाचन यानि रिक्त पद मिल चुके हैं। इधर, इस संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। कालेजों में शिक्षक न होने की वजह से इंटरमीडिएट स्तर के 42 ऐसे कालेज रहे हैं, जिनका पिछले वर्ष परीक्षा परिणाम 20 प्रतिशत से भी कम रहा है, वहीं, हाईस्कूल स्तर पर ऐसे कालेजों की संख्या आठ से अधिक है।1चयन बोर्ड में तमाम प्रयास के बाद भी रिजल्ट तेजी से जारी नहीं हो पा रहे हैं, जबकि इन दिनों अध्यक्ष, सदस्य, सचिव व अन्य का स्टाफ पूरा है। जिन विषयों के साक्षात्कार पिछले दिनों हुए हैं उनकी लिखित परीक्षा का परिणाम काफी पहले जारी हुआ और इंटरव्यू के बाद संबंधित बोर्ड ने अभ्यर्थियों के अंक भी मुहैया करा दिए हैं, फिर भी रिजल्ट देने में टालमटोल हो रहा है।