लखनऊः आम आदमी पार्टी ने शिक्षामित्रों को न्याय दिलाने
के लिए कानून में बदलाव करने की वकालत की है। प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद
संजय सिंह ने शनिवार राजधानी लखनऊ में शिक्षामित्रों से मुलाकात की और उनके
आन्दोलन को समर्थन दिया।
उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पदों पर स्थाई नियुक्ति
के मामले को जोरदार तरीके से गुरूवार को राज्यसभा में उठा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने पसंद के सचिव की नियुक्ति
एवं जलीकुट्टी के लिए कानून में संशोधन कर सकते है। एक लाख 72 हजार
शिक्षामित्रों के गरीबी, भुखमरी के दौर से गुजर रहे परिवारों के लिए कानून
में बदलाव क्यों नहीं कर रहे हैं। भाजपा सरकार में महिला शिक्षकों को सिर
मुड़वाने पड़ रहे हैं। गरीबी और अवसाद के कारण 700 शिक्षामित्रों ने
आत्महत्या कर ली है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में तीन महीने के अंदर
शिक्षामित्रों की समस्या के समाधान का वादा किया था। योगी सरकार ने
शिक्षामित्रों को न्याय न दिलाकर उनके उपर लाठियां चलवाई। सिंह ने कहा कि
समान शासनादेश से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में शिक्षामित्रों की नियुक्ति
हुई थी। उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों का डिमोशन हो गया जबकि उत्तराखंड
में समान शासनादेश से एक ही समय में नियुक्त शिक्षामित्र सहायक अध्यापक का
वेतन पा रहे हैं। उन्होंंने कहा कि योगी सरकार चाहे तो उच्चतम न्यायालय का
समान कार्य-समान वेतन का आदेश लागू कर तत्काल शिक्षामित्रों का राहत दे
सकती है।
उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षामित्रों की नियुक्ति को लेकर कई वादे कर चुकी
है। शिक्षामित्रों का पूरा मामला मुख्यमंत्री का समझा हुआ है।
शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर तैनाती देनी चाहिए। शिक्षामित्रों
की इस लड़ाई में आम आदमी पार्टी सड़क से लेकर संसद तक उनके साथ हैं।
0 تعليقات