जिले के अंदर बेसिक शिक्षकों के तबादले पांच अगस्त तक: विकलांग, महिला शिक्षकों को मिलेगी वरीयता

लखनऊ : शासन ने परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों का जिले के अंदर एक से दूसरे विद्यालय में समायोजन/स्थानांतरण पांच अगस्त तक पूरा करने का निर्देश दिया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस बारे में शुक्रवार को शासनादेश जारी कर दिया है।
जिले के अंदर शिक्षकों के समायोजन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित की गई है जिसके सदस्य सचिव जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी होंगे। जिले के अंदर शिक्षकों का समायोजन/स्थानांतरण करने के लिए सबसे पहले विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2017-18 में नवीनतम छात्र नामांकन संख्या प्राप्त कर हर स्कूल में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार अध्यापकों के पदों का निर्धारण किया जाएगा। इसके लिए बेसिक शिक्षा परिषद 30 सितंबर 2017 की छात्र संख्या प्राप्त करेगा और उसके आधार पर स्कूलों में अध्यापकों की संख्या तय की जाएगी। स्कूलों में शिक्षकों के पद तय होने के बाद सबसे पहले शिक्षकों का समायोजन होगा। इसके तहत ऐसे विद्यालय, जहां मानक से ज्यादा शिक्षक तैनात हैं, उन्हें हटाकर मानक से कम अध्यापकों वाले स्कूलों में भेजा जाएगा। समायोजन प्रक्रिया के तहत सबसे पहले विद्यालय के कनिष्ठतम शिक्षक को हटाकर उन्हें यथासंभव उसी ब्लॉक के पास के स्कूल में तैनात किया जाएगा। विकलांग, असाध्य या गंभीर बीमारी से ग्रसित शिक्षकों और महिला शिक्षकों को समायोजन की प्रक्रिया में यथासंभव उनकी सुविधानुसार उसी ब्लॉक में तैनाती दी जाएगी। जिस स्कूल में सरप्लस शिक्षक का समायोजन किया जाएगा, उस विद्यालय में किसी अध्यापक को स्थानांतरित/तैनात नहीं किया जाएगा।

समायोजन/पारस्परिक स्थानांतरण प्रक्रिया में यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई स्कूल एकल न हो तथा किसी भी विद्यालय में शिक्षक-छात्र अनुपात 1:40 से अधिक और 1:20 से कम नहीं होगा। यदि ऐसा होगा तो संबंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। पारस्परिक समायोजन में जिले के भीतर यदि कोई शिक्षक पारस्परिक स्थानांतरण चाहता है तो उस पर समिति द्वारा विचार कर फैसला लेगी। समायोजन में यह भी ध्यान रखा जाएगा कि हर उच्च प्राथमिक विद्यालय में विज्ञान और गणित के शिक्षक उपलब्ध हो।