कैबिनेट के फैसले: अगले चार साल उच्च शिक्षा का बेड़ा पार, शैक्षणिक ढांचे को मजबूत बनाने का बड़ा फैसला

शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और इसे विश्वस्तरीय बनाने में जुटी सरकार ने शैक्षणिक ढांचे को मजबूत बनाने का बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत अगले चार सालों में यानी वर्ष 2022 तक एक लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह पैसा शोध के साथ शैक्षणिक संस्थानों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होगा। इसके साथ ही शैक्षणिक सुधार की राह का एक बड़ा रोड़ा भी खत्म हो गया है।

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने उच्च शिक्षा वित्त एजेंसी (हेफा) के दायरे को भी बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये कर दिया है। जो अब उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ एम्स जैसे स्वास्थ्य संस्थानों, केंद्रीय व नवोदय विद्यालय को भी वित्तीय मदद दे सकेगी। अभी तक इसके दायरे में सिर्फ केंद्रीय विश्वविद्यालय, आइआइटी जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों को ही रखा गया था। सरकार ने अब इसके दायरे में एम्स जैसे स्वास्थ्य संस्थानों और स्कूली शिक्षा के तहत केंद्रीय और नवोदय विद्यालयों को भी जोड़ा है। शैक्षणिक संस्थानों को दी जाने वाली वित्तीय मदद के लिए पांच अलग-अलग विंडो को भी मंजूरी दी गई है। 1तीन केंद्रीय विद्यालयों के लिए रक्षा विभाग की जमीन मंजूर : केंद्रीय कैबिनेट ने दिल्ली, पंजाब के जालंधर और जम्मू व कश्मीर के उधमपुर के लिए रक्षा मंत्रलय की जमीनों के कुछ टुकड़ों को केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) के लिए मंजूर किया है।