खुशबू बनकर गुलों से उड़ा करते हैं, धुआं बनकर पर्वतों से उड़ा करते
हैं, हमें क्या रोकेंगे ये जमाने वाले, हम पंखों से नहीं हौसलों से उड़ा
करते हैं। शाहाबाद विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय पेड़हथा के
प्रधानाध्यापक पंकज त्रिपाठी ने अपने जुनून से ऐसी ही मिसाल पेश की है।
बिना विभाग की मदद से उन्होंने मॉडल विद्यालय बनाया है। स्वच्छ विद्यालय
पुरस्कार योजना में 98 अंक हासिल कर यह विद्यालय राष्ट्रीय पुरस्कार की
दौड़ में भी शामिल हो गया। जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर इस प्राथमिक
विद्यालय की इमारत तीन दशक पुरानी है। प्रधानाध्यापक पंकज त्रिपाठी की वर्ष
2011 में विद्यालय में नियुक्ति हुई। ढाई वर्ष पहले पंकज त्रिपाठी ने
विद्यालय को आधुनिक विद्यालय बनाने का संकल्प लिया और उसे पूरा करके
दिखाया। मुख्य गेट से प्रवेश करते ही गणित के कुछ ज्यामितीय रेखांकन स्वत:
आपका ध्यान आकर्षित करते हैं, जिसमें त्रिभुज, वर्ग, आयत, वृत्त आदि को
भूमि पर ईंटों के माध्यम से चित्रित किया है। प्रधानाध्यापक ने अपने सहयोगी
अध्यापक प्रकाश बाबू, सचिन मिश्र और नूतन की मदद से बनाए इस मॉडल विद्यालय
के चालू शैक्षिक सत्र में 132 बच्चों का पंजीकरण हुआ है। बच्चों को शिक्षा
की धारा से जोड़ने के साथ ही उन्हें जल संरक्षण व पर्यावरण संरक्षण का पाठ
भी पढ़ाया जाता है। विद्यालय में वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम बनाया गया, जिसे
देख कई गांव के लोगों ने भी अपने घरों में इसे बनवाया है। प्रधानाध्यापक
पंकज त्रिपाठी बताते हैं कि विद्यालय के ही एक अन्य सहयोगी रामनिवास ने
करीब 400 पौधे लगाए हैं। खंड शिक्षा अधिकारी मनोज कुमार बोस के उत्साहवर्धन
से विद्यालय शिखर तक पहुंच पाया। प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आरपी
त्रिपाठी विद्यालय ने भी माना कि विद्यालय में बेहतर कार्य हुए हैं।
