जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : बेसिक शिक्षा विभाग में 15000 व 16448
शिक्षकों की भर्ती में हुए फर्जी नियुक्ति के मामले में हाईकोर्ट ने नए
सिरे से जांच का निर्देश बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय को
दिया है।
इसके बाद दर्जनों सहायक अध्यापकों के नौकरी की किस्मत अब बीएसए के
पाले में चली गई है। इससे अब तक नौकरी गंवा चुके शिक्षकों में आशाएं बंधी
है वहीं फर्जी नियुक्ति के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे अभ्यर्थी भी आंदोलन के मूड
में आ गए हैं। इसे लेकर 18 जुलाई से अभ्यर्थी बेसिक शिक्षा अधिकारी
कार्यालय पर धरना प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं।
वर्ष 2016 में जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान जाफरपुर द्वारा 15000 व
16448 शिक्षक भर्ती निकली थी। इसमें 15000 शिक्षक भर्ती में तमाम अभ्यर्थी
नियुक्ति पाने से वंचित हो गए। इसके बाद सैकड़ों शिक्षकों ने विकलांग
प्रमाण पत्र, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का प्रमाण पत्र व अन्य फर्जी
प्रमाण पत्र के आधार पर 16448 शिक्षक भर्ती में नियुक्ति पा ली। इसमें एक
ऐसा भी अभ्यर्थी छोटेलाल है जो प्रथम भर्ती में चयन न होने पर अपनी
मार्कशीट में फर्जी रूप से अंक बढ़ाकर नियुक्ति पा ली। यही नहीं उसने
ऑनलाइन आवेदन भी नहीं किया था। यह कार्य एक लिपिक की गठजोड़ से किया गया है।
यानी कूटरचित अभिलेखों के आधार पर कु. शिवमुनि यादव, यादव उषा, प्रभाकर
मिश्र, छोटेलाल, रमेश यादव एवं रवि राय को फर्जी प्रमाणित किया गया है।
इसकी शिकायत भाजपा गोरखपुर के क्षेत्रीय मंत्री सहजानंद राय ने मंडलायुक्त
से की थी। इसमें कूटरचित अभिलेखों के आधार पर कु. शिवमुनि यादव, यादव उषा,
प्रभाकर मिश्र, रमेश यादव एवं रवि राय को फर्जी प्रमाणित किया गया है।
जिलाधिकारी ने जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी डा. अर्चना ¨सह व अपर
सांख्यिकी अधिकारी सुनील ¨सह को जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी। जांच में
लगभग 100 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति अवैध पाई गई थी। इनके खिलाफ एफआइआर
भी दर्ज कराई गई थी। तभी से इन सभी का वेतन रोक दिया गया है। इसके अलावा 94
सहायक अध्यापकों की नियुक्ति संदिग्ध पाई गई थी। यानी यह लोग भी पूरी तरह
से फर्जी थे। अभी यह जांच प्रक्रिया चल रही थी कि सांख्यिकीय अधिकारी व अपर
सांख्यिकीय अधिकारी का तबादला हो गया। अब हाईकोर्ट ने बीएसए को पूरी जांच
की जिम्मेदारी सौंपी है। इससे दोनों पक्ष की भृकुटी तनी हुई है। संबंधित
क्षेत्र के सभी खंड शिक्षा अधिकारियों से इनके मूल प्रमाण पत्रों की जांच व
यूनिवर्सिटी से मिलान करने को कहा गया है। जांच कमेटी गठित कर दी गई है।
जांच रिपोर्ट आते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल किसी भी दोषी को
बख्शा नहीं जाएगा।
देवेंद्र कुमार पांडेय, बेसिक शिक्षा अधिकारी।
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