मिर्जापुर। शिक्षकों की कमी के चलते परिषदीय विद्यालयों में नए शिक्षण सत्र
में पठन-पाठन प्रभावित होगा। विद्यालयों में शिक्षकों की कमी पहले से ही
थी लेकिन गृह जनपद में 318 शिक्षकों का स्थानांतरण होने के बाद शिक्षकों की
और कमी हो गई है।
स्थानांतरित हुए शिक्षकों की जगह पर स्थानांतरण होकर आए
महज 13 शिक्षकों ने कार्यभार ग्रहण किया है। आगामी दो जुलाई को विद्यालय
खुल जाएंगे लेकिन शिक्षकों की कमी दूर करने की दिशा में कोई ठोस पहन नहीं
किया गया है।
परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के चलते प्रति वर्ष पढ़ाई बाधित
होती है। जिले के बहुत से स्कूल एकल शिक्षक के भरोसे हैं। विभाग हर साल
शिक्षकों की कमी पूरी करने का दावा तो करता है लेकिन ऐसा नहीं हो पाता है।
आगामी दो जुलाई से स्कूल खुल रहे हैं लेकिन शिक्षकों की कमी दूर नहीं हुई
है। जनपद के 1611 परिषदीय और 599 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाई के
लिए कुल 4809 शिक्षक, अनुदेशक 739 और 2618 शिक्षामित्र तैनात हैं। इनमें से
44 स्कूल शिक्षामित्रों के भरोसे चल रहे हैं। अंतरजनपदीय स्थानांतरण के
चलते 318 शिक्षकों का स्थानांतरण अपने गृह जनपद में हो गया जबकि उनकी जगह
महज 13 शिक्षक आए हैं जिन्होंने कार्यभार ग्रहण किया है। ऐसे में शिक्षकों
की कमी के चलते करीब 100 स्कूलों में शिक्षण कार्य पूरी तरह से प्रभावित हो
जाएगा।
शिक्षकों की कमी को देखते हुए मंडलायुक्त मुरली मनोहर लाल ने
13 जून को जिले से अन्यत्र स्थानांतरित हुए शिक्षकों को कार्यमुक्त करने के
आदेश पर रोक लगा दी थी। शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की दिशा में
मंडलायुक्त का यह निर्णय उचित था लेकिन स्थानांतरित शिक्षकों की वरिष्ठता,
वेतन आदि के नुकसान को देखते हुए शिक्षक हित में उन्होंने कार्य मुक्त करने
के आदेश पर लगी रोक को हटा दिया था।
बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने कहा
कि परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने का प्रयास किया जा
रहा है। इसके लिए शासन को पत्र भेजा गया है। जिन विद्यालयों में शिक्षक कम
हैं वहां अन्य विद्यालयों से शिक्षकों को संबद्ध किया जाएगा।