जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जिले में इन दिनों परिषदीय विद्यालयों में
शिक्षकों की समस्या बढ़ गई है। अंतरजनपदीय तबादलों से शिक्षकों की संख्या
काफी कम हो गई है। इससे सैकड़ों विद्यालय शिक्षक विहीन हो गए हैं अब वहां पर
शिक्षामित्रों के सहारे संचालन हो रहा है।
एकल शिक्षक विद्यालय तो पहले भी
थे अब उनकी संख्या और बढ़ गई है।
जिले में प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों की संख्या 2309 है।
इनमें से 144 विद्यालय शिक्षामित्रों के सहारे चल रहे हैं। करीब तीन सौ
विद्यालय एकल शिक्षक हैं। वर्तमान में जिले में परिषदीय विद्यालयों में दो
लाख 57 हजार से अधिक विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इसी प्रकार लगभग छह से सात
हजार के बीच शिक्षक व 24 सौ शिक्षामित्र कार्यरत हैं। सुदूरवर्ती विकास खंड
के विद्यालयों में अधिकांश विद्यालय शिक्षक विहीन हैं। यहां पर
शिक्षामित्र ही स्कूल संचालन कर रहे हैं। इसी प्रकार तकरीबन तीन सौ
विद्यालय एकल शिक्षक हैं अर्थात इन विद्यालयों में एक ही शिक्षक तैनात हैं।
इससे पठन-पाठन का कार्य प्रभावित हो रहा है। 325 गए मात्र 12 आए
अंतरजनपदीय तबादलों के चलते जिले से 325 शिक्षक गैर जनपदों के लिए
स्थनांतरित हुए लेकिन गैर जनपदों से इस जिले में मात्र 12 ही आए। इससे
शिक्षकों की तीन सौ से अधिक की कमी हो गई। इससे भी विद्यालयों के संचालन
में बाधा आ रही है। राजकीय कन्या पू. वि. में लटक रहा ताला
चुनार के कोलना स्थित राजकीय कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय में इन
दिनों ताला लटक रहा है। यहां पर दो शिक्षक थे जो अवकाश प्राप्त कर चुके
हैं। अब यहां पर ताला बंद रहता है। इससे आसपास की बालिकाओं को शिक्षा के
लिए दूर जाना पड़ता है। इन सबसे भी परेशानी बढ़ रही है। वर्जन ..
शिक्षकों की कमी तो है लेकिन उसे व्यवस्थित करने का प्रयास किया जा रहा
है। अंतरजनपदीय स्थानांतरण से भी समस्या बढ़ी ही है। कोलना के राजकीय
कन्या जूनियर हाईस्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति शासन स्तर से होती है।
इसलिए वहां पर न तो शिक्षकों की नियुक्ति हो पा रही है और न ही परिषदीय
शिक्षकों को वहां संबद्ध किया जा सकता है।
- प्रवीण कुमार तिवारी, बीएसए, मीरजापुर।
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